1. भूकंप :- हिमाचल प्रदेश में अब तक का विनाशकारी भूकंप 4 अप्रैल, 1905 ई. में काँगड़ा में आया था। इसमें करीब 20,000 जानें गई थी और लगभग 6,00,000 वर्ग मील तक इसका असर पड़ा था। यह भूकम्प रिक्टर पैमाने पर 8 तक मापा गया था। हिमाचल प्रदेश हिमालय पर्वत के उस क्षेत्र में पड़ता है, जहाँ पर भूकंप के झटके लगने की संभावना ज्यादा पाई गई है।
2. बादल फटना :- बादल फटने की घटना आमतौर पर 2000 मी. से 3000 मी. तक की ऊँचाई के क्षेत्रों में पाई गई है। यह घटना मुख्यत: वर्षा ऋतु में घटती है। कुल्लू व शिमला जिलें मुख्यतः इस प्राकृतिक आपदा से अधिक प्रभावित रहे हैं।
3. बाढ़ :- हिमाचल प्रदेश में मुख्यतः बाढ़ आने का कारण बादल फटना है। बादल फटने से नदियों का जल स्तर एकाएक बढ़ जाता है और अपने तटवर्ती क्षेत्रों में जान-माल को भारी हानि पहुंचाता है।