“Pratyaya” In Hindi Grammar

"Pratyaya"प्रत्यय – परिभाषा, भेद और उदाहरण : हिन्दी व्याकरण (Pratyay in Hindi Grammar)

प्रत्यय  pratyaya वे शब्दांश होते हैं जो किसी मूल शब्द के अंत में जुड़कर, उसके अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं। ‘प्रत्यय’ शब्द ‘प्रति’ और ‘अय’ से मिलकर बना है। ‘प्रति’ का अर्थ है – साथ में लेकिन बाद में, और ‘अय’ का अर्थ है – चलने वाला। इस प्रकार प्रत्यय का शाब्दिक अर्थ होता है – साथ में लेकिन बाद में जुड़ने वाला शब्दांश।

परिभाषा: जो शब्दांश मूल शब्द के अंत में जुड़ते हैं और उससे नया शब्द बनाते हैं, उन्हें प्रत्यय कहते हैं। जैसे – बड़ा + ई = बड़ाई, गाड़ी + वान = गाड़ीवान, अपना + पन = अपनापन।

प्रत्यय की परिभाषा

जो शब्दांश किसी शब्द के अंत में जुड़ते हैं और उससे नया शब्द बनाते हैं, उन्हें प्रत्यय कहते हैं। जैसे:

  • बड़ा + ई = बड़ाई

  • गाड़ी + वान = गाड़ीवान

  • अपना + पन = अपनापन


प्रत्यय के प्रकार (Types of Pratyay)

हिंदी में प्रत्यय को मुख्यतः दो भागों में बाँटा गया है:

  1. कृत् प्रत्यय

  2. तद्धित प्रत्यय

इनके अतिरिक्त कुछ विदेशी प्रत्यय (फारसी, अंग्रेजी आदि) भी हिंदी में शामिल हैं।


Pratyaya
हिंदी के कृत्-प्रत्यय

हिंदी के कृत्-प्रत्यय

हिंदी में कृत्-प्रत्ययों की संख्या अनगिनत है, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं –

अन, अ, आ, आई, आलू, अक्कड़, आवनी, आड़ी, आक, अंत, आनी, आप, अंकु, आका, आकू, आन, आपा, आव, आवट, आवना, आवा, आस, आहट, इया, इयल, ई, एरा, ऐया, ऐत, ओडा, आड़े, औता, औती, औना, औनी, औटा, औटी, औवल, ऊ, उक, क, का, की, गी, त, ता, ती, न्ती, न, ना, नी, वन, वाँ, वट, वैया, वाला, सार, हार, हारा, हा, हट, इत्यादि।

कर्तृवाचक कृदंत

प्रत्ययधातुकृदंत-रूप
आकतैरनातैराक
आकालड़नालड़ाका
आड़ीखेलनाख़िलाड़ी
वालागानागानेवाला
आलूझगड़नाझगड़ालू
इयाबढ़बढ़िया
इयलसड़नासड़ियल
ओड़हँसनाहँसोड़
ओड़ाभागनाभगोड़ा
अक्कड़पीनापियक्कड़
सारमिलनामिलनसार
पूजापूजक
हुआपकनापका हुआ

गुणवाचक कृदन्त

क्रिया के अंत में आऊ, आलू, इया, इयल, एरा, वन, वैया, सार, इत्यादि प्रत्यय जोड़ने से बनते हैं:

प्रत्ययक्रियाकृदंत-रूप
आऊटिकनाटिकाऊ
वनसुहानासुहावन
हरासोनासुनहरा
लाआगे, पीछेअगला, पिछला
इयाघटनाघटिया
एराबहुतबहुतेरा
वाहाहलहलवाहा

कर्मवाचक कृदंत

क्रिया के अंत में औना, हुआ, नी, हुई इत्यादि प्रत्ययों को जोड़ने से कर्मवाचक कृदंत बनते हैं:

प्रत्ययक्रियाकृदंत-रूप
नीचाटना, सूंघनाचटनी, सुंघनी
औनाबिकना, खेलनाबिकौना, खिलौना
हुआपढ़ना, लिखनापढ़ा हुआ, लिखा हुआ
हुईसुनना, जागनासुनी हुई, जगी हुई

करणवाचक कृदंत

क्रिया के अंत में आ, आनी, ई, ऊ, ने, नी इत्यादि प्रत्ययों के योग से करणवाचक कृदंत संज्ञाएँ बनती हैं तथा इनसे कर्ता के कार्य करने के साधन का बोध होता है:

प्रत्ययक्रियाकृदंत-रूप
झुलनाझुला
रेतनारेती
झाड़नाझाड़ू
झाड़नाझाड़न
नीकतरनाकतरनी
आनीमथनामथानी
अनढकनाढक्कन

भाववाचक कृदंत

क्रिया के अंत में अ, आ, आई, आप, आया, आव, वट, हट, आहट, ई, औता, औती, त, ता, ती इत्यादि प्रत्ययों के योग से भाववाचक कृदंत बनाये जाते हैं तथा इनसे क्रिया के व्यापार का बोध होता है:

प्रत्ययक्रियाकृदंत-रूप
दौड़नादौड़
घेरनाघेरा
आईलड़नालड़ाई
आपमिलनामिलाप
वटमिलनामिलावट
हटझल्लानाझल्लाहट
तीबोलनाबोलती
बचनाबचत
आसपीनाप्यास
आहटघबरानाघबराहट
हँसनाहँसी
एराबसनाबसेरा
औतासमझानासमझौता
औतीमनानामनौती
चलनाचलन
नीकरनाकरनी

क्रियाद्योदक कृदंत

क्रिया के अंत में ता, आ, वा, इत्यादि प्रत्ययों के योग से क्रियाद्योदक विशेषण बनते हैं। यद्यपि इनसे क्रिया का बोध होता है, परन्तु ये हमेशा संज्ञा के विशेषण के रूप में ही प्रयुक्त होते हैं:

प्रत्ययक्रियाकृदंत-रूप
ताबहनाबहता
ताभरनाभरता
तागानागाता
ताहँसनाहँसता
रोनारोया
ता हुआदौड़नादौड़ता हुआ
ता हुआजानाजाता हुआ

कृदंत और तद्धित में अंतर

कृदंत: कृत्-प्रत्यय क्रिया अथवा धातु के अंत में लगता है, तथा इनसे बने शब्दों को कृदंत कहते हैं।

तद्धित: तद्धित प्रत्यय संज्ञा, सर्वनाम तथा विशेषण के अंत में लगता है और इनसे बने शब्दों को तद्धितांत कहते हैं।

संस्कृत, हिंदी तथा उर्दू-इन तीन स्रोतों से तद्धित-प्रत्यय आकर हिंदी शब्दों की रचना में सहायता करते हैं।

2. तद्धित प्रत्यय (Taddhit Pratyay)

ये प्रत्यय संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण के अंत में जुड़ते हैं और नए शब्दों का निर्माण करते हैं। इनसे बनने वाले शब्दों को “तद्धितांत” कहा जाता है।

तद्धित प्रत्ययों के प्रकार:

1. कर्तृवाचक:

  • सोना + आर = सुनार

  • जुआ + आरी = जुआरी

2. भाववाचक:

  • बच्चा + पन = बचपन

  • सज्जा + वट = सजावट

3. ऊनवाचक:

(छोटापन, हीनता आदि)

  • ढोल + क = ढोलक

  • छाता + री = छतरी

4. संबंधवाचक:

  • नाना + हाल = ननिहाल

  • ससुर + आल = ससुराल

5. अपत्यवाचक:

(वंश या संतान)

  • मनु + अ = मानव

  • नर + आयन = नारायण

6. गुणवाचक:

  • भूख + आ = भूखा

  • मधु + र = मधुर

  • पक्ष + ई = पक्षी

7. स्थानवाचक:

  • गुजरात + ई = गुजराती

  • चारा + गाह = चारागाह

8. अव्ययवाचक:

  • यह + आँ = यहाँ

  • कोस + ओं = कोसों

  • दिन + भर = दिनभर


3. विदेशी तद्धित प्रत्यय

फारसी:

  • दर + बार = दरबार (स्थितिवाचक)

  • मदद + गार = मददगार (कर्तृवाचक)

  • सफ़ेद + ई = सफेदी (भाववाचक)

  • घड़ी + साज = घड़ीसाज (कर्तृवाचक)

अंग्रेजी:

  • Paint + er = Painter (कर्तृवाचक)

  • Commun + ism = Communism (भाववाचक)

  • Dravid + ian = Dravidian (गुणवाचक)


उपसर्ग + प्रत्यय का संयुक्त प्रयोग:

शब्दउपसर्गमूल शब्दप्रत्ययअंतिम रूप
अभिमानीअभिमानअभिमानी
अपमानितअपमानइतअपमानित
सुलभतासुलभतासुलभता
नियुक्तिनियुक्तनियुक्ति

कृदंत और तद्धित में अंतर:

विशेषताकृदंततद्धित
आधारक्रिया/धातुसंज्ञा/विशेषण
बने शब्दकृदंततद्धितांत
अर्थकर्ता, कर्म, भाव, साधन, क्रियागुण, संतान, स्थान, संबंध

कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय

प्रत्ययशब्दतद्धितांत
आरसोनासुनार
आरीजूआजुआरी
इयामजाकमजाकिया
वालासब्जीसब्जीवाला
हारपालनपालनहार
दारसमझसमझदार

भाववाचक तद्धित प्रत्यय

प्रत्ययशब्दतद्धितांत रूप
त्वदेवतादेवत्व
पनबच्चाबचपन
वटसज्जासजावट
हटचिकनाचिकनाहट
रंगरंगत
आसमीठामिठास

ऊनवाचक तद्धित प्रत्यय

प्रत्ययशब्दतद्धितांत रूप
ढोलढोलक
रीछाताछतरी
इयाबूढ़ीबुढ़िया
टोपटोपी
कीछोटाछोटकी

संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय

प्रत्ययशब्दतद्धितांत रूप
हालनानाननिहाल
एलनाकनकेल
आलससुरससुराल
लखनऊलखनवी

अपत्यवाचक तद्धित प्रत्यय

प्रत्ययशब्दतद्धितांत रूप
वसुदेववासुदेव
आयननरनारायण
एयराधाराधेय
दितिदैत्य

गुणवाचक तद्धित प्रत्यय

प्रत्ययशब्दतद्धितांत रूप
भूखभूखा
इकशरीरशारीरिक
पक्षपक्षी
वीमायामायावी
कर्ककर्कश

स्थानवाचक तद्धित प्रत्यय

प्रत्ययशब्दतद्धितांत रूप
गुजरातगुजराती
गाहचाराचारागाह
त्रसर्वसर्वत्र

अव्ययवाचक तद्धित प्रत्यय

प्रत्ययशब्दतद्धितांत रूप
दासर्वसर्वदा
त्रएकएकत्र
ओंकोसकोसों
आपआपस

फारसी के तद्धित प्रत्यय (Persian-Origin Taddhit Pratyayas)

हिंदी में फारसी के भी बहुत सारे तद्धित प्रत्यय लिये गये हैं। इन्हें पाँच वर्गों में विभाजित किया गया है:

भाववाचक तद्धित प्रत्यय

प्रत्ययशब्दतद्धितांत रूप
सफ़ेदसफेदा
आनानजरनजराना
खुशख़ुशी
बेवफाबेवफाई
गीमर्दानामर्दानगी

कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय

प्रत्ययशब्दतद्धितांत रूप
कारपेशपेशकार
गारमददमददगार
बानदरदरबान
खोरहरामहरामखोर
दारदुकानदुकानदार
नशीनपरदापरदानशीन
पोशसफ़ेदसफेदपोश
साजघड़ीघड़ीसाज
बाजदगादगाबाज
बीनदुर्दूरबीन
नामाइकरारइकरारनामा

ऊनवाचक तद्धित प्रत्यय

प्रत्ययशब्दतद्धितांत रूप
तोपतुपक
चासंदूकसंदूकचा
इचाबागबगीचा

स्थितिवाचक तद्धित प्रत्यय

प्रत्ययशब्दतद्धितांत रूप
आबादहैदरहैदराबाद
खानादौलतदौलतखाना
गाहईदईदगाह
उस्तानहिंदहिंदुस्तान
शनगुलगुलशन
दानीमच्छरमच्छरदानी
बारदरदरबार

विशेषणवाचक तद्धित प्रत्यय

प्रत्ययशब्दतद्धितांत रूप
आनहरोजरोजाना
इंदाशर्मशर्मिंदा
मंदअकलअक्लमंद
वारउम्मीदउम्मीदवार
जादहशाहशहजादा
खोरसूदसूदखोर
दारमालमालदार
नुमाकुतुबकुतुबनुमा
बंदकमरकमरबंद
पोशजीनजीनपोश
साजजालजालसाज

अंग्रेजी के तद्धित प्रत्यय

प्रत्ययशब्दतद्धितांत रूपप्रकार
अरपेंटपेंटरकर्तृवाचक
आइटनक्सलनकसलाइटगुणवाचक
इयनद्रविड़द्रविड़ियनगुणवाचक
इज्मकम्यूनकम्युनिस्मभाववाचक

उपसर्ग और प्रत्यय का एकसाथ प्रयोग

  • अभि + मान + ई = अभिमानी
  • अप + मान + इत = अपमानित
  • परि + पूर्ण + ता = परिपूर्णता
  • दुस् + साहस + ई = दुस्साहसी
  • बद् + चलन + ई = बदचलनी
  • निर् + दया + ई = निर्दयी
  • उप + कार + क = उपकारक
  • सु + लभ + ता = सुलभता
  • अति + शय + ता = अतिशयता
  • नि + युक्त + इ = नियुक्ति
  • प्र + लय + कारी = प्रलयकार
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