उपसर्ग (Upsarg) – परिभाषा, अर्थ, भेद और उदाहरण

Upsarg: उपसर्ग की परिभाषा: हिंदी में उपसर्ग वह शब्दांश है जो किसी मूल शब्द के पहले जुड़कर उसके अर्थ में परिवर्तन या विशेषता उत्पन्न करता है। यह शब्दांश स्वतंत्र रूप से प्रयुक्त नहीं होता। जैसे – ‘प्र’ + ‘हार’ = ‘प्रहार’।
उपसर्ग शब्द की उत्पत्ति: यह ‘उप’ (समीप) और ‘सर्ग’ (सृष्टि करना) से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है – “किसी शब्द के समीप आकर नया अर्थ उत्पन्न करना।”
उदाहरण:
प्र + हार = प्रहार
आ + हार = आहार
सम् + हार = संहार
वि + हार = विहार
📚 संस्कृत, अरबी-फारसी, अंग्रेज़ी और उपसर्ग के भेद
📌 उपसर्ग के भेद/प्रकार
हिन्दी में उपसर्ग के मुख्यतः तीन प्रकार होते हैं:
- तत्सम उपसर्ग – संस्कृत भाषा से सीधे हिंदी में आए उपसर्ग
- तद्भव उपसर्ग – संस्कृत से विकसित होकर हिंदी में रूपांतरित उपसर्ग
- आगत उपसर्ग – अरबी, फारसी व अंग्रेज़ी जैसे विदेशी भाषाओं से आए उपसर्ग
🟦 तत्सम उपसर्ग उदाहरण सहित
🟩 संस्कृत अव्यय शब्द जो उपसर्ग जैसे हैं
🟨 तद्भव उपसर्ग उदाहरण सहित
🟥 विदेशी (आगत) उपसर्ग उदाहरण सहित
हिंदी व्याकरण अध्याय सूची:
भाषा, हिन्दी भाषा, वर्ण, शब्द, पद, काल, वाक्य, विराम चिन्ह, संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रिया विशेषण, विस्मयादि बोधक, संबंध बोधक, निपात , वचन, लिंग, कारक, उपसर्ग, प्रत्यय, संधि, छन्द, समास, अलंकार, रस, विलोम शब्द, तत्सम–तद्भव शब्द, पर्यायवाची शब्द, अनेक शब्दों के लिए एक शब्द, एकार्थक शब्द, शब्द युग्म, शुद्ध और अशुद्ध शब्द, मुहावरे, लोकोक्तियाँ, पद्य रचनाएँ, गद्य रचनाएँ, जीवन परिचय।
उपसर्ग की विशेषताएं:
उपसर्ग मूल शब्द के पूर्व जुड़ते हैं।
उपसर्ग स्वतंत्र नहीं होते।
एक उपसर्ग के अनेक अर्थ हो सकते हैं।
उपसर्ग से विलोम शब्द भी बनते हैं। जैसे: हिंसा → अहिंसा।
उपसर्ग के भेद (प्रकार):
तत्सम उपसर्ग – संस्कृत से यथावत लिए गए।
तद्भव उपसर्ग – संस्कृत से विकसित हिंदी शब्दांश।
आगत उपसर्ग – अरबी, फ़ारसी, अंग्रेज़ी आदि विदेशी भाषाओं से आए।
1. तत्सम उपसर्ग:
प्रमुख उदाहरण:
उपसर्ग | अर्थ | उदाहरण |
---|---|---|
अति | अधिक | अत्याचार, अतिरेक |
अधि | ऊपर | अधिपति, अध्यक्ष |
अनु | पीछे | अनुकरण, अनुभव |
अप | बुरा | अपमान, अपशब्द |
अभि | सामने | अभिषेक, अभिवादन |
आ | तक, समीप | आगमन, आचरण |
उत् | ऊपर | उत्कर्ष, उत्थान |
परि | चारों ओर | परिवर्तन, परिपूर्ण |
प्र | आगे, अधिक | प्रचार, प्रगति |
वि | विशेष | विज्ञान, विचार |
सम् | साथ, संपूर्ण | संवाद, संहार |
2. तद्भव उपसर्ग:
उपसर्ग | अर्थ | उदाहरण |
अ | अभाव | अटल, अज्ञानी |
अन | नहीं | अनपढ़, अनजान |
कु | बुरा | कुचाल, कुचक्र |
दु | बुरा, दो | दुगुना, दुश्मन |
नि | रहित | निहत्था, निकम्मा |
अध | आधा | अधपका, अधमरा |
भर | पूरा | भरमार, भरपेट |
पर | पराया | परलोक, पराजय |
बिन | बिना | बिनब्याही, बिनबात |
3. आगत उपसर्ग:
(विदेशी भाषाओं से लिए गए)
उपसर्ग | अर्थ | उदाहरण |
बे | बिना | बेईमान, बेचैन |
ला | रहित | लाचार, लाजवाब |
दर | में | दरअसल, दरहकीकत |
बद | बुरा | बदमाश, बदनाम |
खुश | अच्छा | खुशबू, खुशहाल |
गैर | निषेध | गैरहाजिर, गैरजरूरी |
ना | निषेध | नाराज, नालायक |
सर | मुख्य | सरताज, सरपंच |
हम | साथ | हमदर्द, हमसफ़र |
विशेष उदाहरण:
प्रति + दिन = प्रतिदिन
परा + जय = पराजय
सम् + भाव = संभाव
सु + फल = सुफल
एक से अधिक उपसर्ग वाले शब्द:
प्रति + अप + वाद = प्रत्यपवाद
सम् + आ + लोचन = समालोचन
वि + अव + हार = व्यवहार
संस्कृत के 22 प्रमुख उपसर्ग: अति, अधि, अनु, अन्, अप, अपि, अभि, अव, आ, उत्, उद्, उप, दुर्/दुस्, नि, निर्/निस्, परा, परि, प्र, प्रति, वि, सम्, सु
संस्कृत के उपसर्गों का अर्थ और उदाहरण:
उपसर्ग | अर्थ | उदाहरण |
अति | अत्यधिक | अतिरेक, अत्याचार |
अनु | अनुसरण | अनुकरण, अनुवाद |
अप | विपरीत | अपमान, अपकार |
अभि | सामने | अभिषेक, अभिलाषा |
अव | नीच | अवगुण, अवमानना |
उत् | ऊपर | उत्कर्ष, उत्पत्ति |
उप | समीप | उपदेश, उपग्रह |
नि | निषेध | निषेध, निर्विकार |
प्र | प्रारंभ | प्रारंभ, प्रलोभन |
वि | विशेष | विज्ञान, विरोध |
स्मरणीय तथ्य:
उपसर्ग मूल शब्द के आरंभ में जुड़ता है।
उपसर्ग के बिना शब्द का अर्थ बदल जाता है।
उपसर्ग से विलोम शब्द भी बनाए जा सकते हैं।
उपसर्ग स्वतंत्र शब्द नहीं होता।
आखिरी बात: उपसर्ग न केवल शब्द के अर्थ को विस्तार देता है बल्कि उसका व्याकरणिक सौंदर्य भी बढ़ाता है। यह हिंदी भाषा की संरचना को गहराई और विविधता प्रदान करता है।
FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
उपसर्ग क्या होता है?
जो शब्दांश किसी शब्द के आरंभ में जुड़कर उसका अर्थ बदल दे, वह उपसर्ग होता है।
उपसर्ग के कितने प्रकार होते हैं?
मुख्यतः तीन प्रकार – तत्सम, तद्भव, आगत।
उपसर्ग और प्रत्यय में अंतर क्या है?
उपसर्ग शब्द के शुरुआत में लगता है, प्रत्यय अंत में।
उपसर्ग से बने 5 शब्द बताइए।
अनुकरण, अपमान, अनपढ़, अतिरेक, सुगंध
- क्रिया विशेषण
- संबंधबोधक
- विस्मयादिबोधक
- समुच्चयबोधक
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📚 संस्कृत, अरबी-फारसी व अंग्रेज़ी के उपसर्ग
🔶 संस्कृत के उपसर्ग (22)
अति, अधि, अनु, अन्, अप, अपि, अभि, अव, आ, उत्, उद्, उप, दुर्/दुस्, नि, निर्/निस्, परा, परि, प्र, प्रति, वि, सम्, सु