लोकोक्तियाँ:lokoktiyan – अर्थ और उदाहरण सहित 🪔

🪔 लोकोक्ति (Lokokti) क्या है?
लोकोक्ति संस्कृत भाषा का शब्द है।
🔤 यह शब्द दो भागों से मिलकर बना है:
🧑‍🤝‍🧑 ‘लोक’ ➕ ✍️ ‘उक्ति’
📌 अर्थ: लोक में प्रचलित कथन या उक्ति।
🗣️ जब कोई पूरा वाक्य किसी विशेष प्रसंग में अर्थपूर्ण रूप से बोला जाए, तो उसे लोकोक्ति कहा जाता है।
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lokoktiyan

लोकोक्ति की व्याख्या:
✍️ डॉ. भोलानाथ तिवारी के अनुसार:
📝 “विभिन्न प्रकार के अनुभवों, पौराणिक एवं ऐतिहासिक व्यक्तियों और कथाओं, प्राकृतिक नियमों तथा लोक विश्वासों पर आधारित, चुटीली, सारगर्भित, संक्षिप्त और लोक में प्रचलित उक्तियाँ लोकोक्ति कहलाती हैं, जिनका प्रयोग किसी बात की पुष्टि, विरोध, सीख या भविष्य-कथन के लिए किया जाता है।”

🧠 इसका मतलब यह है कि लोकोक्तियाँ केवल कहावतें नहीं, बल्कि समाज के दीर्घकालिक अनुभवों का निचोड़ होती हैं, जो व्यावहारिक जीवन में मार्गदर्शक बनती हैं।

🎭 लोकोक्ति की प्रमुख विशेषताएँ:
✅ यह स्वतंत्र वाक्य होते हैं, न कि केवल वाक्यांश।
✅ इनमें सीख, तर्क, अनुभव, और विनोद का समावेश होता है।
✅ इनका प्रयोग किसी घटना, व्यवहार, या स्थिति की गहराई से व्याख्या करने के लिए किया जाता है।
✅ ये समाज में जनमानस द्वारा पीढ़ी-दर-पीढ़ी बोली जाती रही हैं।
✅ संस्कृत में, लोकोक्ति को अलंकार (शब्द-सौंदर्य का एक प्रकार) के अंतर्गत भी माना गया है।

लोकोक्ति और कहावत:
🟠 लोकोक्ति को आमतौर पर कहावत भी कहा जाता है।
📌 लेकिन ध्यान रहे –
🔹 लोकोक्ति एक पूरा वाक्य होती है जो पूर्ण अर्थ देती है।
🔹 मुहावरे केवल वाक्यांश होते हैं और उन्हें अर्थपूर्ण बनाने के लिए पूरे वाक्य में प्रयोग करना पड़ता है।

🎯 लोकोक्तियाँ क्यों आवश्यक हैं?
🌱 सामाजिक ज्ञान का स्रोत
📚 नैतिक और व्यवहारिक शिक्षा का माध्यम
🧩 भाषा को प्रभावशाली, सहज और रोचक बनाने वाला उपकरण
💬 लेखन, वाचन और भाषण में अर्थ की तीव्रता बढ़ाने वाली शैली

लोकोक्तियों के प्रकार (Types of Proverbs in Hindi)

📚 लोकोक्तियों के प्रकार (Types of Proverbs in Hindi)

हिन्दी साहित्य कोश के सहयोगी लेखक डॉ. सत्येन्द्र ने लोकोक्तियों को दो प्रमुख प्रकारों में विभाजित किया है:

🧩 1. पहेली (Paheli – Riddle)

🔍 पहेली भी लोकोक्ति का ही एक रूप है, जो लोकबुद्धि, मनोरंजन और परीक्षा का साधन मानी जाती है।

📌 विशेषताएँ:
🔸 पहेली में एक वस्तु के लिए कई शब्दों का उपयोग होता है।
🔸 इसका उद्देश्य वस्तु को छुपाकर प्रस्तुत करना होता है।
🔸 यह बुद्धि और कल्पना शक्ति की परीक्षा लेती है।
🔸 इसका संबंध भाव से नहीं बल्कि बौद्धिक कौशल से होता है।

📖 उदाहरण:
एक पाँव का प्राणी दौड़े चौबीस पाँव,
सरपट भागे रस्ता चूमे ना गिरे कहीं पर पाँव।
👉 उत्तर: रथ

🧠 विश्लेषण:
यह एक पहेली है जिसमें एक वस्तु (रथ) को प्रतीकों में छुपाकर प्रस्तुत किया गया है। यह भी एक प्रकार की लोकोक्ति है क्योंकि यह लोक में प्रचलित और बुद्धिपरीक्षक है।

💬 2. कहावत (Kahavat – Saying)

🗣️ कहावतें वे लोकोक्तियाँ हैं, जो जीवन के अनुभव, शिक्षाप्रद घटनाओं, सामाजिक सत्य और नैतिक मूल्यों को संक्षिप्त और प्रभावी रूप में प्रस्तुत करती हैं।

📌 विशेषताएँ:
🔸 कहावतें भाव से जुड़ी होती हैं और गूढ़ अर्थ लिए होती हैं।
🔸 यह सूत्रात्मक शैली में कही जाती हैं।
🔸 कहावतों में घटना, अनुभव, या व्यवहार की अभिव्यक्ति होती है।
🔸 यह व्यक्त बात को व्यापक अर्थ में प्रस्तुत करती है।

📖 उदाहरण:
🔹 नाच न जाने आँगन टेढ़ा।
🔹 ऊँची दुकान फीका पकवान।
🔹 अधजल गगरी छलकत जाए।

🧠 विश्लेषण:
इन कहावतों में सामाजिक व्यवहारों और मानसिकताओं की झलक मिलती है। जैसे “नाच न जाने…” यह कहावत अयोग्यता को ढँकने वाले बहानों को उजागर करती है।

⚖️ पहेली और कहावत में अन्तर व समानता (Difference & Similarity)

⚙️ पक्ष

🧩 पहेली

💬 कहावत

🎯 उद्देश्य

मनोरंजन व बुद्धि-परीक्षण

जीवन के अनुभवों की प्रस्तुति

🧠 शैली

प्रतीकात्मक व गूढ़

सूत्रात्मक व सटीक

📌 प्रकृति

वस्तु को छिपाना

बात को उजागर करना

📣 प्रयोग

प्रश्नात्मक रूप में

कथात्मक रूप में

🤝 समानता

दोनों ही लोक में प्रचलित, संक्षिप्त, चुटीली और शिक्षाप्रद हैं।

 

🧠 लोकोक्ति बनाम कहावत बनाम मुहावरा – सूक्ष्म भेद

📌 ‘लोकोक्ति’ एक व्यापक शब्द है जिसमें कहावतें और पहेलियाँ दोनों समाहित होती हैं।
📌 ‘कहावत’ लोकोक्ति का ही अधिक लोकप्रिय और व्यावहारिक रूप है।
📌 ‘मुहावरा’ एक वाक्यांश होता है जिसे पूरा वाक्य बनाकर अर्थपूर्ण किया जाता है, जबकि लोकोक्ति और कहावत स्वयं पूर्ण वाक्य होते हैं।

🆚 लोकोक्ति और मुहावरा में अंतर

(🔍 Difference between Lokokti and Muhavara)

🔸 लोकोक्ति और मुहावरा, दोनों ही हिंदी भाषा के अभिन्न अंग हैं। ये भाषा को प्रभावशाली, सुंदर और रोचक बनाते हैं, परंतु दोनों में कुछ महत्वपूर्ण अंतर होते हैं।

📊 तालिका द्वारा तुलना:

विशेषताएँ 🔎

लोकोक्ति (Proverb) 🗣️

मुहावरा (Idiom) 💬

🔤 रूप

स्वतंत्र वाक्य

वाक्यांश (phrase)

🧠 अर्थ

पूरा भाव स्पष्ट करती है

भाव सूचित करती है, पर पूरा वाक्य बनने पर ही अर्थ स्पष्ट होता है

🧩 प्रयोग

अकेले प्रयोग में भी अर्थपूर्ण

वाक्य में प्रयुक्त होने पर ही अर्थपूर्ण होता है

🎯 उद्देश्य

शिक्षा देना, सीख देना, कटाक्ष करना

भाषा में चातुर्य और रंग भरना

📚 उदाहरण

“नाच न जाने आँगन टेढ़ा।”

“नाक कटना” (इज्जत जाना)

📝 उदाहरण द्वारा अंतर स्पष्ट करें:

लोकोक्ति उदाहरण:

🔹 “जो गरजते हैं वो बरसते नहीं।”
👉 अर्थ: जो बहुत डींगें मारते हैं, वे वास्तव में कुछ नहीं करते।

मुहावरा उदाहरण:

🔹 “नाक कट गई”
👉 अर्थ: अपमान होना या प्रतिष्ठा खो बैठना।
📌 पूरा वाक्य: लड़ाई हारकर उसकी नाक कट गई।

🌟 100 प्रसिद्ध लोकोक्तियाँ (Proverbs in Hindi)

🌟 100 प्रसिद्ध हिंदी लोकोक्तियाँ (Proverbs in Hindi) 🌟

🐾 अंधेर नगरी चौपट राजा।
अर्थ: शासन व्यवस्था खराब हो।
उदाहरण: स्कूल में अनुशासन नहीं था — अंधेर नगरी चौपट राजा।

🐝 अधजल गगरी छलकत जाए।
अर्थ: कम ज्ञान वाला अधिक दिखावा करता है।
उदाहरण: वह हमेशा झूठ बोलता है — अधजल गगरी छलकत जाए।

🌱 आसमान से गिरे खजूर में अटके।
अर्थ: बुरी स्थिति से बेहतर स्थिति में फँसना।
उदाहरण: नौकरी से निकला, कारोबार में फँस गया।

🦅 आखिर कब तक हाथ फैलाओगे?
अर्थ: दूसरों पर निर्भरता छोड़ो।
उदाहरण: मेहनत करो, हाथ फैलाना बंद करो।

🔥 आगे कुंआ पीछे खाई।
अर्थ: दोनों ओर खतरा होना।
उदाहरण: मुश्किल स्थिति में था — आगे कुंआ पीछे खाई।

🐍 साँप भी मर जाये और लाठी भी न टूटे।
अर्थ: बिना नुकसान के समाधान।
उदाहरण: समस्या हल की, साँप भी मर गया और लाठी भी न टूटी।

🐄 दूध का दूध और पानी का पानी करना।
अर्थ: न्याय करना।
उदाहरण: न्यायाधीश ने फैसला दिया — दूध का दूध पानी का पानी।

🐦 हाथ कंगन को आरसी क्या।
अर्थ: स्पष्ट चीज़ का प्रमाण नहीं चाहिए।
उदाहरण: वह चोरी कर रहा है, हाथ कंगन को आरसी क्या।

🎯 नाच न जाने आँगन टेढ़ा।
अर्थ: अपनी गलती छिपाने के लिए बहाना।
उदाहरण: वह काम नहीं कर पाता, नाच न जाने आँगन टेढ़ा।

🐘 हाथी के दांत दिखाने के और, खाने के और।
अर्थ: दिखावा और असल में फर्क।
उदाहरण: उसका व्यवहार अलग है — हाथी के दांत।

🐓 मुंह में राम बगल में छुरी।
अर्थ: छुपा हुआ दुश्मन।
उदाहरण: दोस्त नहीं, मुंह में राम बगल में छुरी।

🌾 खाली बर्तन ज्यादा बजता है।
अर्थ: कम ज्ञान वाला ज्यादा बोलता है।
उदाहरण: खाली बर्तन ज्यादा बजता है।

🐴 घोड़े बेचकर नल बेच।
अर्थ: बुरी स्थिति में चीज़ें बेच देना।
उदाहरण: उसने सब कुछ बेच दिया — घोड़े बेचकर नल बेच।

🌾 जब जागो तभी सवेरा।
अर्थ: देर से किया काम भी लाभकारी।
उदाहरण: मेहनत करो, जब जागो तभी सवेरा।

🍎 एक हाथ से ताली नहीं बजती।
अर्थ: सहयोग के बिना काम नहीं चलता।
उदाहरण: टीमवर्क जरूरी है — एक हाथ से ताली नहीं बजती।

🐶 कुत्ते की दुम टेढ़ी की टेढ़ी।
अर्थ: स्वभाव नहीं बदलता।
उदाहरण: उसका स्वभाव नहीं बदलेगा।

🕸️ जैसे को तैसा।
अर्थ: जैसा व्यवहार वैसा फल।
उदाहरण: जैसा करोगे वैसा भरोगे।

🐔 मुर्गा मिलने पर तिनके की कदर।
अर्थ: बड़ी चीज़ मिलने पर छोटी की कदर।
उदाहरण: नया मोबाइल लेकर पुरानी फोन की कदर।

🦢 ऊँट के मुँह में जीरा।
अर्थ: बहुत कम देना।
उदाहरण: तनख्वाह कम है — ऊँट के मुँह में जीरा।

🐜 चींटी के सिर पर हाथ रखना।
अर्थ: अनहोनी से बचना।
उदाहरण: चींटी के सिर पर हाथ रखना।

🌪️ घर की मुर्गी दाल बराबर।
अर्थ: अपने पास की चीज़ की कदर न करना।
उदाहरण: अपने गाँव की बातें नहीं सुनते।

🍂 गागर में सागर।
अर्थ: छोटे में बड़ा होना।
उदाहरण: वो बच्चा कम बोलता है पर काम बड़ा करता है।

🔨 घर का भेदी लंका ढाए।
अर्थ: अपने ही घर का आदमी नुकसान पहुंचाए।
उदाहरण: जानकारी लीक करने वाला घर का भेदी।

🌻 गधे को क्या पता गन्ने की मिठास।
अर्थ: मूर्ख को चीज़ों का स्वाद न आना।
उदाहरण: बेमतलब की बात पर ध्यान न दो।

🐴 घिसटते चलो घिसटते चलो, छाँव मिलेगी कहीं।
अर्थ: धीरे-धीरे प्रयास से सफलता मिलती है।
उदाहरण: मेहनत करते रहो, सफलता जरूर मिलेगी।

🍀 चोर की दाढ़ी में तिनका।
अर्थ: दोषी को पहचानना आसान।
उदाहरण: उसने चोरी की, चोर की दाढ़ी में तिनका।

🌕 चाँद पर हाथ रखना।
अर्थ: असंभव काम करना।
उदाहरण: इतना पैसा कमाना आसान नहीं, चाँद पर हाथ रखना।

🦊 चालाकी में सियार भी शेर।
अर्थ: चालाक व्यक्ति बड़ा काम कर सकता है।
उदाहरण: चालाकी से उसने काम बना लिया।

🐍 साँप को न घूस, न छूना।
अर्थ: खतरनाक चीज़ से दूर रहना।
उदाहरण: उसके साथ मत उलझो — साँप को न घूस, न छूना।

🐦 कौआ चला हंस की चाल।
अर्थ: अपना स्वरूप बदलकर दिखावा करना।
उदाहरण: वह नौकरशाह बनकर बड़ा दिखावा करता है।

🌵 दूध का जला छाछ भी फूँक-फूँक कर पीता है।
अर्थ: धोखा खाने के बाद सतर्कता।
उदाहरण: धोखा खाकर उसने सतर्क हो गया।

🦌 न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी।
अर्थ: आवश्यक संसाधन न हो तो कार्य संभव नहीं।
उदाहरण: बिना मेहनत के फल नहीं मिलता।

🍎 नाक कट जाना।
अर्थ: अपमानित होना।
उदाहरण: झूठ पकड़े जाने पर उसका नाक कट गया।

🌾 नानी याद आना।
अर्थ: संकट में परिवार याद आना।
उदाहरण: जेल में बंद होकर उसकी नानी याद आई।

🦅 निकल पड़े तो भौंका नहीं करता।
अर्थ: जो काम की बात हो, उसी पर प्रतिक्रिया।
उदाहरण: सही बात पर ही गुस्सा आता है।

🐴 ना नौ मन तेल होगा ना राधा नाचेगी।
अर्थ: संसाधन न होने पर कार्य नहीं होगा।
उदाहरण: बिना तैयारी के परीक्षा में सफलता नहीं।

🐱 न cat की मौत।
अर्थ: किसी काम का कोई निशान न होना।
उदाहरण: मेहनत तो की, पर न cat की मौत।

🦊 नीम हकीम खतरे-ए-जान।
अर्थ: अधकचरे डॉक्टर खतरनाक।
उदाहरण: फर्जी डॉक्टरों से बचो।

🍂 पानी में रहकर मगर से वैर करना।
अर्थ: आश्रयदाता से वैर करना।
उदाहरण: मुखिया को धोखा मत दो।

🐓 प्यादे से फरजी भयो टेढ़ो-टेढ़ो जाय।
अर्थ: छोटा आदमी बड़ा बनकर घमंडी।
उदाहरण: पद मिला तो घमंड किया।

🐵 बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद।
अर्थ: मूर्ख को चीज़ का ज्ञान नहीं।
उदाहरण: रसिकता न समझना।

🐅 बारह बरस में घूरे के दिन भी फिरते हैं।
अर्थ: कभी न कभी भाग्य चमकता है।
उदाहरण: मेहनत करो, सफलता मिलेगी।

🐃 भैंस के आगे बीन बजाना।
अर्थ: मूर्ख के सामने बुद्धिमानी।
उदाहरण: वह बात नहीं समझेगा।

🦅 मार के आगे भूत भागता है।
अर्थ: मार से डरना स्वाभाविक।
उदाहरण: जब पिटाई होगी तो डरेगा।

🦉 मुँह में राम बगल में छुरी।
अर्थ: छुपा दुश्मन।
उदाहरण: दोस्त नहीं, धोखा देगा।

🌞 मान न मान मैं तेरा मेहमान।
अर्थ: जबरदस्ती साथ रहना।
उदाहरण: बिना बुलाए आया।

🐒 यथा नाम तथा गुण।
अर्थ: नाम के अनुसार गुण।
उदाहरण: सेवकराम जैसा नाम, वैसा व्यवहार।

🦄 रमता जोगी, बहता पानी।
अर्थ: जो कहीं टिकता नहीं।
उदाहरण: वह काम बदलता रहता है।

🌿 रस्सी जल गयी पर ऐंठ न गयी।
अर्थ: बुरी हालत में भी हिम्मत न हारना।
उदाहरण: हार मानने वाला नहीं।

⚒️ लोहे को लोहा ही काटता है।
अर्थ: बुराई को बुराई से हराना।
उदाहरण: दुश्मन को उसी भाषा में जवाब देना।

🦆 वह दिन गये जब खलील खाँ फाख्ता उड़ाते थे।
अर्थ: अच्छे दिन बीत गए।
उदाहरण: आजकल सब मुश्किल है।

🧶 शौकीन बुढ़िया चटाई का लहंगा।
अर्थ: बेतुका शौक।
उदाहरण: बुजुर्ग का नया शौक अजीब है।

🐍 साँप भी मर जाये और लाठी भी न टूटे।
अर्थ: बिना हानि के समाधान।
उदाहरण: समस्या सुलझा ली।

🦜 सिर पर ताज पहनाना।
अर्थ: सम्मानित करना।
उदाहरण: उसे सम्मानित किया।

🌿 सूरज की पहली किरण।
अर्थ: नया आरंभ।
उदाहरण: नए साल की शुरुआत।

🌙 हाथ कंगन को आरसी क्या।
अर्थ: स्पष्ट सत्य को प्रमाण की जरूरत नहीं।
उदाहरण: सब जानते हैं सच।

🦢 हंसा थे सो उड़ गये, कागो भये दीवान।
अर्थ: महानों के बाद तुच्छों का आना।
उदाहरण: नेताओ की हालत।

🐦 घर की मुर्गी दाल बराबर।
अर्थ: अपने पास की कदर नहीं।
उदाहरण: गाँव के लोगों को अपनी चीज़ नहीं दिखती।

🌾 गागर में सागर।
अर्थ: छोटा आकार बड़ा काम।
उदाहरण: वह छोटा बच्चा बड़ा काम करता है।

🐘 घर का भेदी लंका ढाए।
अर्थ: अंदर का आदमी नुकसान पहुंचाए।
उदाहरण: परिवार का ही आदमी गुप्त बातें बताता है।

🦊 गधे को क्या पता गन्ने की मिठास।
अर्थ: मूर्ख को चीज़ का लाभ नहीं समझना।
उदाहरण: उसकी समझ कम है।

🐦 घर के लड्डू खाकर मुंह मीठा करना।
अर्थ: अपने फायदे के लिए बात करना।
उदाहरण: अपने फायदे के लिए ही बोलता है।

🐕 कुत्ते की दुम टेढ़ी की टेढ़ी।
अर्थ: स्वभाव नहीं बदलता।
उदाहरण: उसकी आदत नहीं बदलेगी।

🐒 चोर की दाढ़ी में तिनका।
अर्थ: दोषी आसानी से पकड़ में आता है।
उदाहरण: गलती पकड़ ली।

🦅 ऊँची दुकान फीके पकवान।
अर्थ: दिखावा ज्यादा, गुणवत्ता कम।
उदाहरण: बड़ी कंपनी की गुणवत्ता खराब।

🐓 चाहे जो हो जाए, कूड़ा तो कूड़ा है।
अर्थ: कोई भी बुरा काम बुरा ही रहता है।
उदाहरण: रिश्वत लेना गलत है।

🐢 धीरे धीरे रे मना, धीरे धीरे।
अर्थ: सब्र से काम लेना।
उदाहरण: सफलता धीरे आती है।

🐒 दूध का जला छाछ भी फूँक-फूँक कर पीता है।
अर्थ: धोखा खाने के बाद सावधानी।
उदाहरण: अनुभव से सीख।

🦜 नाक कट जाना।
अर्थ: अपमानित होना।
उदाहरण: झूठ पकड़े गए।

🦢 ना नौ मन तेल होगा ना राधा नाचेगी।
अर्थ: संसाधन न होने पर काम नहीं।
उदाहरण: बिना तैयारी सफलता नहीं।

🐉 ना नौ मन तेल होगा ना राधा नाचेगी।
अर्थ: आवश्यकता पूरी हो तभी काम होगा।
उदाहरण: साधन चाहिए।

🐍 नीम हकीम खतरे-ए-जान।
अर्थ: अधकचरे डॉक्टर खतरनाक।
उदाहरण: असली डॉक्टर से इलाज कराएं।

🐅 नौ सौ चूहे खाए बिल्ली हज को चली।
अर्थ: पाप करके अंत में धर्मात्मा बनने का ढोंग।
उदाहरण: बिगड़ा हुआ इंसान धर्मशाला बनाता है।

🐦 पानी में रहकर मगर से वैर करना।
अर्थ: आश्रयदाता से वैर करना।
उदाहरण: मुखिया से लड़ाई गलत।

🦢 प्यादे से फरजी भयो टेढ़ो-टेढ़ो जाय।
अर्थ: छोटा आदमी घमंडी हो जाना।
उदाहरण: पद मिलने पर बदल जाना।

🐒 बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद।
अर्थ: मूर्ख को चीज़ का ज्ञान नहीं।
उदाहरण: उसकी समझ कम है।

🐃 बारह बरस में घूरे के दिन भी फिरते हैं।
अर्थ: भाग्य कभी चमकता है।
उदाहरण: इंतजार करो सफलता मिलेगी।

🐂 भैंस के आगे बीन बजाना।
अर्थ: मूर्ख के सामने समझाना।
उदाहरण: वह बात नहीं समझेगा।

🦉 भरी थाली में लात मारना।
अर्थ: अच्छी चीज छोड़ना।
उदाहरण: नौकरी छोड़ना गलत।

🐘 मार के आगे भूत भागता है।
अर्थ: मार से डरना स्वाभाविक।
उदाहरण: पिटाई से डरना।

🐕 मान न मान मैं तेरा मेहमान।
अर्थ: जबरदस्ती साथ रहना।
उदाहरण: बिना बुलाए आना।

🦊 यथा नाम तथा गुण।
अर्थ: नाम के अनुसार गुण।
उदाहरण: नाम से पता चलता है।

🐍 रमता जोगी बहता पानी।
अर्थ: जिधर मन करे जाना।
उदाहरण: काम बदलना।

🐦 रस्सी जल गयी पर ऐंठ न गयी।
अर्थ: हिम्मत नहीं हारना।
उदाहरण: परेशान होकर भी मेहनत।

🐓 लोहे को लोहा ही काटता है।
अर्थ: बुराई को बुराई से हराना।
उदाहरण: दुश्मन को जवाब देना।

🐕 वह दिन गये जब खलील खाँ फाख्ता उड़ाते थे।
अर्थ: अच्छे दिन बीत गए।
उदाहरण: अब सब बदल गया।

🦜 शौकीन बुढ़िया चटाई का लहंगा।
अर्थ: बेतुका शौक।
उदाहरण: अजीब शौक।

🐍 साँप भी मर जाये और लाठी भी न टूटे।
अर्थ: बिना नुकसान के समाधान।
उदाहरण: समस्या हल।

🦢 सिर पर ताज पहनाना।
अर्थ: सम्मान करना।
उदाहरण: पुरस्कार देना।

🦅 सूरज की पहली किरण।
अर्थ: नया आरंभ।
उदाहरण: नए साल की शुरुआत।

🦆 हाथ कंगन को आरसी क्या।
अर्थ: सत्य को प्रमाण की जरूरत नहीं।
उदाहरण: सब जानते हैं।

🦢 हंसा थे सो उड़ गये, कागो भये दीवान।
अर्थ: महानों के बाद तुच्छों का आना।
उदाहरण: पुराने नेता चले गए।

🐦 घर की मुर्गी दाल बराबर।
अर्थ: अपने पास की कदर नहीं।
उदाहरण: गाँव के लोग।

🌾 गागर में सागर।
अर्थ: छोटा पर बड़ा।
उदाहरण: बच्चा कम बोलता।

🐘 घर का भेदी लंका ढाए।
अर्थ: अंदर का आदमी नुकसान।
उदाहरण: परिवार में गुप्त बातें।

🦊 गधे को क्या पता गन्ने की मिठास।
अर्थ: मूर्ख को लाभ न समझना।
उदाहरण: उसकी समझ नहीं।

🐦 घर के लड्डू खाकर मुंह मीठा करना।
अर्थ: अपने फायदे की बात करना।
उदाहरण: खुद की तारीफ करना।

🐕 कुत्ते की दुम टेढ़ी की टेढ़ी।
अर्थ: स्वभाव नहीं बदलता।
उदाहरण: उसकी आदत।

🐒 चोर की दाढ़ी में तिनका।
अर्थ: दोषी पकड़ना।
उदाहरण: गलती पकड़ना।

🦅 ऊँची दुकान फीके पकवान।
अर्थ: दिखावा ज्यादा, काम कम।
उदाहरण: बड़ी कंपनी खराब सामान।

 

✍️ लोकोक्ति के वाक्य में प्रयोग (Examples in Sentences)

✍️ 100 लोकोक्ति वाक्य में प्रयोग (Examples in Sentences) ✍️

🐾 अंधेर नगरी चौपट राजा।
स्कूल में कोई नियम नहीं, यहाँ तो अंधेर नगरी चौपट राजा जैसा माहौल है।

🐝 अधजल गगरी छलकत जाए।
उसने अधजल गगरी छलकत जाए की तरह बहुत बातें कीं, पर काम कम किया।

🌱 आसमान से गिरे खजूर में अटके।
रोजगार खोया और खुद का व्यवसाय शुरू किया, असल में आसमान से गिरे खजूर में अटके।

🦅 आखिर कब तक हाथ फैलाओगे?
मम्मी ने कहा, “आखिर कब तक हाथ फैलाओगे, खुद मेहनत करो।”

🔥 आगे कुंआ पीछे खाई।
वो फँस गया, आगे कुंआ पीछे खाई जैसी स्थिति में।

🐍 साँप भी मर जाये और लाठी भी न टूटे।
समझदारी से काम करो, ताकि साँप भी मर जाये और लाठी भी न टूटे।

🐄 दूध का दूध और पानी का पानी करना।
अदालत ने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया।

🐦 हाथ कंगन को आरसी क्या।
उसकी गलती साफ है, हाथ कंगन को आरसी क्या।

🎯 नाच न जाने आँगन टेढ़ा।
काम न आने पर दोष अपने साधनों पर देना नाच न जाने आँगन टेढ़ा है।

🐘 हाथी के दांत दिखाने के और, खाने के और।
उसका दिखावा अलग, असलियत अलग — हाथी के दांत दिखाने के और खाने के और।

🐓 मुंह में राम बगल में छुरी।
उसकी बातों पर भरोसा मत करो, मुंह में राम बगल में छुरी है।

🌾 खाली बर्तन ज्यादा बजता है।
जो ज्यादा बोलता है, समझो खाली बर्तन ज्यादा बजता है।

🐴 घोड़े बेचकर नल बेच।
सब कुछ बेच दिया उसने, घोड़े बेचकर नल बेच गया।

🌾 जब जागो तभी सवेरा।
शिक्षा के लिए कोशिश करो, जब जागो तभी सवेरा।

🍎 एक हाथ से ताली नहीं बजती।
टीम में काम करो, एक हाथ से ताली नहीं बजती।

🐶 कुत्ते की दुम टेढ़ी की टेढ़ी।
उसका स्वभाव नहीं बदलेगा, कुत्ते की दुम टेढ़ी की टेढ़ी।

🕸️ जैसे को तैसा।
उसने जो किया, उसे वैसा ही मिला — जैसे को तैसा।

🐔 मुर्गा मिलने पर तिनके की कदर।
नए काम में मेहनत कम, पर पुरानी चीज़ की कदर कम होती है।

🦢 ऊँट के मुँह में जीरा।
इतनी रकम तो ऊँट के मुँह में जीरा जैसी है।

🐜 चींटी के सिर पर हाथ रखना।
अच्छी खबर सुनाओ, चींटी के सिर पर हाथ रखना।

🌪️ घर की मुर्गी दाल बराबर।
अपने गाँव की चीज़ की कोई कदर नहीं, घर की मुर्गी दाल बराबर।

🍂 गागर में सागर।
छोटा बच्चा पर काम बड़ा करता है, गागर में सागर।

🔨 घर का भेदी लंका ढाए।
घर का ही आदमी नुकसान पहुंचाता है — घर का भेदी लंका ढाए।

🌻 गधे को क्या पता गन्ने की मिठास।
उसको कला की समझ नहीं, गधे को क्या पता गन्ने की मिठास।

🐴 घिसटते चलो घिसटते चलो, छाँव मिलेगी कहीं।
कठिनाई में भी मेहनत करो, घिसटते चलो घिसटते चलो।

🍀 चोर की दाढ़ी में तिनका।
चोरी पकड़ी गई, चोर की दाढ़ी में तिनका।

🌕 चाँद पर हाथ रखना।
इतना बड़ा काम करना है, जैसे चाँद पर हाथ रखना।

🦊 चालाकी में सियार भी शेर।
उसने चालाकी से काम पूरा किया, चालाकी में सियार भी शेर।

🐍 साँप को न घूस, न छूना।
खतरे से दूर रहो, साँप को न घूस न छूना।

🐦 कौआ चला हंस की चाल।
अपना रूप बदलकर दिखावा कर रहा है, कौआ चला हंस की चाल।

🌵 दूध का जला छाछ भी फूँक-फूँक कर पीता है।
पहली बार धोखा मिला तो अब दूध का जला छाछ भी फूँक-फूँक कर पीता है।

🦌 न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी।
जब तक संसाधन नहीं, तब तक कार्य संभव नहीं।

🍎 नाक कट जाना।
झूठ पकड़े जाने पर उसका नाक कट गया।

🌾 नानी याद आना।
मुश्किल में पड़कर उसकी नानी याद आई।

🦅 निकल पड़े तो भौंका नहीं करता।
जब तक परेशान न हो, वह भौंका नहीं करता।

🐴 ना नौ मन तेल होगा ना राधा नाचेगी।
संसाधन के बिना काम नहीं होगा।

🐱 ना cat की मौत।
मेहनत की, पर कोई फायदा नहीं — ना cat की मौत।

🦊 नीम हकीम खतरे-ए-जान।
फर्जी डॉक्टरों से सावधान, नीम हकीम खतरे-ए-जान।

🍂 पानी में रहकर मगर से वैर करना।
जिन्होंने मदद की, उनका विरोध करना गलत है।

🐓 प्यादे से फरजी भयो टेढ़ो-टेढ़ो जाय।
छोटे आदमी का बड़ा पद मिलने पर घमंड।

🐵 बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद।
मूर्ख को किसी बात की समझ नहीं होती।

🐅 बारह बरस में घूरे के दिन भी फिरते हैं।
कठिनाई के बाद भी कभी सफलता मिलती है।

🐃 भैंस के आगे बीन बजाना।
उसको समझाना व्यर्थ है, भैंस के आगे बीन बजाना।

🦅 मार के आगे भूत भागता है।
डर से बचना स्वाभाविक है।

🦉 मुँह में राम बगल में छुरी।
दिखावा और असलियत अलग।

🌞 मान न मान मैं तेरा मेहमान।
जबर्दस्ती साथ रहना।

🐒 यथा नाम तथा गुण।
नाम के अनुसार व्यवहार।

🐍 रमता जोगी बहता पानी।
किसी भी जगह टिक न पाना।

🐦 रस्सी जल गयी पर ऐंठ न गयी।
मुश्किल में भी हिम्मत नहीं हारना।

🐓 लोहे को लोहा ही काटता है।
बुराई का जवाब बुराई से देना।

  🐕 वह दिन गए जब खलील खाँ फाख्ता उड़ाते थे।
अब वह समय नहीं रहा, जब हम आराम से जीते थे — वह दिन गए जब खलील खाँ फाख्ता उड़ाते थे।

  👵 शौकीन बुढ़िया चटाई का लहंगा।
उसके शौक अजीब हैं, जैसे शौकीन बुढ़िया चटाई का लहंगा।

  🐍 साँप भी मर जाये और लाठी भी न टूटे।
मुश्किल स्थिति को ऐसे सुलझाओ कि साँप भी मर जाये और लाठी भी न टूटे।

  👑 सिर पर ताज पहनाना।
उसे सम्मानित करना चाहिए, जैसे सिर पर ताज पहनाना।

  🌅 सूरज की पहली किरण।
नई शुरुआत का प्रतीक है सूरज की पहली किरण।

  🖐️ हाथ कंगन को आरसी क्या।
सच को प्रमाण की जरूरत नहीं, हाथ कंगन को आरसी क्या।

  🦢 हंसा थे सो उड़ गये, कागो भये दीवान।
महान लोग चले गए, अब तुच्छ लोग आगे हैं — हंसा थे सो उड़ गये, कागो भये दीवान।

  🐔 घर की मुर्गी दाल बराबर।
अपनी चीज़ की कदर नहीं होती, घर की मुर्गी दाल बराबर।

  🌾 गागर में सागर।
छोटे में बड़ा सामर्थ्य होना, गागर में सागर।

  🐘 घर का भेदी लंका ढाए।
अंदर से नुकसान पहुँचाना, घर का भेदी लंका ढाए।

  🦊 गधे को क्या पता गन्ने की मिठास।
मूर्ख को बात समझ न आना, गधे को क्या पता गन्ने की मिठास।

  🍬 घर के लड्डू खाकर मुंह मीठा करना।
अपने फायदे की तारीफ करना, घर के लड्डू खाकर मुंह मीठा करना।

  🐕 कुत्ते की दुम टेढ़ी की टेढ़ी।
स्वभाव नहीं बदलता, कुत्ते की दुम टेढ़ी की टेढ़ी।

  🐒 चोर की दाढ़ी में तिनका।
गलती पकड़ जाना, चोर की दाढ़ी में तिनका।

  🍰 ऊँची दुकान फीके पकवान।
दिखावे से ज्यादा काम का महत्व, ऊँची दुकान फीके पकवान।

  🐦 घर का भेदी।
घर के लोगों द्वारा नुकसान, घर का भेदी।

  🍂 ना नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी।
संसाधन बिना सफलता नहीं, ना नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी।

  🕸️ जैसे को तैसा।
जैसा व्यवहार, वैसा फल।

  🍃 आगे कुआं पीछे खाई।
मुश्किल स्थिति में होना, आगे कुआं पीछे खाई।

  🦅 दूध का जला छाछ भी फूँक-फूँक कर पीता है।
पहली बार धोखा मिलने के बाद सावधानी रखना।

  🦁 शेर की दुम कमजोर नहीं होती।
मजबूत का स्वभाव नहीं बदलता।

  🐇 खरगोश और कछुआ।
धीरे-धीरे सफलता, खरगोश और कछुआ वाली कहानी।

  🐦 कौआ चला हंस की चाल।
अपना स्वरूप बदलकर दिखावा करना।

  🐛 किसान की मेहनत।
मेहनत का फल मिलता है।

  🐅 सिंहासन खाली करो।
वरिष्ठ को पद छोड़ना चाहिए।

  🐴 घोड़ा दौड़ाने से घास नहीं होती।
अधिकार से काम नहीं होता।

  🐕 भैंस के आगे बीन बजाना।
मूर्ख को समझाना व्यर्थ।

  🦆 हाथी के दांत दिखाने के और खाने के और।
दिखावा और असलियत में फर्क।

  🐢 धीरे-धीरे रेंगना।
धैर्य से काम करना।

  🦚 मोर नाचा तो कैसे नाचे।
प्रमुख के व्यवहार से सबका असर पड़ता है।

  🦅 आसमान से गिरे, खजूर में अटके।
एक मुश्किल से दूसरी मुश्किल में फंसना।

  🦉 अंधा बांटे रेवड़ी।
अनुचित वितरण।

  🐍 साँप छिपा रहता है।
धोखा देने वाला छुपा रहता है।

  🐓 मुर्गा बनने की होड़।
खुद को बड़ा दिखाने की कोशिश।

  🦜 पानी में रहकर मगर से वैर।
सहायता करने वाले से दुश्मनी।

  🐕 भेड़ की खाल में शेर।
बाहरी दिखावे के विपरीत अंदर।

  🦡 खुदा की दया से।
भाग्य पर निर्भर होना।

  🦀 किस्मत में लिखा है।
भाग्य के अनुसार।

  🐞 खाली बर्तन ज़्यादा बजता है।
जो ज्यादा बोलता है उसका काम कम।

  🐦 बिल्ली के भाग्य से।
किस्मत से फायदा उठाना।

  🦊 नकली मोर।
बनावटी दिखावा।

  🐅 बंदर क्या जाने।
मूर्ख की समझ नहीं।

  🐇 तेज दौड़ना नहीं चाहिए।
समझदारी से काम।

  🦃 मूर्खों की सभा।
गलत लोगों का जमावड़ा।

  🐺 भेड़िये की चाल।
धूर्त चालाकी।

  🐰 सपने देखना।
आशावादिता।

  🦚 शोर मचाना।
ध्यान आकर्षित करना।

  🦦 समय की कद्र।
समय का महत्व समझना।

  🦜 नयी चीज़ का मोह।
असली चीज़ का परित्याग।

  🐴 सवारी बदलना।
राजनीति या भरोसा बदलना।

 

🪔 लोकोक्ति का स्वरूप व विशेषताएँ

(Nature and Characteristics of Lokokti in Hindi)

🎨 1. गागर में सागर भरने की प्रवृत्ति

🔹 लोकोक्तियाँ बहुत कम शब्दों में गहरे अर्थ प्रकट करती हैं।
📌 यह लघु, सारगर्भित और प्रभावशाली होती हैं।
🧠 जैसे एक छोटी बोली हुई बात – पूरी जीवन-नीति को समझा देती है।

📖 उदाहरण:
🔸 जहाँ चाह वहाँ राह।
👉 इसका अर्थ है – संकल्प हो तो मार्ग मिल ही जाता है।

🌱 2. जीवन के सत्य की सुंदर अभिव्यक्ति

🔹 लोकोक्ति जीवन के अनुभूत सत्यों को सहज रूप से व्यक्त करती है।
💬 ये कथन अनुभवजन्य होते हैं और व्यवहार में पूरी तरह उपयोगी।

📖 उदाहरण:
🔸 बुरे काम का बुरा नतीजा।

🧑‍🌾 3. ग्रामीण जनता का नीतिशास्त्र

🔹 लोकोक्ति गाँवों और जनसामान्य की सोच और सीख से जन्म लेती है।
📌 यह ग्रामीण समाज का सांस्कृतिक ज्ञान और नैतिक दर्शन होता है।

📖 उदाहरण:
🔸 अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता।

💎 4. बुद्धि और अनुभव से चमकते रत्न

🔹 ये कथन अनुभव और विचारों की गहराई से निकले होते हैं।
✨ यह कहावतें ज्ञान के संग्रहित रत्न की तरह होती हैं।

📖 उदाहरण:
🔸 जैसी करनी वैसी भरनी।

☢️ 5. प्रकृति के स्पुल्लिंग (Radioactive) तत्व जैसी शक्ति

🔹 लोकोक्ति की अर्थ-शक्ति सर्वत्र फैलती है।
🌟 जैसे रेडियोधर्मी तत्व चारों ओर ऊर्जा बिखेरते हैं, वैसे ही लोकोक्तियाँ विचार-प्रसार करती हैं।

📖 उदाहरण:
🔸 खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे।

🧠 6. व्यवहार कुशलता और सामान्य बुद्धि का निदर्शन

🔹 लोकोक्ति आमजन की चतुराई और व्यावहारिकता का परिचायक है।
📌 ये कथन रोज़मर्रा के जीवन को सरल और स्पष्ट बनाने में सहायक हैं।

📖 उदाहरण:
🔸 ऊँट के मुँह में जीरा।

✍️ 7. सूत्रात्मकता और अभिव्यक्ति की सुंदरता

🔹 लोकोक्ति में ऐसी सुंदरता और सूत्रवाक्य की शैली होती है कि यह ‘सूक्ति’ के समान लगती है।
📌 परंतु सूक्ति और लोकोक्ति में अंतर होता है।

🧾 8. लोकोक्ति बनाम सूक्ति

पहलु 🔍

लोकोक्ति 🗣️

सूक्ति ✨

स्रोत 📚

आम जनमानस, लोक अनुभवों पर आधारित

विद्वानों व ग्रंथों से उद्धृत

भाषा 🌐

प्रचलित भाषा, सरल

संस्कृतनिष्ठ, काव्यात्मक

शैली ✍️

लोकशैली में संक्षिप्त वाक्य

नैतिक/दार्शनिक गूढ़ विचार

उद्देश्य 🎯

व्यवहारिक शिक्षा, तात्कालिक उपयोग

दार्शनिक ज्ञान या नीति बोध

📖 उदाहरण (सूक्ति):
🔸 धर्मो रक्षति रक्षितः।
👉 अर्थ: धर्म की रक्षा करने वाला स्वयं सुरक्षित रहता है।
(यह एक सूक्ति है, न कि लोकोक्ति)

🌍 9. लोक अनुभव व जनसामान्य की उक्ति

🔹 लोकोक्ति जनसामान्य द्वारा निर्मित होती है,
📌 यह समाज, संस्कृति, परंपरा और अनुभव से उपजी होती है।

📖 उदाहरण:
🔸 कर भला तो हो भला।

निष्कर्ष:

✅ लोकोक्ति न केवल भाषा की शोभा बढ़ाती है, बल्कि समाज का दर्पण भी होती है।
✅ यह हमारी संस्कृति, नैतिकता और व्यवहारिकता का जीवंत दस्तावेज़ है।
✅ लोकोक्तियाँ छोटे वाक्य में बड़े अर्थ देने की कला में निपुण होती हैं।

🌐 हिंदी लोकोक्तियाँ (Lokoktiyan in Hindi A-Z)

🔹 निम्नलिखित अर्थ, वाक्य प्रयोग और आइकॉन्स के साथ क्रमबद्ध 44 वर्णों (अ–ह) से शुरू होने वाली लोकोक्तियाँ:

🅐 ‘अ’ से शुरू लोकोक्तियाँ

🦯 1. अंधे के हाथ बटेर लगना

अर्थ: अयोग्य को संयोग से सफलता मिलना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: वीरोस कभी नहीं पढ़ता, फिर भी पास हो गया — अंधे के हाथ बटेर लगना।

👑 2. अंधों में काना राजा

अर्थ: मूर्खों के बीच अल्पज्ञ व्यक्ति का सम्मान। 🖊️ वाक्य प्रयोग: रमेश गाँव में बहुत विद्वान माना जाता है — अंधों में काना राजा है।

🐕 3. अपनी गली में कुत्ता भी शेर

अर्थ: अपने क्षेत्र में हर कोई बलवान होता है। 🖊️ वाक्य प्रयोग: अपने मोहल्ले में तो तू मुझे पिटवा सकता है — अपनी गली में कुत्ता भी शेर।

👀 4. अंधा क्या चाहे, दो आँखें

अर्थ: ज़रूरतमंद को मनचाही चीज़ मिल जाना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: भाई ने व्यापार के लिए पैसा दिया — अंधा क्या चाहे, दो आँखें।

🧑‍🦯🐶 5. अंधी पीसे, कुत्ता खाए

अर्थ: मूर्ख की मेहनत पर दूसरों का मौज करना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: सेठ कमाता है, मुनीम उड़ा देते हैं — अंधी पीसे, कुत्ता खाए।

😑 6. अंधे के आगे रोवे, अपना दीदा खोवे

अर्थ: मूर्ख को समझाना व्यर्थ है। 🖊️ वाक्य प्रयोग: बेटा समझता ही नहीं — अंधे के आगे रोवे, अपना दीदा खोवे।

🅐‍🅰️ ‘आ’ से शुरू लोकोक्तियाँ

🐃 1. आ बैल मुझे मार

अर्थ: जानबूझकर खुद को संकट में डालना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: मना किया फिर भी किया — आ बैल मुझे मार।

🌎 2. आप भले तो जग भला

अर्थ: व्यक्ति अच्छा तो दुनिया भी अच्छी लगेगी। 🖊️ वाक्य प्रयोग: खुद में सुधार करो — आप भले तो जग भला।

🔥 3. आग लगने पर कुआँ खोदना

अर्थ: समय पर तैयारी न करना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: अब तैयारी कर रहा है — आग लगने पर कुआँ खोदना।

🚬 4. आगी लगे बिन धुआँ न उठे

अर्थ: अफवाह के पीछे कुछ न कुछ सच होता है। 🖊️ वाक्य प्रयोग: बिना कारण कुछ नहीं होता — आगी लगे बिन धुआँ न उठे।

😌 5. आराम बड़ी चीज़ है

अर्थ: आराम छोड़ना आसान नहीं होता। 🖊️ वाक्य प्रयोग: गाँव छोड़ दिया — आराम बड़ी चीज़ है।

🅘 ‘इ’ से शुरू लोकोक्तियाँ

🧵 1. इतना ही बड़का है तो भगवान क्यों नहीं हो जाता?

अर्थ: घमंड करने वालों को व्यंग्य करना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: हर बात में खुद को बड़ा समझता है — भगवान क्यों नहीं हो जाता?

⚖️ 2. इनकी तो न खुदा ही मिला, न विसाले सनम

अर्थ: दोनों तरफ से नुकसान। 🖊️ वाक्य प्रयोग: नौकरी छोड़ी, व्यापार भी नहीं चला — न खुदा मिला, न सनम।

🍎 3. इक अनार सौ बीमार

अर्थ: सीमित वस्तु के पीछे बहुतों की लालसा। 🖊️ वाक्य प्रयोग: एक सीट पर हजारों उम्मीदवार — इक अनार सौ बीमार।

🔁 4. इधर का उधर, उधर का इधर

अर्थ: बात को तोड़-मरोड़कर पेश करना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: तू हर बात पलट देता है — इधर का उधर।

🥁 5. इतना ढोल क्यों पीटा, जब कुछ था ही नहीं

अर्थ: बड़ी बात बनाकर अंत में कुछ न निकलना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: इतना प्रचार किया, कुछ भी नया नहीं — ढोल क्यों पीटा?

🅘‍🅴 ‘ई’ से शुरू लोकोक्तियाँ

🌙 1. ईद का चाँद होना

अर्थ: बहुत समय बाद दिखाई देना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: महीनों बाद आया — ईद का चाँद हो गया।

📉 2. ईमानदारी का ज़माना नहीं रहा

अर्थ: ईमानदार को कठिनाई का सामना करना पड़ता है। 🖊️ वाक्य प्रयोग: सच्चाई से काम किया, फिर भी सस्पेंड — ईमानदारी का ज़माना नहीं रहा।

🧱 3. ईंट से ईंट बजा देना

अर्थ: पूरी तरह से हराना या कुचल देना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: हमला किया तो दुश्मन की ईंट से ईंट बजा देंगे।

😒 4. ईर्ष्या करने से खुद का नुकसान होता है

अर्थ: जलन रखने से व्यक्ति दुखी होता है। 🖊️ वाक्य प्रयोग: मेहनत कर, जल मत — ईर्ष्या करने से खुद का नुकसान होता है।

🤔 5. ईमानदारी में भी बेवकूफी नहीं होनी चाहिए

अर्थ: ईमानदारी के साथ समझदारी भी जरूरी है। 🖊️ वाक्य प्रयोग: सच बोलना अच्छा है, लेकिन हर जगह नहीं — बेवकूफी नहीं होनी चाहिए।

🅤 ‘उ’ से शुरू लोकोक्तियाँ

🌊 1. उलटी गंगा बहाना

अर्थ: विपरीत बात करना या सोचना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: खुद ग़लत होकर मुझे दोष दे रहा है — उलटी गंगा बहा रहा है।

🧙‍♂️ 2. उपदेश देना आसान है, पालन करना कठिन

अर्थ: दूसरों को सीख देना आसान, पर खुद अपनाना मुश्किल। 🖊️ वाक्य प्रयोग: खुद नियम नहीं मानता — उपदेश देना आसान है।

🧶 3. उलझे हुए धागे की तरह मामला बिगड़ गया

अर्थ: स्थिति जटिल हो जाना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: अब दोस्ती इतनी उलझ गई है — धागे की तरह।

🍽️ 4. उसी थाली में छेद करना

अर्थ: जिस पर उपकार हुआ, उसी को हानि पहुँचाना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: कंपनी ने पद दिया, उसी में गड़बड़ी — थाली में छेद।

🍷 5. उधार की शराब और मुफ़्त का उपदेश, दोनों बेअसर

अर्थ: मुफ्त की चीजों की कद्र नहीं होती। 🖊️ वाक्य प्रयोग: मुफ्त की सलाह कोई नहीं मानता — बेअसर होती है।

🅤‍🅤 ‘ऊ’ से शुरू लोकोक्तियाँ

🏪 1. ऊँची दुकान फीका पकवान

अर्थ: बाहरी रूप अच्छा लेकिन अंदर से घटिया। 🖊️ वाक्य प्रयोग: सजावट शानदार, लेकिन स्वाद खराब — ऊँची दुकान फीका पकवान।

🐪 2. ऊँट के मुँह में जीरा

अर्थ: ज़रूरत की तुलना में बहुत कम मिलना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: इतने कम बजट में काम — ऊँट के मुँह में जीरा।

🧗 3. ऊँचाई पर चढ़ना आसान, टिकना कठिन

अर्थ: सफलता बनाए रखना कठिन। 🖊️ वाक्य प्रयोग: प्रमोशन हुआ है, अब खुद को सिद्ध कर — टिकना कठिन।

🕉️ ‘ऋ’ से शुरू लोकोक्तियाँ

🥄 1. ऋण लेकर घी पीना

अर्थ: कर्ज लेकर भोगविलास करना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: शादी में लाखों खर्च — ऋण लेकर घी पीना।

📜 2. ऋण चुकाना धर्म है

अर्थ: कर्ज लौटाना नैतिक कर्तव्य है। 🖊️ वाक्य प्रयोग: पिता कहते थे — ऋण चुकाना धर्म है।

🅔 ‘ए’ से शुरू लोकोक्तियाँ

👁️ 1. एक आँख से आँसू, दूसरी से हँसी

अर्थ: एक साथ खुशी और ग़म होना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: बेटी की विदाई — एक आँख आँसू, दूसरी हँसी।

🛤️ 2. एक पंथ दो काज

अर्थ: एक प्रयास से दो काम हो जाना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: दादी से मिला, बैंक का काम भी — एक पंथ दो काज।

⚔️ 3. एक म्यान में दो तलवारें नहीं रह सकतीं

अर्थ: दो ताकतवर एक साथ नहीं रह सकते। 🖊️ वाक्य प्रयोग: दोनों बॉस नहीं चलेंगे — दो तलवारें एक म्यान में नहीं।

👂 4. एक कान से सुनना, दूसरे से निकाल देना

अर्थ: बात पर ध्यान न देना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: समझाओ फिर भी न माने — एक कान से सुन, दूसरे से निकाल।

🤝 5. एक और एक ग्यारह होना

अर्थ: मिलकर ताकत बढ़ जाना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: राम और श्याम — एक और एक ग्यारह।

🅐‍🅘 ‘ऐ’ से शुरू लोकोक्तियाँ

🛑 1. ऐन वक्त पर धोखा देना

अर्थ: ज़रूरत के समय साथ छोड़ना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी, तब मुकर गया — ऐन वक्त पर धोखा।

🧍‍♂️ 2. ऐरा-गैरा नत्थू खैरा

अर्थ: बिना पहचान का कोई भी व्यक्ति। 🖊️ वाक्य प्रयोग: हर ऐरा-गैरा अब नेता बन रहा है।

😤 3. ऐंठ दिखाना बंद करो

अर्थ: घमंड छोड़ देना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: कोई खास नहीं हो — ऐंठ दिखाना बंद करो।

🛋️ 4. ऐश आराम में पड़कर बिगड़ जाना

अर्थ: सुख-सुविधा पाकर बिगड़ जाना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: थोड़ा सफल क्या हुआ — ऐश में पड़ गया।

🛏️ 5. ऐश करने की आदत पड़ गई है

अर्थ: मेहनत से दूर रहना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: अब तो काम नहीं करता — ऐश करने की आदत।

🅚 ‘क’ से शुरू लोकोक्तियाँ

🐓 1. कागज़ी शेर

अर्थ: केवल नाम का बलवान, वास्तव में निर्बल। 🖊️ वाक्य प्रयोग: वो बहुत धमकी देता है, पर कुछ कर नहीं सकता — कागज़ी शेर है।

📚 2. किताब देखकर हिसाब बनाना

अर्थ: सोच-विचार कर कार्य करना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: कोई भी निर्णय लेने से पहले सोच समझकर करो — किताब देखकर हिसाब बनाओ।

🧠 3. कपाल पर लिखा है

अर्थ: भाग्य में लिखा होना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: इतनी मेहनत के बाद भी नहीं मिला — शायद कपाल पर नहीं लिखा।

💬 4. कटे पर नमक छिड़कना

अर्थ: दुखी को और दुख देना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: अभी नौकरी गई है, और तू ताने मार रहा है — कटे पर नमक मत छिड़क।

🐄 5. काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती

अर्थ: एक ही उपाय बार-बार नहीं चलता। 🖊️ वाक्य प्रयोग: एक बार तो धोखा चल गया, पर बार-बार नहीं — काठ की हांडी नहीं चढ़ती।

🅚 ‘ख’ से शुरू लोकोक्तियाँ

🔓 1. खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे

अर्थ: अपनी गलती छुपाने के लिए गुस्सा करना या प्रतिक्रिया देना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: तुमसे गलती हुई और अब चिल्ला रहे हो — खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे।

🍲 2. खुदा मेहरबान तो गधा पहलवान

अर्थ: किस्मत अच्छी हो तो अयोग्य भी सफल हो जाता है। 🖊️ वाक्य प्रयोग: वह कुछ नहीं जानता, फिर भी सिलेक्ट हो गया — खुदा मेहरबान तो गधा पहलवान।

🎭 3. खाली बर्तन ज़्यादा बजते हैं

अर्थ: जो लोग कम योग्य होते हैं, वही अधिक डींग मारते हैं। 🖊️ वाक्य प्रयोग: वो बार-बार अपनी तारीफ करता है — खाली बर्तन ज़्यादा बजते हैं।

💭 4. खुद को खुदा समझ बैठना

अर्थ: घमंड में चूर होना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: इतनी सी जीत क्या हुई — खुद को खुदा समझ बैठा।

🔥 5. खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है

अर्थ: संगत का प्रभाव व्यक्ति पर पड़ता है। 🖊️ वाक्य प्रयोग: उसके साथ रहते-रहते तू भी बदल गया — खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है।

🅖 ‘ग’ से शुरू लोकोक्तियाँ

🐵 1. गधे के सिर से सींग गायब होना

अर्थ: अचानक लापता हो जाना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: परीक्षा के बाद वह ऐसा गायब हुआ — जैसे गधे के सिर से सींग।

🎯 2. घर का जोगी जोगड़ा, आन गाँव का सिद्ध

अर्थ: अपने लोगों की कद्र नहीं करना और बाहर वालों को ऊँचा समझना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: अपने गुरु की नहीं मानी, बाहर के बाबा की मानता है — घर का जोगी जोगड़ा।

🔗 3. गले की हड्डी बन जाना

अर्थ: कोई समस्या जो न निगली जाए, न उगली जाए। 🖊️ वाक्य प्रयोग: वो कर्मचारी अब कंपनी के लिए गले की हड्डी बन गया है।

🪤 4. गले पड़ना

अर्थ: जबरदस्ती किसी पर भार बन जाना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: बिना बुलाए मेहमान गले पड़ गए।

💎 5. गागर में सागर भरना

अर्थ: कम शब्दों में बहुत अर्थपूर्ण बात कहना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: उसकी कविता में तो गागर में सागर भर दिया है।

🅖 ‘घ’ से शुरू लोकोक्तियाँ

🪓 1. घर की मुर्गी दाल बराबर

अर्थ: अपनी वस्तु या व्यक्ति की कद्र न करना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: हर कोई बाहरी चीज़ पसंद करता है — घर की मुर्गी दाल बराबर होती है।

🔇 2. घड़ा जितना भरा होता है, उतना ही शांत होता है

अर्थ: ज्ञानी व्यक्ति कम बोलता है। 🖊️ वाक्य प्रयोग: वो बहुत जानता है पर चुप रहता है — घड़ा जितना भरा, उतना शांत।

🏚️ 3. घोड़ा घास से यारी करेगा तो खाएगा क्या?

अर्थ: शत्रु से मित्रता हानिकारक होती है। 🖊️ वाक्य प्रयोग: व्यापार में भावुकता नहीं — घोड़ा घास से यारी करेगा तो खाएगा क्या?

🐘 4. घायल हाथी भी सवा लाख का

अर्थ: महान व्यक्ति संकट में भी महान रहता है। 🖊️ वाक्य प्रयोग: अभी बीमार है पर नाम का ही रुतबा है — घायल हाथी भी सवा लाख का।

🔁 5. घिस-घिस कर चमक आना

अर्थ: मेहनत से गुणों में निखार आना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: वह रोज़ अभ्यास करता है — तभी तो उसमें घिस-घिसकर चमक आई है।

🅒 ‘च’ से शुरू लोकोक्तियाँ

🐛 1. चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए

अर्थ: अत्यंत कंजूस होना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: वो इतना कंजूस है कि इलाज नहीं करवाता — चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए।

🧹 2. चौरसिया की चाय में चवन्नी की चीनी

अर्थ: किसी चीज़ की अत्यधिक बड़ाई करना जो वास्तविकता से कम हो। 🖊️ वाक्य प्रयोग: वो अपने रेस्तरां की बहुत तारीफ करता है — चौरसिया की चाय में चवन्नी की चीनी।

🤐 3. चुप्पी साध लेना

अर्थ: जानबूझकर कुछ न कहना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: जब पूछा गया कि पैसे कहाँ से आए — तो उसने चुप्पी साध ली।

🧠 4. चतुराई से काम लेना

अर्थ: बुद्धिमानी से निर्णय करना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: इस सौदे में चतुराई से काम लेना होगा, तभी फायदा होगा।

🪣 5. चरखा चलाना, पर सूत न निकले

अर्थ: प्रयास करना, पर फल न मिलना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: वो दिनभर पढ़ता रहा — फिर भी फेल हो गया, चरखा चला पर सूत न निकला।

🅒 ‘च’ से शुरू लोकोक्तियाँ

🐛 1. चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए

अर्थ: अत्यंत कंजूस होना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: वो इतना कंजूस है कि इलाज नहीं करवाता — चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए।

🧹 2. चौरसिया की चाय में चवन्नी की चीनी

अर्थ: किसी चीज़ की अत्यधिक बड़ाई करना जो वास्तविकता से कम हो। 🖊️ वाक्य प्रयोग: वो अपने रेस्तरां की बहुत तारीफ करता है — चौरसिया की चाय में चवन्नी की चीनी।

🤐 3. चुप्पी साध लेना

अर्थ: जानबूझकर कुछ न कहना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: जब पूछा गया कि पैसे कहाँ से आए — तो उसने चुप्पी साध ली।

🧠 4. चतुराई से काम लेना

अर्थ: बुद्धिमानी से निर्णय करना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: इस सौदे में चतुराई से काम लेना होगा, तभी फायदा होगा।

🪣 5. चरखा चलाना, पर सूत न निकले

अर्थ: प्रयास करना, पर फल न मिलना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: वो दिनभर पढ़ता रहा — फिर भी फेल हो गया, चरखा चला पर सूत न निकला।

🅒 ‘छ’ से शुरू लोकोक्तियाँ

🧶 1. छाछ फूंक-फूंक कर पीना

अर्थ: पूर्व अनुभव के कारण अत्यधिक सावधानी बरतना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: पिछली बार नुकसान हुआ था, अब छाछ भी फूंक-फूंककर पी रहा हूँ।

🎭 2. छलनी को सुई सिखा रही है

अर्थ: जो खुद दोषी है, वह दूसरों को सुधारने चले। 🖊️ वाक्य प्रयोग: तू भी रिश्वतखोर है और मुझे ईमानदारी सिखा रहा है? — छलनी सुई को सिखा रही है।

🧵 3. छेद करना नाव में और डूबना सबको

अर्थ: एक की गलती का नुकसान सभी को उठाना पड़ता है। 🖊️ वाक्य प्रयोग: तेरे एक झूठ से पूरे परिवार की बदनामी हो गई — नाव में छेद किया तूने, डूबे सब।

💨 4. छूंछे बर्तन ज़्यादा बजते हैं

अर्थ: कम ज्ञान रखने वाले अधिक दिखावा करते हैं। 🖊️ वाक्य प्रयोग: उसका ज्ञान तो कम है, पर बातें बहुत करता है — छूंछे बर्तन ज़्यादा बजते हैं।

🧒 5. छोटा मुँह, बड़ी बात

अर्थ: अनुभवहीन व्यक्ति का बड़ी बातें करना। 🖊️ वाक्य प्रयोग: मैंने कहा — छोटा मुँह बड़ी बात, पर मुझे लगता है ये फैसला ठीक नहीं।

🅙 ‘ज’ से शुरू लोकोक्तियाँ

🐍 1. जहां सुई जाती है, वहां तलवार नहीं जाती

अर्थ: नम्रता और बुद्धिमानी से कठिन काम भी आसानी से हो जाते हैं। 🖊️ वाक्य प्रयोग: बात को प्यार से कहो — जहां सुई जाती है, वहां तलवार नहीं जाती।

🕯️ 2. जब जागो तभी सवेरा

अर्थ: अच्छे काम की शुरुआत कभी भी की जा सकती है। 🖊️ वाक्य प्रयोग: अब पढ़ाई शुरू कर दी — जब जागो तभी सवेरा।

🎲 3. जैसा बोओगे, वैसा काटोगे

अर्थ: कर्मों का फल अवश्य मिलता है। 🖊️ वाक्य प्रयोग: अब पछता रहे हो? — जैसा बोया है, वैसा ही तो काटोगे।

🐦 4. जा तू अपने घर, मैं अपने घर

अर्थ: जब संबंध या बात खत्म हो जाती है। 🖊️ वाक्य प्रयोग: अब बहस बहुत हो गई — जा तू अपने घर, मैं अपने घर।

🔊 5. जहां चाह, वहां राह

अर्थ: इच्छा और प्रयास से सफलता संभव है। 🖊️ वाक्य प्रयोग: तू अगर ठान ले तो सब हो सकता है — जहां चाह, वहां राह।

🅙 ‘झ’ से शुरू लोकोक्तियाँ

🌀 1. झूठ के पांव नहीं होते

अर्थ: झूठ ज्यादा समय तक टिक नहीं सकता। 🖊️ वाक्य प्रयोग: तू कितना भी छुपा ले — सच बाहर आएगा, झूठ के पांव नहीं होते।

🔔 2. झूठी शान में जीना

अर्थ: दिखावे में रहना, वास्तविकता से दूर। 🖊️ वाक्य प्रयोग: उसका सबकुछ उधार का है — वो झूठी शान में जीता है।

🗣️ 3. झगड़ा दो लोगों में नहीं, तीसरे की बात से होता है

अर्थ: विवाद अक्सर बाहरी लोगों की बातों से होता है। 🖊️ वाक्य प्रयोग: उन दोनों के बीच सब ठीक था — तीसरे ने आग लगाई, झगड़ा हुआ।

🧩 4. झूठ-सच का मेल नहीं

अर्थ: असत्य और सत्य एक साथ नहीं चल सकते। 🖊️ वाक्य प्रयोग: अगर सच बोलना है, तो झूठ को छोड़ना होगा — झूठ-सच का मेल नहीं।

🔁 5. झाड़ू से भी घर साफ होता है

अर्थ: छोटे या तुच्छ माने जाने वाले साधनों से भी अच्छा कार्य संभव है। 🖊️ वाक्य प्रयोग: मत समझ उसे छोटा — झाड़ू से भी घर चमकता है।

🅣 ट से लोकोक्तियाँ
🌀 टके की हाँडी गयी, कुत्ते की जात पहचानी गयी।
✅ अर्थ: थोड़ा खर्च करके किसी के चरित्र की पहचान कर लेना।
🖊️ उदाहरण: सुरेश ने रमेश को परखने के लिए पचास रुपए दिए। बाद में पता चला कि वह रुपया वापस नहीं करता। सुरेश ने कहा, “टके की हाँडी गयी, कुत्ते की जात पहचानी गयी।”

🅣 त से लोकोक्तियाँ
🌀 तू डाल-डाल मैं पात-पात।
✅ अर्थ: किसी की चालाकी या योजना को अच्छी तरह समझ लेना।
🖊️ उदाहरण: थानेदार ने जेबकतरा से कहा, “तू डाल-डाल तो मैं पात-पात।”

🅓 द से प्रमुख लोकोक्तियाँ
🌀 दीवारों के भी कान होते हैं।
✅ अर्थ: गुप्त बातें सावधानी से कहनी चाहिए।
🖊️ उदाहरण: दासी ने महारानी से कहा, “दीवारों के भी कान होते हैं।”

🌀 देखें ऊँट किस करवट बैठता है?
✅ अर्थ: परिणाम का अनिश्चित होना।
🖊️ उदाहरण: कश्मीर विवाद पर कहा जाता है, “देखें ऊँट किस करवट बैठता है?”

🌀 दूध का जला छाछ को भी फूंक-फूँक कर पीता है।
✅ अर्थ: धोखा खाने के बाद सावधानी बरतना।
🖊️ उदाहरण: डॉक्टर रात में मरीज देखने से पहले पूरी तसल्ली करते हैं, क्योंकि “दूध का जला छाछ को भी फूंक-फूँक कर पीता है।”

🌀 दूध का दूध और पानी का पानी करना।
✅ अर्थ: न्यायसंगत निर्णय लेना।
🖊️ उदाहरण: पंचों से कहा जाता था कि वे “दूध का दूध और पानी का पानी करें।”

🅧 ध से लोकोक्तियाँ
🌀 धोबी से पार न पावे, गदहा का कान उमेठे।
✅ अर्थ: अपनी कमजोरी निकालने के बजाय दूसरों पर गुस्सा करना।
🖊️ उदाहरण: अध्यापक प्राचार्य से डांटने के बाद छात्रों को डाँटता रहा, “धोबी से पार न पावे, गदहा का कान उमेठे।”

🅝 न से लोकोक्तियाँ
🌀 न रहेगा बाँस न बजेगी बाँसुरी।
✅ अर्थ: कलह के कारण मूल कारण नष्ट हो जाना।
🖊️ उदाहरण: परिवार में कलह देखकर राम ने कहा, “न रहेगा बाँस न बजेगी बाँसुरी।”

🌀 नाच न जाने आँगन टेढ़ा।
✅ अर्थ: अपनी कमी छिपाने के लिए बहाना बनाना।
🖊️ उदाहरण: रमेश अपनी कमजोरियों को छिपाने के लिए बहाने बनाता था, “नाच न जाने आँगन टेढ़ा।”

🌀 नेकी और पूछ-पूछ।
✅ अर्थ: भलाई करने में संकोच न करना।
🖊️ उदाहरण: सीता ने कहा, “नेकी और पूछ-पूछ,” जब उसने राम के दर्शन की इच्छा जताई।

🌀 नौ सौ चूहे खाय, बिल्ली हज को चली।
✅ अर्थ: पाप करके अंत में धर्मात्मा बनने का ढोंग।
🖊️ उदाहरण: सेठ गरीबों से अत्याचार कर आज धर्मशाला बनवा रहा है, “नौ सौ चूहे खाय, बिल्ली हज को चली।”

🌀 नीम हकीम खतरे-ए-जान।
✅ अर्थ: अधकचरे डॉक्टर खतरनाक होते हैं।
🖊️ उदाहरण: ऑपरेशन के लिए फर्जी डॉक्टरों से बचो, “नीम हकीम खतरे-ए-जान।”

🅟 प से लोकोक्तियाँ
🌀 पानी में रहकर मगर से वैर करना।
✅ अर्थ: शक्तिशाली आश्रयदाता से वैर करना।
🖊️ उदाहरण: मुखिया ने तुम्हें शरण दी, अब उस से विरोध मत करो — “पानी में रहकर मगर से वैर करना।”

🌀 प्यादे से फरजी भयो टेढ़ो-टेढ़ो जाय।
✅ अर्थ: छोटा आदमी बड़े पद पर पहुंचकर घमंडी हो जाता है।
🖊️ उदाहरण: थानेदार बनने के बाद रमेश का व्यवहार बदला, “प्यादे से फरजी भयो टेढ़ो-टेढ़ो जाय।”

🅑 ब से लोकोक्तियाँ
🌀 बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद।
✅ अर्थ: जो चीज़ का स्वाद न समझे।
🖊️ उदाहरण: रसिकता न समझने वाले को कविताओं की कदर नहीं, “बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद।”

🌀 बारह बरस में घूरे के दिन भी फिरते हैं।
✅ अर्थ: किसी का भी भाग्य कभी न कभी चमकता है।
🖊️ उदाहरण: किसान हरिया ने कहा, “बारह बरस में घूरे के दिन भी फिरते हैं।”

🅭 भ से लोकोक्तियाँ
🌀 भरी थाली में लात मारना।
✅ अर्थ: अच्छी नौकरी छोड़ देना।
🖊️ उदाहरण: रमेश ने नौकरी छोड़ दी, यह तो भरी थाली में लात मारना है।

🌀 भैंस के आगे बीन बजाना।
✅ अर्थ: मूर्ख के सामने बुद्धिमानी की बात करना।
🖊️ उदाहरण: अशिक्षित के सामने ज्ञान गढ़ना भैंस के आगे बीन बजाना है।

🌀 मार के आगे भूत भागता है।
✅ अर्थ: मार से डरना स्वाभाविक है।
🖊️ उदाहरण: थानेदार ने कहा, “मार के आगे भूत भागता है।”

🅼 म से लोकोक्तियाँ
🌀 मान न मान मैं तेरा मेहमान।
✅ अर्थ: जबरदस्ती किसी के साथ रहना।
🖊️ उदाहरण: ससुराल वालों को मान न मान मैं तेरा मेहमान कहना।

🅔 य से लोकोक्तियाँ
🌀 यथा नाम तथा गुण।
✅ अर्थ: जैसा नाम, वैसे गुण।
🖊️ उदाहरण: सेवकराम नाम के अनुरूप दयालु है, “यथा नाम तथा गुण।”

🅡 र से लोकोक्तियाँ
🌀 रमता जोगी, बहता पानी।
✅ अर्थ: जिसका कोई ठिकाना न हो।
🖊️ उदाहरण: सेवानिवृत्त होकर वह घूमता रहता है, “रमता जोगी, बहता पानी।”

🌀 रस्सी जल गयी पर ऐंठ न गयी।
✅ अर्थ: बुरी हालत में भी हिम्मत न हारना।
🖊️ उदाहरण: पुरु ने कहा, “रस्सी जल गयी पर ऐंठ न गयी।”

🅛 ल से लोकोक्तियाँ
🌀 लोहे को लोहा ही काटता है।
✅ अर्थ: बुराई को बुराई से ही हराया जा सकता है।
🖊️ उदाहरण: इराक पर मित्र राष्ट्रों की कार्रवाई, “लोहे को लोहा ही काटता है।”

🅦 व से लोकोक्तियाँ
🌀 वह दिन गये जब खलील खाँ फाख्ता उड़ाते थे।
✅ अर्थ: सुख-समृद्धि के दिन बीत जाना।
🖊️ उदाहरण: रमेश ने कहा, “वह दिन गये जब खलील खाँ फाख्ता उड़ाते थे।”

🅢 श से लोकोक्तियाँ
🌀 शौकीन बुढ़िया चटाई का लहँगा।
✅ अर्थ: बेढंगा शौक।
🖊️ उदाहरण: अध्यापकजी की नई आदत देखकर कहा, “शौकीन बुढ़िया चटाई का लहँगा।”

🅢 स से लोकोक्तियाँ
🌀 साँप भी मर जाये और लाठी भी न टूटे।
✅ अर्थ: बिना नुकसान के काम निपटाना।
🖊️ उदाहरण: समस्या का हल निकालो, “साँप भी मर जाये और लाठी भी न टूटे।”

🅷 ह से लोकोक्तियाँ
🌀 हाथ कंगन को आरसी क्या।
✅ अर्थ: स्पष्ट बात का प्रमाण क्यों चाहिए।
🖊️ उदाहरण: भ्रष्टाचार साफ दिख रहा है, “हाथ कंगन को आरसी क्या।”

🌀 हंसा थे सो उड़ गये, कागो भये दीवान।
✅ अर्थ: महान लोगों के बाद तुच्छ लोगों का आना।
🖊️ उदाहरण: वर्तमान नेताओं की हालत देखकर कहा, “हंसा थे सो उड़ गये, कागो भये दीवान।”

📝 मुहावरा और लोकोक्ति में अंतर | Idioms vs Lokoktiyan in Hindi

विशेषता

मुहावरा (Idiom)

लोकोक्ति (Lokokti)

🔤 परिभाषा

मुहावरा एक ऐसे वाक्यांश या शब्द समूह को कहते हैं जिनका अर्थ शाब्दिक नहीं होता, बल्कि विशेष अर्थ या भाव व्यक्त करता है।

लोकोक्ति एक प्रचलित वाक्यांश या कथन होता है जो जीवन का सार, अनुभव या नीति बताता है। यह पूरी बात या शिक्षा देता है।

📚 रचना (Structure)

मुहावरा आमतौर पर वाक्यांश या दो-तीन शब्दों का समूह होता है।

लोकोक्ति अक्सर पूरा वाक्य या कथन होता है, जिसमें पूरा अर्थ स्पष्ट होता है।

💬 अर्थ

मुहावरा का अर्थ शाब्दिक अर्थ से अलग होता है, इसे समझने के लिए अर्थ निकालना पड़ता है।

लोकोक्ति का अर्थ स्पष्ट और सीधा होता है, जो आम जीवन का अनुभव बताता है।

🌍 प्रयोग का क्षेत्र

मुहावरे भाषा में भाव व्यक्त करने के लिए प्रयोग होते हैं, खासकर कहानियों, कविताओं, बातचीत में।

लोकोक्तियाँ जीवन के अनुभव, नीति-नियम, सामाजिक सत्य बताने के लिए उपयोग होती हैं।

📏 लंबाई

छोटी और संक्षिप्त होती हैं।

लंबी और पूरी वाक्य होती हैं।

🎯 उद्देश्य

भावों को प्रभावशाली ढंग से व्यक्त करना।

सीख और नीति प्रदान करना।

🗣️ उदाहरण

मुहावरे:

 

🐍 साँप के मुँह में छाछ डालना
अशुभ कार्य करना

🦅 आसमान से गिरना
अचानक गिरावट आना

| लोकोक्तियाँ:

🐍 साँप छिपा रहता है
जो छुपा हुआ है वह कहीं न कहीं खतरा है

🌞 सूरज की पहली किरण
नई शुरुआत का प्रतीक
|

🔎 उदाहरणों से समझें फर्क —

मुहावरा (Idioms)

🐍 साँप के मुँह में छाछ डालना
मतलब: किसी खतरनाक या ग़लत काम में पड़ना।
वाक्य उदाहरण:
“तुम उसके साथ झगड़ा मत करो, वरना साँप के मुँह में छाछ डालने जैसा होगा।”

🦅 आसमान से गिरा खजूर में अटका
मतलब: एक समस्या से निकलकर दूसरी समस्या में फँस जाना।
वाक्य उदाहरण:
“रोजगार खोया और फिर कर्ज में फंस गया, जैसे आसमान से गिरा खजूर में अटका।”

लोकोक्ति (Proverbs)

🐍 साँप छिपा रहता है
मतलब: जो खतरा छुपा हो उसे सावधानी से समझना चाहिए।
वाक्य उदाहरण:
“उसकी बातों पर भरोसा मत करो, साँप छिपा रहता है।”

🌞 सूरज की पहली किरण
मतलब: नई शुरुआत का प्रतीक।
वाक्य उदाहरण:
“नई नौकरी ने उसके जीवन में सूरज की पहली किरण लाई।”

📌 मुख्य बिंदु

मुहावरे छोटे वाक्यांश होते हैं जिनका मतलब शाब्दिक नहीं होता, वे भाव व्यक्त करते हैं।

लोकोक्तियाँ पूर्ण वाक्य होती हैं जो जीवन का ज्ञान, अनुभव या शिक्षा देती हैं।

मुहावरे आमतौर पर साहित्य और बातचीत को रंगीन बनाते हैं, जबकि लोकोक्तियाँ जीवन में नैतिक शिक्षा के लिए प्रयुक्त होती हैं।

📚 लोकोक्ति PYQ (प्रश्न पूर्व परीक्षा प्रश्न)

“झूठ के पांव नहीं होते” लोकोक्ति का क्या अर्थ है?
a) झूठ बोलना अच्छा है
b) झूठ ज्यादा समय तक टिक नहीं सकता
c) झूठ से फायदा होता है
d) झूठी बातों से डरना चाहिए
उत्तर: b

“दूध का दूध और पानी का पानी करना” किसका अर्थ है?
a) न्याय करना
b) धोखा देना
c) मजाक करना
d) गपशप करना
उत्तर: a

“नाच न जाने आँगन टेढ़ा” किस स्थिति को दर्शाता है?
a) सफल होना
b) अपनी कमी छुपाना
c) मेहनत करना
d) गलतफहमी होना
उत्तर: b

“घर की मुर्गी दाल बराबर” लोकोक्ति का अर्थ क्या है?
a) घर की चीज़ की कोई कदर नहीं होती
b) घर का खाना स्वादिष्ट होता है
c) परिवार में सब खुश रहते हैं
d) घर के बाहर की चीज़ अच्छी होती है
उत्तर: a

“अंधेर नगरी चौपट राजा” लोकोक्ति का अर्थ है—
a) खुशहाल राज्य
b) बिना नियम-कानून के जगह
c) समृद्धि का प्रतीक
d) एक सुंदर नगर
उत्तर: b

“साँप भी मर जाये और लाठी भी न टूटे” का भावार्थ क्या है?
a) दोनों पक्षों को नुकसान होना
b) बिना हानि के समस्या का समाधान
c) डर के आगे भागना
d) लड़ाई करना जरूरी है
उत्तर: b

“झूठी शान में जीना” का मतलब क्या होता है?
a) सच्चाई से जियो
b) दिखावे में रहना, असलियत से दूर
c) मेहनत करना
d) गरीब होना
उत्तर: b

“दूध का जला छाछ भी फूँक-फूँक कर पीता है” का क्या अर्थ है?
a) धैर्य रखना चाहिए
b) धोखा खाने के बाद सावधान होना
c) खाना पसंद करना
d) आलसी होना
उत्तर: b

“नीम हकीम खतरे-ए-जान” किसके लिए प्रयोग होती है?
a) विशेषज्ञ डॉक्टर
b) आधे-अधूरे ज्ञान वाला व्यक्ति
c) मित्र
d) धनवान व्यक्ति
उत्तर: b

“पानी में रहकर मगर से वैर करना” किसका सूचक है?
a) मित्रता
b) अज्ञानी व्यक्ति
c) शक्तिशाली के खिलाफ लड़ना
d) परोपकार
उत्तर: c

“टके की हाँडी गयी, कुत्ते की जात पहचानी गयी” का अर्थ है—
a) खर्च करना
b) किसी की असलियत का पता चल जाना
c) खेलना
d) विश्वास करना
उत्तर: b

“बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद” लोकोक्ति का क्या अर्थ है?
a) किसी को किसी चीज की कदर न होना
b) स्वादिष्ट भोजन
c) पशुओं की बात
d) मिठास का ज्ञान
उत्तर: a

“धोबी से पार न पावे, गदहा का कान उमेठे” का भावार्थ क्या है?
a) सीधे-सादे व्यक्ति की जीत
b) शक्तिशाली को हराना मुश्किल
c) गुस्सा किसी कमजोर पर निकालना
d) मेहनत से सफलता
उत्तर: c

“मान न मान मैं तेरा मेहमान” किस स्थिति को दर्शाता है?
a) प्रेम
b) जबरदस्ती जुड़ना या रहना
c) स्वाभाविक व्यवहार
d) संतोष
उत्तर: b

“रस्सी जल गयी पर ऐंठ न गयी” का अर्थ है—
a) हार मान लेना
b) कठिनाइयों में भी हिम्मत न हारना
c) जल्दी में काम करना
d) जीतना
उत्तर: b

📋 लोकोक्ति MCQ with Examples

“झूठ के पांव नहीं होते” लोकोक्ति का क्या अर्थ है?
a) झूठ ज्यादा समय तक टिक नहीं सकता।
b) झूठ बोलने में कोई हर्ज नहीं।
c) झूठ हमेशा सच बन जाता है।
d) झूठ बोलना सही है।
सही उत्तर: a
उदाहरण: उसने झूठ बोला, लेकिन सच बाहर आ गया, क्योंकि झूठ के पांव नहीं होते।

“दूध का दूध और पानी का पानी करना” का मतलब क्या है?
a) झूठ बोलना
b) पक्षपात रहित न्याय करना
c) सबको खुश करना
d) चोरी करना
सही उत्तर: b
उदाहरण: न्यायाधीश ने मामले में दूध का दूध और पानी का पानी किया।

“नाच न जाने आँगन टेढ़ा” का अर्थ क्या है?
a) अपनी कमी छुपाने के लिए बहाना बनाना
b) खुश होना
c) मेहनत करना
d) मज़ाक करना
सही उत्तर: a
उदाहरण: रमेश ने अपनी गलती छुपाने के लिए ऐसा कहा, नाच न जाने आँगन टेढ़ा।

“घर की मुर्गी दाल बराबर” लोकोक्ति का मतलब क्या है?
a) घर की चीज़ों की कदर नहीं होती।
b) घर का खाना स्वादिष्ट होता है।
c) बाहर की चीज़ें बेहतर होती हैं।
d) घर में सब खुश रहते हैं।
सही उत्तर: a
उदाहरण: वह अपनी सफलता की बात नहीं करता, जैसे घर की मुर्गी दाल बराबर।

“साँप भी मर जाये और लाठी भी न टूटे” का भावार्थ क्या है?
a) बिना हानि के समाधान निकलना।
b) दोनों पक्षों को नुकसान होना।
c) लड़ाई करना जरूरी है।
d) भाग जाना।
सही उत्तर: a
उदाहरण: विवाद को इस तरह सुलझाओ कि साँप भी मर जाये और लाठी भी न टूटे।

“नीम हकीम खतरे-ए-जान” किसके लिए प्रयोग होती है?
a) अनुभवी डॉक्टर
b) अधकचरा ज्ञान रखने वाला व्यक्ति
c) अच्छा मित्र
d) समझदार विद्यार्थी
सही उत्तर: b
उदाहरण: बिना ट्रेनिंग वाला डॉक्टर काम नहीं करे, नीम हकीम खतरे-ए-जान।

“पानी में रहकर मगर से वैर करना” का अर्थ है—
a) अपनी मदद करने वाले से दुश्मनी रखना।
b) दोस्ती करना।
c) सफलता पाना।
d) झूठ बोलना।
सही उत्तर: a
उदाहरण: तुमको जो मदद दी उसी से लड़ाई कर रहे हो, पानी में रहकर मगर से वैर करना।

“टके की हाँडी गयी, कुत्ते की जात पहचानी गयी” लोकोक्ति का मतलब क्या है?
a) किसी की असलियत का पता चलना।
b) पैसों की कमी।
c) दोस्ती निभाना।
d) सम्मान बढ़ाना।
सही उत्तर: a
उदाहरण: वह धोखेबाज निकला, टके की हाँडी गयी, कुत्ते की जात पहचानी गयी।

“बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद” लोकोक्ति किसे दर्शाती है?
a) मूर्ख व्यक्ति की अज्ञानता।
b) ज्ञान की प्राप्ति।
c) सफलता।
d) मेहनत।
सही उत्तर: a
उदाहरण: उसे कोई बात समझ नहीं आती, बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद।

“मान न मान मैं तेरा मेहमान” का क्या अर्थ है?
a) प्रेम जताना।
b) जबरदस्ती किसी के साथ रहना।
c) खुशी मनाना।
d) धन्यवाद देना।
सही उत्तर: b
उदाहरण: वह अनचाहा मेहमान घर में घुस आया, मान न मान मैं तेरा मेहमान।

 

 

 

 

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