✍️ अव्यय (Avaya)
✍अव्यय (Avaya️) – प्रकार, परिभाषा और उदाहरण
📘 अव्यय (Avyay in Hindi) ऐसे शब्द होते हैं जो वाक्य में जैसे के तैसे ही प्रयुक्त होते हैं, अर्थात् इन पर लिंग, वचन, पुरुष, कारक, संज्ञा, सर्वनाम या क्रिया आदि का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। ये शब्द अपने स्वरूप में स्थिर रहते हैं और वाक्य के अन्य तत्वों के अनुसार नहीं बदलते। उदाहरणस्वरूप – जब, तब, कब, कहाँ, क्यों, कैसे, किसने, उधर, ऊपर, इधर, अरे, तथा, और, किन्तु, परंतु, लेकिन, क्योंकि, केवल, यहाँ, वहाँ आदि ऐसे अनेक शब्द हैं जिन्हें अव्यय कहा जाता है। इनका प्रयोग वाक्य की संरचना को स्पष्ट करने, भावों को जोड़ने या दिशा-सूचक, प्रश्नवाचक अथवा आश्चर्य सूचक भाव प्रकट करने के लिए किया जाता है। इस लेख में हम अव्यय की परिभाषा, उनके प्रमुख भेद, उदाहरणों सहित पहचान को विस्तार से समझेंगे ताकि हिंदी व्याकरण की इस महत्वपूर्ण इकाई को सरलता से सीखा जा सके।

📘 अव्यय किसे कहते हैं?अव्यय (Avaya) वे शब्द होते हैं जिनमें लिंग, वचन, पुरुष, कारक आदि के कारण कोई रूप-परिवर्तन नहीं होता। ये शब्द हमेशा एक ही रूप में प्रयुक्त होते हैं, चाहे वाक्य की स्थिति या प्रयोग कुछ भी हो। जैसे – 🟡 जब, तब, अभी, उधर, वहाँ, इधर, कब, क्यों, वाह, आह, ठीक, अरे, और, तथा, किन्तु, परन्तु, बल्कि आदि।
📚 विकारी और अविकारी शब्दों का अंतर
हिंदी व्याकरण में शब्दों को विकार के आधार पर दो भागों में बाँटा गया है:
🔹 विकारी शब्द – जिनका रूप परिवर्तित होता है (जैसे: संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया)
🔹 अविकारी शब्द – जिनमें कोई परिवर्तन नहीं होता (जैसे: क्रिया-विशेषण, संबंधबोधक, समुच्चय बोधक, विस्मयादिबोधक)
✍️ अव्यय = अविकारी शब्द
‘अव्यय’ शब्द संस्कृत से लिया गया है जिसमें ‘अ’ का अर्थ होता है “नकारात्मक” और ‘व्यय’ का अर्थ होता है “व्यय या परिवर्तन”। यानी, “जो व्यय न हो” – वही शब्द अव्यय कहलाते हैं। ये शब्द किसी भी व्याकरणिक कारक से प्रभावित नहीं होते।
🧩 अव्यय शब्द वाक्य में क्या करते हैं?
✅ वाक्यों को जोड़ते हैं – और, तथा, किंतु, परंतु
✅ स्थिति या दिशा बताते हैं – यहाँ, वहाँ, इधर, उधर
✅ समय या कारण व्यक्त करते हैं – जब, तब, क्यों, क्योंकि
✅ भाव व्यक्त करते हैं – वाह!, आह!, अरे!
📖 उदाहरणों के माध्यम से समझें:
🔸 जब वह आया, तब मैं जा चुका था।
🔸 अरे! तुम यहाँ कैसे?
🔸 वह वहाँ गया था, लेकिन मैं इधर आया।
📘 अव्यय की परिभाषा (Avaya Ki Paribhasha)
हिंदी भाषा में वे शब्द जिन्हें किसी भी व्याकरणिक परिवर्तन – जैसे लिंग, वचन, पुरुष, कारक, काल आदि के अनुसार रूपांतरित नहीं किया जाता, उन्हें अव्यय कहते हैं। ये शब्द हर स्थिति में अपने मूल रूप में स्थिर रहते हैं, यानी इनका कोई रूपांतरण नहीं होता। इसी कारण इन्हें अविकारी शब्द भी कहा जाता है। अव्यय शब्द किसी भी भाषा की संरचना को सटीक और स्पष्ट बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
📚 हिन्दी के प्रमुख अव्यय शब्द – जब, तब, अभी, उधर, वहाँ, इधर, कब, क्यों, वाह, आह, ठीक, अरे, और, तथा, एवं, किन्तु, परन्तु, बल्कि, इसलिए, अतः, अतएव, चूँकि, अवश्य, अर्थात् आदि।
📖 संस्कृत में प्रयुक्त अव्यय शब्द – अद्य (आज), ह्यः (बीता हुआ कल), श्वः (आने वाला कल), परश्वः (परसों), अत्र (यहां), तत्र (वहां), कुत्र (कहां), सर्वत्र (सब जगह), यथा (जैसे), तथा (तैसे), कथम् (कैसे), सदा (हमेशा), कदा (कब), यदा (जब), तदा (तब), अधुना (अब), कदापि (कभी भी), पुनः (फिर), च (और), न (नहीं), वा (या), अथवा (या), अपि (भी), तु (लेकिन/तो), शीघ्रम् (जल्दी), शनैः (धीरे), धिक् (धिक्कार), विना (बिना), सह (साथ), कुतः (कहाँ से), नमः (नमस्कार), स्वस्ति (कल्याण हो), किम् (क्या) आदि।
✍️ अव्यय शब्दों के वाक्य में प्रयोग के उदाहरण –
🔸 अभी वह इधर आ रहा है।
🔸 इधर किसी अच्छे रेस्टोरेंट में जाना अच्छा विचार है।
🔸 अभी वह इधर क्यों आया?
🔸 जब वह समुंदर के किनारे खड़ा था, तब वह अच्छा लग रहा था।
🔸 अभी इधर ही थोड़ा वक्त बिता लें।
🔸 ठीक है, आपका सुझाव अच्छा था।
🔸 अरे! वहाँ कौन आ रहा है?
🔸 हम अब बाजार जा रहे हैं।
🔸 गिलास यहाँ रखा है।
🔸 सीमा प्रतिदिन पढ़ती है।
🔸 मजदूर बहुत थक गया हूँ।
🔸 रोहन अपना काम कर रहा है।

📘 अव्यय के भेद (Types of Avaya in Hindi Grammar)
हिन्दी व्याकरण में अव्यय शब्दों को उनके कार्य, प्रयोग और भाव के आधार पर चार प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया गया है। ये सभी भेद भाषा की अभिव्यक्ति को सरल, प्रभावी और भावपूर्ण बनाते हैं।
🕒 1. क्रिया-विशेषण अव्यय (Adverbial Avaya)ये अव्यय किसी क्रिया, विशेषण या अन्य अव्ययों की विशेषता बताते हैं। यह बताते हैं कि कार्य कब, कहाँ, कैसे, कितनी बार या क्यों हुआ।
🧩 उदाहरण: अब, तब, आज, कल, यहाँ, वहाँ, फिर, जल्दी, धीरे, बार-बार
🖊️ वाक्य प्रयोग: वह अब नहीं आएगा। बच्चा धीरे-धीरे चल रहा था। मैं वहाँ पहले भी जा चुका हूँ।
✨ यह अव्यय वाक्य में क्रिया की प्रकृति और समय-स्थान की जानकारी देता है।
🧭 2. संबंधबोधक अव्यय (Prepositional Avaya)ये अव्यय दो संज्ञा या सर्वनामों के बीच संबंध स्थापित करते हैं, जैसे स्थान, समय, कारण या साथ का संबंध।
🧩 उदाहरण: साथ, बिना, पास, द्वारा, कारण, ऊपर, नीचे, भीतर, बाहर
🖊️ वाक्य प्रयोग: वह मेरे साथ बाजार गया। तुम बिना बताए क्यों चले गए? किताबें टेबल के ऊपर रखी हैं।
📌 यह अव्यय वाक्य में स्पष्टता और संदर्भ लाने का कार्य करता है।
🔗 3. समुच्चय बोधक अव्यय (Conjunctive Avaya)ये अव्यय दो या दो से अधिक शब्दों, पदबंधों या वाक्यों को आपस में जोड़ते हैं।
🧩 उदाहरण: और, तथा, लेकिन, परन्तु, किन्तु, अथवा, या, नहीं तो
🖊️ वाक्य प्रयोग: राम और श्याम स्कूल गए। वह आया परन्तु रुका नहीं। चाय या कॉफी में से एक लो।
🧠 यह अव्यय वाक्य को एकसूत्र में बाँधता है और विचारों को जोड़ता है।
😮 4. विस्मयादिबोधक अव्यय (Interjectional Avaya)
ये अव्यय अचानक उपजे भावों जैसे आश्चर्य, खुशी, दुःख, गुस्सा, घृणा, आदि को प्रकट करते हैं।
🧩 उदाहरण: अरे!, वाह!, ओह!, उफ!, छी!, हाय!, अहा!, हे!, धिक्!
🖊️ वाक्य प्रयोग: वाह! तुमने कमाल कर दिया। अरे! यह क्या किया तुमने? उफ! कितनी गर्मी है।
💥 यह अव्यय वाक्य में भावनाओं की तीव्रता और आत्मीयता को बढ़ाता है।
📚 विशेष तथ्य
🟢 एक ही शब्द कई बार अलग-अलग श्रेणी में आ सकता है। जैसे “जब” समय दर्शाने पर क्रिया-विशेषण है, लेकिन “जब…तब” के रूप में समुच्चय बोधक बन जाता है।
🟢 अव्यय शब्द कभी नहीं बदलते, इसलिए इन्हें अविकारी शब्द कहा जाता है।
🟢 इनका सही प्रयोग वाक्य को स्पष्ट, सुंदर और अर्थपूर्ण बनाता है।
🕒 1. क्रिया-विशेषण अव्यय (Kriya Visheshan Avaya)
वे अव्यय शब्द जिनसे किसी क्रिया की विशेषता (कैसे, कहाँ, कब, कितना, किस प्रकार) का बोध होता है, उन्हें क्रिया-विशेषण अव्यय कहा जाता है। जैसे – वह धीरे-धीरे चलता है। इस वाक्य में “चलता” क्रिया है और “धीरे-धीरे” क्रिया की विशेषता बताने वाला अव्यय है।
🧠 क्रिया-विशेषण अव्यय के भेद (Types of Adverbial Avaya)
क्रिया-विशेषण अव्ययों को उनके अर्थ और कार्य के आधार पर मुख्यतः चार भागों में विभाजित किया गया है:
📍 1. स्थानवाचक क्रिया-विशेषण (Locative Adverb)
ये अव्यय किसी कार्य के स्थान या दिशा को दर्शाते हैं।
🧩 उदाहरण: यहाँ, वहाँ, ऊपर, नीचे, इधर, उधर, भीतर, बाहर
🖊️ वाक्य प्रयोग: बच्चा वहाँ खड़ा है। किताब टेबल के ऊपर रखी है। हम भीतर जा चुके हैं।
⏰ 2. कालवाचक क्रिया-विशेषण (Temporal Adverb)
ये अव्यय कार्य के समय को प्रकट करते हैं – जैसे कब हुआ, कितनी बार हुआ, कितनी देर तक हुआ आदि।
🧩 उदाहरण: आज, कल, अब, तब, जब, फिर, कभी, हमेशा, रोज़, अक्सर
🖊️ वाक्य प्रयोग: वह अब स्कूल गया है। हम कल आएंगे। वह अक्सर देर से आता है।
📏 3. परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण (Quantitative Adverb)
इस प्रकार के अव्यय किसी क्रिया की मात्रा, सीमा या तीव्रता को दर्शाते हैं।
🧩 उदाहरण: बहुत, थोड़ा, कम, अधिक, पर्याप्त, बिलकुल
🖊️ वाक्य प्रयोग: उसने बहुत मेहनत की। पानी थोड़ा बचा है। यह कम उपयोगी है।
🎨 4. रीतिवाचक क्रिया-विशेषण (Manner Adverb)
ये अव्यय क्रिया के होने के तरीके या रीति को दर्शाते हैं – यानी कार्य कैसे किया गया।
🧩 उदाहरण: धीरे, तेज़, चुपचाप, जोर से, एकसाथ, अलग-अलग, बार-बार
🖊️ वाक्य प्रयोग: वह धीरे-धीरे चल रहा था। बच्चे चुपचाप पढ़ रहे थे। वह बार-बार वही गलती करता है।
📘 2. संबंधबोधक अव्यय (Sambandhbodhak Avyay)
वे अव्यय शब्द जो एक संज्ञा या सर्वनाम का संबंध किसी अन्य संज्ञा या सर्वनाम से दर्शाते हैं, उन्हें संबंधबोधक अव्यय कहा जाता है। ये शब्द अक्सर संज्ञा/सर्वनाम के बाद आते हैं और इनके साथ परसर्ग (के, की, से, में, आदि) का प्रयोग होता है। जैसे: के पास, से दूर, के लिए, की तरफ, के सामने, के अनुसार आदि। उदाहरण: विद्यालय के सामने बगीचा है। यहाँ से पूरब की ओर तालाब है। मैं कार्यालय से दूर पहुँच चुका था।
🧠 संबंधबोधक अव्यय के भेद (Types of Sambandhbodhak Avyay)
संबंधबोधक अव्यय को अर्थ और प्रयोग के अनुसार 12 भागों में बाँटा गया है:
📍 1. स्थानवाचक संबंधबोधक अव्यय
जो अव्यय शब्द स्थान का बोध कराते हैं उन्हें स्थानवाचक कहा जाता है। जैसे: बाहर, भीतर, ऊपर, नीचे, बीच, आगे, पीछे, सामने, निकट आदि।
🖊️ उदाहरण: मेरे घर के सामने बगीचा है। वह पेड़ के नीचे बैठा है। कक्षा के भीतर शिक्षक पढ़ा रहे हैं।
🧭 2. दिशावाचक संबंधबोधक अव्यय
जो अव्यय दिशा का संकेत देते हैं। जैसे: ओर, तरफ, प्रति, समीप, निकट, सामने आदि।
🖊️ उदाहरण: यहाँ से पूरब की ओर तालाब है। सैनिक दुश्मन की तरफ बढ़ रहे हैं। नदी के समीप गाँव है।
⏰ 3. कालवाचक संबंधबोधक अव्यय
जो अव्यय समय या काल का बोध कराते हैं। जैसे: पहले, बाद, आगे, पीछे, पश्चात, उपरांत आदि।
🖊️ उदाहरण: भोजन के बाद फल खाना चाहिए। परीक्षा से पहले तैयारी करनी होती है। सभा के उपरांत पुरस्कार वितरित हुए।
🔧 4. साधनवाचक संबंधबोधक अव्यय
जो किसी साधन या माध्यम का संकेत देते हैं। जैसे: द्वारा, जरिये, सहारे, माध्यम, मार्फत आदि।
🖊️ उदाहरण: वह मित्र के सहारे ही पास हो गया। संदेश डाक द्वारा भेजा गया। आवेदन मोबाइल के माध्यम से भरा गया।
🎯 5. कारणवाचक संबंधबोधक अव्यय
जो किसी कार्य के कारण या उद्देश्य का बोध कराते हैं। जैसे: कारण, हेतु, निमित्त, खातिर, वास्ते आदि।
🖊️ उदाहरण: वह परीक्षा के कारण नहीं आ सका। मैंने यह कार्य आपके वास्ते किया है। पूजा के निमित्त मंदिर गया।
📏 6. सीमावाचक संबंधबोधक अव्यय
जो सीमा या परिमाण का संकेत देते हैं। जैसे: तक, पर्यन्त, भर, मात्र आदि।
🖊️ उदाहरण: समुद्र पर्यन्त यह राज्य फैला है। वह यहाँ तक आया फिर लौट गया। रात भर बारिश होती रही।
⚠️ 7. विरोधसूचक संबंधबोधक अव्यय
जो विरोध, प्रतिकूलता या विपरीत भाव दर्शाते हैं। जैसे: विरुद्ध, विपरीत, उल्टे, प्रतिकूल आदि।
🖊️ उदाहरण: आतंकवादी कानून के विरुद्ध लड़ते हैं। वह मेरे विपरीत सोचता है। परिस्थितियाँ प्रतिकूल थीं।
⚖️ 8. समतासूचक संबंधबोधक अव्यय
जो समानता या तुलना का बोध कराते हैं। जैसे: तुल्य, सदृश, जैसा, वैसा, समान, तरह, अनुसार आदि।
🖊️ उदाहरण: मानसी के समान मीरा भी सुंदर है। उसने मेरे अनुसार कार्य किया। यह नियम पिछले जैसे हैं।
❌ 9. हेतुवाचक संबंधबोधक अव्यय
जो अभाव या त्याग को व्यक्त करते हैं। जैसे: रहित, सिवा, अतिरिक्त, अथवा आदि।
🖊️ उदाहरण: परीक्षा के अतिरिक्त कोई योग्यता नहीं मांगी गई। मेरे सिवा वहाँ कोई नहीं था। वह संपत्ति रहित है।
👫 10. सहचरसूचक संबंधबोधक अव्यय
जो साथ या सहयोग को व्यक्त करते हैं। जैसे: संग, साथ, समेत आदि।
🖊️ उदाहरण: वह मित्र के साथ बाजार गया। राम सीता समेत वन को चला गया। बच्चा माँ संग खेल रहा था।
📚 11. विषयवाचक संबंधबोधक अव्यय
जो किसी विषय या संदर्भ का संकेत देते हैं। जैसे: विषय, बाबत, लेख आदि।
🖊️ उदाहरण: इस विषय पर और चर्चा करें। यह लेख उस बाबत है। परीक्षा विषयक सूचना दें।
📦 12. संग्रहवाचक संबंधबोधक अव्यय
जो समूह या संग्रह का संकेत देते हैं। जैसे: समेत, भर, तक आदि।
🖊️ उदाहरण: सभी छात्र प्रधानाचार्य समेत उपस्थित थे। गाँव भर में त्योहार का माहौल था। वह अंतिम क्षण तक रुका रहा।
✨ सारांश
संबंधबोधक अव्यय भाषा में संज्ञा और सर्वनाम के बीच के सटीक संबंधों को व्यक्त करने का कार्य करते हैं। इनके 12 प्रकार भाषा को स्पष्ट, परिशुद्ध और व्याकरणिक रूप से संतुलित बनाते हैं। इनका प्रयोग हमें यह जानने में सहायता करता है कि कोई व्यक्ति, वस्तु या विचार किसी अन्य से कैसे, कहाँ, क्यों और किस प्रकार संबंधित है।
📘 3. समुच्चय बोधक अव्यय (Samucchay Bodhak Avaya in Hindi Grammar)
जो शब्द दो या दो से अधिक शब्दों, वाक्यांशों या वाक्यों को आपस में जोड़ते हैं, उन्हें समुच्चय बोधक अव्यय कहा जाता है। इन्हें ‘योजक’ भी कहा जाता है क्योंकि ये भाषा में तारतम्य बनाए रखते हैं।
🖊️ उदाहरण:
👉 राम ने खाना खाया और सो गया।
👉 उसने बहुत समझाया लेकिन किसी ने नहीं माना।
👉 अगर तुम बुलाते तो मैं ज़रूर आता।
🧠 समुच्चय बोधक अव्यय के मुख्य प्रकार दो हैं:
(A) समानाधिकरण समुच्चय बोधक अव्यय
(B) व्यधिकरण समुच्चय बोधक अव्यय
🧩 (A) समानाधिकरण समुच्चय बोधक अव्यय
जो अव्यय दो या अधिक स्वतंत्र पदों या वाक्यों को जोड़ते हैं, वे समानाधिकरण योजक कहलाते हैं।
🖊️ उदाहरण:
👉 सुनन्दा खड़ी थी और अलका बैठी थी।
👉 ऋतेश गाएगा तो ऋतु तबला बजाएगी।
📚 समानाधिकरण समुच्चय बोधक के 6 भेद इस प्रकार हैं:
🔗 1. संयोजक समानाधिकरण समुच्चय बोधक
ये दो या अधिक पदों/वाक्यों को सामान्य रूप से जोड़ते हैं।
🧩 उदाहरण: और, तथा, एवं, भी, व
🖊️ राम और सीता पाठशाला जा रहे हैं।
🖊️ रवि, गोविंद एवं दास एक ही कक्षा में पढ़ते हैं।
⚖️ 2. विभाजक समानाधिकरण समुच्चय बोधक
ये पदों या वाक्यों में विकल्प या तुलना दर्शाते हैं।
🧩 उदाहरण: तो, या-या, चाहे-चाहे, नहीं तो, परन्तु
🖊️ राम तो आया, परन्तु श्याम नहीं।
🖊️ तुम चाहे यहाँ रुको या चले जाओ।
🎯 3. विकल्पसूचक समानाधिकरण समुच्चय बोधक
ये विकल्प का बोध कराते हैं, जैसे किसी एक में से चुनना।
🧩 उदाहरण: या, अथवा, अन्यथा, कि
🖊️ तुम काम कर सकते हो या पढ़ाई।
🖊️ मैं जाऊँगा अथवा कैलाश जाएगा।
🚫 4. विरोधसूचक समानाधिकरण समुच्चय बोधक
जो वाक्य के दो हिस्सों में विरोध या भिन्नता दर्शाते हैं।
🧩 उदाहरण: पर, परन्तु, किन्तु, मगर, बल्कि, लेकिन
🖊️ श्याम ने रोका पर वह नहीं रुका।
🖊️ सोहन गया लेकिन पहुँचा नहीं।
📈 5. परिणामसूचक समानाधिकरण समुच्चय बोधक
ये किसी क्रिया या वाक्य का परिणाम दर्शाते हैं।
🧩 उदाहरण: इसलिए, इसीलिए, अतः, परिणामस्वरूप, फलस्वरूप
🖊️ मैं कमजोर था, इसलिए उसने मेरी मदद की।
🖊️ बारिश हो रही थी, फलस्वरूप मैच रद्द हुआ।
➖ 6. वियोजक समानाधिकरण समुच्चय बोधक
जहाँ एक को जोड़ते समय दूसरे को त्यागने की भावना हो।
🧩 उदाहरण: अथवा, या, न
🖊️ तुमने अथवा उसने गेंद मारी है।
🖊️ न तुम आए, न तुम्हारे दोस्त।
🔎 (B) व्यधिकरण समुच्चय बोधक अव्यय
जो शब्द एक प्रधान वाक्य और आश्रित उपवाक्य को जोड़ते हैं, वे व्यधिकरण समुच्चय बोधक कहलाते हैं।
📚 व्यधिकरण समुच्चय बोधक के 4 भेद इस प्रकार हैं:
📌 1. कारणसूचक व्यधिकरण समुच्चय बोधक
ये कारण या कारणात्मक संबंध दर्शाते हैं।
🧩 उदाहरण: क्योंकि, चूँकि, ताकि, कि, इसलिए कि
🖊️ तुम पर भरोसा नहीं है क्योंकि तुम झूठ बोलते हो।
🖊️ वह अच्छा है इसलिए कि वह सबका ध्यान रखता है।
📍 2. संकेतसूचक व्यधिकरण समुच्चय बोधक
जहाँ पहले वाक्य से संकेत लेकर दूसरा वाक्य शुरू होता है।
🧩 उदाहरण: यदि, तो, यद्यपि, तथापि, परन्तु
🖊️ अगर तुम बोलते, तो मैं रुकता।
🖊️ यद्यपि वह बीमार था, तथापि परीक्षा दी।
🎯 3. उद्देश्यवाचक व्यधिकरण समुच्चय बोधक
ये उद्देश्य या लक्ष्य स्पष्ट करते हैं।
🧩 उदाहरण: ताकि, जिससे, कि
🖊️ वह आया था ताकि सहायता मांग सके।
🖊️ मेहनत करो जिससे सफलता मिले।
🎭 4. स्वरूपवाचक व्यधिकरण समुच्चय बोधक
ये वाक्य की व्याख्या या स्पष्टता प्रदान करते हैं।
🧩 उदाहरण: जैसे, यानी, कि, अथवा, मानो
🖊️ वह डर रहा है जैसे कुछ गलत किया हो।
🖊️ उन्होंने कहा कि अब आराम करेंगे।
📘 4. विस्मयादिबोधक अव्यय (Vismayadibodhak Avaya in Hindi Grammar)
वे अव्यय शब्द जो आश्चर्य, शोक, हर्ष, तिरस्कार, भय, घृणा, संबोधन आदि भावों को प्रकट करते हैं, उन्हें विस्मयादिबोधक अव्यय कहते हैं। इनका प्रयोग विस्मयादिबोधक वाक्यों में होता है और आमतौर पर वाक्य के आरंभ में आते हैं। ऐसे वाक्यों में विस्मयादिबोधक चिह्न (!) का प्रयोग किया जाता है जिससे भावों की तीव्रता स्पष्ट हो जाती है।
🖊️ उदाहरण:
👉 अरे! पीछे हटो, गिर जाओगे।
👉 हाय! अब मैं क्या करूँ?
👉 वाह! बहुत सुंदर चित्र बनाया है।
🧠 विस्मयादिबोधक अव्यय के 11 प्रमुख भेद और उदाहरण
😢 1. शोकबोधक अव्यय
जिन अव्ययों से दुःख, पीड़ा या मृत्यु जैसे शोकपूर्ण भाव प्रकट हों।
🧩 शब्द: हाय!, ओह!, आह!, त्राहि-त्राहि!, हे राम!, उफ!
🖊️ उदाहरण: हे राम! यह क्या हो गया।
🖊️ हाय! वह भी चला गया।
🤢 2. तिरस्कारबोधक अव्यय
जिनसे घृणा, अपमान, विरोध या घिन की भावना व्यक्त हो।
🧩 शब्द: छि:!, थू-थू!, धिक्कार!, धत!, चुप!, हट!
🖊️ उदाहरण: धिक्कार! है तुम्हारे व्यवहार पर।
🖊️ छि:! ऐसा भी कोई करता है क्या?
✅ 3. स्वीकृतिबोधक अव्यय
जो किसी बात की सहमति, समर्थन या स्वीकार्यता दर्शाते हैं।
🧩 शब्द: हाँ!, ठीक!, अच्छा!, जी हाँ!, बहुत अच्छा!, जी!
🖊️ उदाहरण: हाँ! मैं आपकी बात से सहमत हूँ।
🖊️ अच्छा! तो तुम कल आओगे।
😲 4. विस्मयबोधक अव्यय
जो आश्चर्य, हैरानी या अविश्वास प्रकट करें।
🧩 शब्द: अरे!, क्या!, हैं!, ओह!, ओहो!, वाह!, सच!, ऐ!
🖊️ उदाहरण: ओह! यह कैसे हुआ?
🖊️ अरे! इतनी जल्दी आ गए?
🗣️ 5. संबोधनबोधक अव्यय
जो किसी को पुकारने, बुलाने या ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रयोग होते हैं।
🧩 शब्द: अजी!, ओ!, रे!, री!, अरे!, अरी!, हैलो!, ऐ!, हो!
🖊️ उदाहरण: हैलो! कोई है क्या?
🖊️ अरे री! तुम कब आईं?
🥳 6. हर्षबोधक अव्यय
जो प्रसन्नता, उत्सव या आनंद की भावना को दर्शाते हैं।
🧩 शब्द: वाह!, शाबाश!, धन्य!, अहा!, अति सुंदर!
🖊️ उदाहरण: वाह! तुमने कमाल कर दिया।
🖊️ शाबाश! बेटा, बहुत अच्छा खेला।
😨 7. भयबोधक अव्यय
जिनसे डर, दहशत या संकट की भावना व्यक्त हो।
🧩 शब्द: हाय!, उई माँ!, ओह!, त्राहि-त्राहि!, बाप रे बाप!
🖊️ उदाहरण: हाय! मुझे करंट लग गया।
🖊️ बाप रे बाप! ये कितना ऊँचा पहाड़ है!
🙏 8. आशीर्वादबोधक अव्यय
जो आशीर्वाद, शुभकामना या मंगलभावना प्रकट करें।
🧩 शब्द: जीते रहो!, दीर्घायु हो!
🖊️ उदाहरण: दीर्घायु हो पुत्र!
🖊️ जीते रहो! सदा सफल रहो।
👍 9. अनुमोदनबोधक अव्यय
जो समर्थन या अनुमोदन को दर्शाते हैं।
🧩 शब्द: हाँ!, हाँ हाँ!, अवश्य!, बहुत अच्छा!
🖊️ उदाहरण: हाँ हाँ! यह विचार उत्तम है।
🖊️ अवश्य! मैं चलूँगा।
👋 10. विदासबोधक अव्यय
जो विदाई या बिछड़ने की स्थिति में प्रयुक्त होते हैं।
🧩 शब्द: अच्छा!, टा-टा!, अच्छा जी!
🖊️ उदाहरण: अच्छा! अब हम चलते हैं।
🖊️ टा-टा! फिर मिलते हैं।
💔 11. विवशताबोधक अव्यय
जो निराशा, मजबूरी या काश की भावना प्रकट करें।
🧩 शब्द: काश!, हे भगवान!, कदाचित्!
🖊️ उदाहरण: काश! मैं उस दिन वहाँ होता।
🖊️ हे भगवान! अब क्या होगा?
📘 5. निपात अव्यय (Nipat Avaya in Hindi Grammar) वे अविकारी शब्द जो किसी बात में बल (emphasis), विरोध, स्वीकृति, निषेध, प्रश्न, श्रद्धा या तुलना का बोध कराते हैं, उन्हें निपात अव्यय कहते हैं। ये शब्द मुख्यतः वाक्य में किसी विचार या भाव को विशेष बल देने, उसकी दिशा स्पष्ट करने या भावनात्मक रूप से पुष्ट करने हेतु प्रयुक्त होते हैं।
🖊️ उदाहरण:
👉 तुम्हें आज रात रुकना ही पड़ेगा।
👉 तुमने तो हद कर दी।
👉 कल मैं भी आपके साथ चलूँगा।
🧠 निपात अव्यय के 9 प्रमुख भेद और उदाहरण
✅ 1. स्वीकृतिबोधक निपात
जो किसी बात की स्वीकृति या सहमति को दर्शाते हैं।
🧩 शब्द: हा, जी, जी हाँ
🖊️ उदाहरण: जी हाँ! मैं आपके साथ चलने को तैयार हूँ।
🚫 2. नकारबोधक निपात
जो इंकार या अस्वीकृति को स्पष्ट करते हैं।
🧩 शब्द: जी नहीं, नहीं
🖊️ उदाहरण: नहीं, मैं वहाँ नहीं जाऊँगा।
🙅 3. निषेधबोधक निपात
जो किसी कार्य को न करने की मनाही व्यक्त करते हैं।
🧩 शब्द: मत
🖊️ उदाहरण: मत जाओ अभी बाहर बहुत बारिश हो रही है।
❓ 4. प्रश्नबोधक निपात
जो किसी प्रश्न या जिज्ञासा को प्रकट करते हैं।
🧩 शब्द: क्या
🖊️ उदाहरण: क्या तुम मेरे साथ चलोगे?
😲 5. विस्मयबोधक निपात
जो आश्चर्य, हर्ष या अचरज को दर्शाते हैं।
🧩 शब्द: क्या!, काश!
🖊️ उदाहरण: काश! मैं भी वहाँ होता।
🖊️ क्या! सच में उसने ऐसा कहा?
⚖️ 6. तुलनाबोधक निपात
जो किसी बात की तुलना या समानता दर्शाते हैं।
🧩 शब्द: सा
🖊️ उदाहरण: उसका चेहरा सा ही लग रहा था जैसे कोई परिचित हो।
📏 7. अवधारणाबोधक निपात
जो किसी मात्रा, समय या अनुमान को व्यक्त करते हैं।
🧩 शब्द: ठीक, करीब, लगभग, तकरीबन
🖊️ उदाहरण: हम लगभग चार बजे पहुँचे थे।
🖊️ ठीक 9 बजे ट्रेन चली थी।
🙏 8. आदरबोधक निपात
जो सम्मान या आदर प्रकट करते हैं।
🧩 शब्द: जी
🖊️ उदाहरण: जी, मैं अभी आता हूँ।
💪 9. बलप्रदायक निपात
जो किसी बात में विशेष बल या जोर देने के लिए प्रयोग होते हैं।
🧩 शब्द: तो, ही, भी, तक, भर, सिर्फ, केवल
🖊️ उदाहरण: मुझे ही दोष क्यों दिया गया?
🖊️ वह तो चला गया।
🔍 अव्यय की पहचान कैसे करें?
👉 अव्यय वे शब्द होते हैं जिनमें लिंग, वचन, कारक, काल, पुरुष आदि का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
👉 इन्हें वाक्य से छाँटना आसान है — ऐसे सभी शब्द जो किसी अन्य शब्द के अनुसार रूप नहीं बदलते, वही अव्यय होते हैं।
🖊️ उदाहरण:
जब, तब, अभी, वहाँ, यहाँ, उधर, अरे, वाह, क्यों, और, किन्तु, परन्तु, क्योंकि, इसलिए, चूँकि, अवश्य, आदि।
📚 संस्कृत के प्रमुख अव्यय शब्द अर्थ सहित
🔤 संस्कृत अव्यय | 📖 अर्थ |
अद्य | आज |
ह्यः | बीता हुआ कल |
श्वः | आने वाला कल |
परश्वः | परसों |
अत्र | यहाँ |
तत्र | वहाँ |
कुत्र | कहाँ |
सर्वत्र | सब जगह |
यथा | जैसे |
तथा | तैसे |
कथम् | कैसे |
सदा | हमेशा |
कदा | कब |
यदा | जब |
तदा | तब |
अधुना | अब |
कदापि | कभी भी |
पुनः | फिर |
च | और |
न | नहीं |
वा | या |
अथवा | या |
अपि | भी |
तु | लेकिन, तो |
शीघ्रम् | जल्दी |
शनैः | धीरे |
धिक् | धिक्कार |
विना | बिना |
सह | साथ |
कुतः | कहाँ से |
नमः | नमस्कार |
स्वस्ति | कल्याण हो |
किम् | क्या |
📘 अव्यय – 100 महत्वपूर्ण PYQs (उत्तर सहित)
🔹 1. ‘अभी’, ‘अब’, ‘आज’ — ये किस प्रकार के शब्द हैं?
✅ उत्तर: क्रियाविशेषण अव्यय
🔹 2. ‘क्यों’ शब्द का प्रयोग किस प्रकार के अव्यय में होता है?
✅ उत्तर: कालवाचक क्रियाविशेषण
🔹 3. ‘ठीक’, ‘लगभग’, ‘करीब’ — किस भेद के निपात हैं?
✅ उत्तर: अवधारणाबोधक निपात
🔹 4. जो शब्द क्रिया की विशेषता बताते हैं, वे क्या कहलाते हैं?
✅ उत्तर: क्रियाविशेषण अव्यय
🔹 5. ‘और’, ‘तथा’, ‘एवं’ — किस भेद के अव्यय हैं?
✅ उत्तर: संयोजक समुच्चयबोधक अव्यय
🔹 6. ‘तुमने तो हद कर दी’ — वाक्य में ‘तो’ कौन-सा अव्यय है?
✅ उत्तर: बलप्रदायक निपात
🔹 7. विस्मयबोधक अव्यय का प्रयोग किस वाक्य में हुआ है?
✅ उत्तर: वाह! क्या दृश्य है!
🔹 8. ‘तब’, ‘जब’ — किस प्रकार के क्रियाविशेषण हैं?
✅ उत्तर: कालवाचक क्रियाविशेषण
🔹 9. ‘क्योंकि’, ‘इसलिए’ — किस प्रकार के समुच्चयबोधक अव्यय हैं?
✅ उत्तर: कारणवाचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक
🔹 10. ‘काश’ किस प्रकार का निपात है?
✅ उत्तर: विवशताबोधक निपात
🔹 11. ‘चलो, हम बाज़ार चलते हैं’ — ‘चलो’ किस प्रकार का अव्यय है?
✅ उत्तर: प्रेरणासूचक अव्यय
🔹 12. ‘शाबाश’ शब्द किस प्रकार के अव्यय में आता है?
✅ उत्तर: हर्षबोधक अव्यय
🔹 13. ‘वाह! क्या दृश्य है!’ — वाक्य में किस प्रकार का अव्यय है?
✅ उत्तर: विस्मयबोधक अव्यय
🔹 14. ‘कृपया यहाँ बैठिए’ — ‘कृपया’ किस प्रकार का शब्द है?
✅ उत्तर: आदरबोधक निपात
🔹 15. ‘अगर तुम बोलते तो मैं रुकता’ — यहाँ कौन-सा अव्यय प्रयोग हुआ है?
✅ उत्तर: संकेतसूचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक
🔹 16. ‘थू’, ‘छि:’, ‘धिक्कार’ — ये किस भेद के अव्यय हैं?
✅ उत्तर: तिरस्कारबोधक अव्यय
🔹 17. ‘आपके बिना हम अधूरे हैं’ — ‘बिना’ किस भाषा के अव्यय से आया है?
✅ उत्तर: संस्कृत (विना)
🔹 18. ‘तभी’, ‘इसलिए’, ‘क्योंकि’ — इनमें से कौन व्यधिकरण अव्यय है?
✅ उत्तर: सभी
🔹 19. ‘री’, ‘अरी’, ‘रे’ — ये शब्द क्या कहलाते हैं?
✅ उत्तर: संबोधनबोधक अव्यय
🔹 20. ‘न’, ‘मत’, ‘ना’ — इनमें से निषेधबोधक अव्यय कौन-से हैं?
✅ उत्तर: मत
🔹 21. ‘वा’, ‘या’, ‘अथवा’ — किस प्रकार के अव्यय हैं?
✅ उत्तर: विकल्पसूचक समुच्चयबोधक अव्यय
🔹 22. ‘वह धीरे चलता है’ — ‘धीरे’ कौन-सा अव्यय है?
✅ उत्तर: रीतिवाचक क्रियाविशेषण
🔹 23. ‘विद्यालय के सामने बगीचा है’ — ‘के सामने’ क्या है?
✅ उत्तर: स्थानवाचक संबंधबोधक अव्यय
🔹 24. ‘न तुमने, न उसने मेरी मदद की’ — ‘न’ कौन-सा अव्यय है?
✅ उत्तर: वियोजक समुच्चयबोधक अव्यय
🔹 25. ‘अगर तुम जाते तो मैं आता’ — ‘अगर’, ‘तो’ कौन-से अव्यय हैं?
✅ उत्तर: संकेतसूचक समुच्चयबोधक
🔹 26. ‘हम मंदिर तक गए’ — ‘तक’ कौन-सा अव्यय है?
✅ उत्तर: सीमावाचक संबंधबोधक
🔹 27. ‘मेरे अनुसार तुम सही हो’ — ‘अनुसार’ कौन-सा अव्यय है?
✅ उत्तर: समतासूचक संबंधबोधक
🔹 28. ‘धन्य! तुमने नाम रोशन किया’ — ‘धन्य!’ किसका उदाहरण है?
✅ उत्तर: हर्षबोधक अव्यय
🔹 29. ‘तुम जैसे कहोगे वैसे करेंगे’ — ‘जैसे-वैसे’ क्या है?
✅ उत्तर: स्वरूपसूचक समुच्चयबोधक
🔹 30. ‘पढ़ने के बाद वह गया’ — ‘के बाद’ कौन-सा अव्यय है?
✅ उत्तर: कालवाचक संबंधबोधक अव्यय
🔹 31. ‘ताकि सब जान सकें’ — ‘ताकि’ कौन-सा अव्यय है?
✅ उत्तर: उद्देश्यवाचक समुच्चयबोधक
🔹 32. ‘कृपया दरवाज़ा बंद करें’ — ‘कृपया’ का प्रकार क्या है?
✅ उत्तर: आदरबोधक निपात
🔹 33. ‘लगभग दो बजे आएंगे’ — ‘लगभग’ किस प्रकार का अव्यय है?
✅ उत्तर: अवधारणाबोधक निपात
🔹 34. ‘बस अब बहुत हुआ’ — ‘बस’ शब्द कौन-सा अव्यय है?
✅ उत्तर: निपात
🔹 35. ‘वा, या, अथवा’ — इनमें से किसका प्रयोग संयोजक के रूप में होता है?
✅ उत्तर: सभी
🔹 36. ‘सच!’ — यह शब्द किस प्रकार का अव्यय है?
✅ उत्तर: विस्मयबोधक अव्यय
🔹 37. ‘छि! तुमने यह क्या किया’ — ‘छि!’ किस प्रकार का अव्यय है?
✅ उत्तर: तिरस्कारबोधक अव्यय
🔹 38. ‘काश! वो ज़िंदा होता’ — ‘काश!’ क्या है?
✅ उत्तर: विवशताबोधक अव्यय
🔹 39. ‘जी नहीं!’ — यह कौन-सा निपात है?
✅ उत्तर: नकारबोधक निपात
🔹 40. ‘नहीं तो हम चले जाएंगे’ — ‘नहीं तो’ क्या दर्शाता है?
✅ उत्तर: विभाजक समुच्चयबोधक अव्यय
🔹 41. ‘मैं स्कूल इसलिए गया क्योंकि परीक्षा थी’ — ‘इसलिए’, ‘क्योंकि’ कौन-से अव्यय हैं?
✅ उत्तर: परिणामसूचक और कारणसूचक समुच्चयबोधक
🔹 42. ‘निकलो यहाँ से!’ — ‘यहाँ’ कौन-सा अव्यय है?
✅ उत्तर: स्थानवाचक क्रियाविशेषण
🔹 43. ‘तब वह घर पर था’ — ‘तब’ क्या है?
✅ उत्तर: कालवाचक क्रियाविशेषण
🔹 44. ‘सिर्फ वह ही पास हुआ’ — ‘सिर्फ’, ‘ही’ — किसका उदाहरण है?
✅ उत्तर: बलप्रदायक निपात
🔹 45. ‘जैसे राजा वैसे प्रजा’ — यह किस अव्यय श्रेणी में आता है?
✅ उत्तर: स्वरूपसूचक समुच्चयबोधक
🔹 46. ‘चलो हम चलते हैं’ — ‘चलो’ क्या है?
✅ उत्तर: प्रेरणासूचक निपात
🔹 47. ‘तब तक रुको जब तक वह न आ जाए’ — ‘तब तक’, ‘जब तक’ क्या हैं?
✅ उत्तर: समुच्चयबोधक
🔹 48. ‘आप भी चलिए’ — ‘भी’ किस प्रकार का अव्यय है?
✅ उत्तर: बलप्रदायक निपात
🔹 49. ‘उधर शोर हो रहा है’ — ‘उधर’ कौन-सा अव्यय है?
✅ उत्तर: स्थानवाचक क्रियाविशेषण
🔹 50. ‘चलो जी अब तुम ही बोलो’ — वाक्य में कितने अव्यय हैं?
✅ उत्तर: तीन (चलो, जी, ही)
🔹 51. ‘वह पीछे चला गया’ — ‘पीछे’ किस प्रकार का अव्यय है?
✅ उत्तर: स्थानवाचक क्रियाविशेषण
🔹 52. ‘ठीक चार बजे निकलना है’ — ‘ठीक’ क्या है?
✅ उत्तर: अवधारणाबोधक निपात
🔹 53. ‘रे! तुम यहाँ कैसे?’ — ‘रे!’ क्या है?
✅ उत्तर: संबोधनबोधक अव्यय
🔹 54. ‘मत बोलो’ — ‘मत’ क्या है?
✅ उत्तर: निषेधबोधक निपात
🔹 55. ‘अहा! क्या सुन्दर चित्र है’ — ‘अहा!’ किसका उदाहरण है?
✅ उत्तर: हर्षबोधक अव्यय
🔹 56. ‘न वह आया न उसका दोस्त’ — ‘न’ का प्रकार बताइए।
✅ उत्तर: वियोजक समुच्चयबोधक अव्यय
🔹 57. ‘हम दोनों साथ चलेंगे’ — ‘साथ’ क्या है?
✅ उत्तर: सहचरसूचक संबंधबोधक
🔹 58. ‘बस करो अब’ — ‘बस’ क्या है?
✅ उत्तर: निपात
🔹 59. ‘क्या यह तुमने किया?’ — ‘क्या’ क्या है?
✅ उत्तर: प्रश्नबोधक निपात
🔹 60. ‘धत! शर्म नहीं आती?’ — ‘धत!’ क्या है?
✅ उत्तर: तिरस्कारबोधक अव्यय
🔹 61. ‘अब रात हो गई है’ — ‘अब’ क्या है?
✅ उत्तर: कालवाचक क्रियाविशेषण
🔹 62. ‘सीधा स्कूल जाओ’ — ‘सीधा’ किस श्रेणी का है?
✅ उत्तर: रीतिवाचक क्रियाविशेषण
🔹 63. ‘तब तक रुको जब तक न आ जाए’ — यह वाक्य कौन-सा समुच्चय है?
✅ उत्तर: व्यधिकरण समुच्चयबोधक
🔹 64. ‘तुम ही सही हो’ — ‘ही’ क्या दर्शाता है?
✅ उत्तर: बलप्रदायक निपात
🔹 65. ‘चलो! हम चलते हैं’ — ‘चलो!’ क्या है?
✅ उत्तर: प्रेरणासूचक निपात
🔹 66. ‘लगभग सभी छात्र आए थे’ — ‘लगभग’ का प्रकार बताइए।
✅ उत्तर: अवधारणाबोधक निपात
🔹 67. ‘जा! अब मुझसे मत बोलना’ — ‘जा!’ क्या है?
✅ उत्तर: विस्मयादिबोधक (संबोधन के रूप में)
🔹 68. ‘तू ही है जिससे मुझे डर है’ — ‘ही’, ‘जिससे’ — क्या हैं?
✅ उत्तर: निपात और संबंधवाचक अव्यय
🔹 69. ‘वह चला गया क्योंकि समय हो गया था’ — ‘क्योंकि’ क्या है?
✅ उत्तर: कारणवाचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक
🔹 70. ‘कृपया दरवाजा खोल दीजिए’ — ‘कृपया’ का वर्ग बताइए।
✅ उत्तर: आदरबोधक निपात
🔹 71. ‘सच! मुझे विश्वास नहीं हो रहा’ — ‘सच!’ क्या है?
✅ उत्तर: विस्मयबोधक अव्यय
🔹 72. ‘उसके साथ मैं भी जाऊँगा’ — ‘भी’ क्या है?
✅ उत्तर: बलप्रदायक निपात
🔹 73. ‘नहीं! मैं नहीं मानता’ — ‘नहीं!’ किस श्रेणी का है?
✅ उत्तर: नकारबोधक निपात
🔹 74. ‘चलो अब तुम बोलो’ — ‘चलो’ और ‘अब’ किस श्रेणी में हैं?
✅ उत्तर: प्रेरणासूचक और कालवाचक अव्यय
🔹 75. ‘आपके लिए ही हमने यह किया’ — ‘के लिए’ क्या है?
✅ उत्तर: संबंधबोधक अव्यय
🔹 76. ‘काश! मैं सफल हो जाता’ — ‘काश!’ क्या है?
✅ उत्तर: विवशताबोधक अव्यय
🔹 77. ‘परिणामस्वरूप वह हार गया’ — ‘परिणामस्वरूप’ क्या है?
✅ उत्तर: परिणामदर्शक समुच्चयबोधक
🔹 78. ‘उसने कहा कि वह नहीं आएगा’ — ‘कि’ क्या है?
✅ उत्तर: स्वरूपवाचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक
🔹 79. ‘न ही वह आया, न ही उसने संदेश भेजा’ — ‘न ही’ क्या है?
✅ उत्तर: वियोजक समुच्चयबोधक
🔹 80. ‘यदि तुम कहते, तो मैं आता’ — ‘यदि’, ‘तो’ क्या हैं?
✅ उत्तर: संकेतसूचक समुच्चयबोधक अव्यय
🔹 81. ‘शायद वह आ जाए’ — ‘शायद’ क्या है?
✅ उत्तर: अवधारणाबोधक निपात
🔹 82. ‘हट! चले जाओ यहाँ से’ — ‘हट!’ किस प्रकार का अव्यय है?
✅ उत्तर: तिरस्कारबोधक अव्यय
🔹 83. ‘तू भी चलेगा’ — ‘भी’ का प्रयोग क्यों हुआ?
✅ उत्तर: बलप्रदायक निपात के रूप में
🔹 84. ‘वह मेरे साथ गया’ — ‘साथ’ क्या है?
✅ उत्तर: सहचरसूचक संबंधबोधक
🔹 85. ‘आप ही क्यों गए?’ — ‘ही’ और ‘क्यों’ क्या हैं?
✅ उत्तर: बलप्रदायक निपात और प्रश्नवाचक अव्यय
🔹 86. ‘यहाँ कोई नहीं है’ — ‘यहाँ’ क्या है?
✅ उत्तर: स्थानवाचक क्रियाविशेषण
🔹 87. ‘हम तभी रुके जब उसने मना किया’ — ‘तभी’ और ‘जब’ क्या हैं?
✅ उत्तर: कालवाचक समुच्चयबोधक अव्यय
🔹 88. ‘बिना मेहनत के सफलता असंभव है’ — ‘बिना’ किसका उदाहरण है?
✅ उत्तर: साधनवाचक संबंधबोधक अव्यय
🔹 89. ‘ताक़ि सब सुनें’ — ‘ताक़ि’ क्या है?
✅ उत्तर: उद्देश्यवाचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक
🔹 90. ‘मैं भी तुम्हारे साथ चलूँगा’ — ‘भी’ का प्रयोग क्यों है?
✅ उत्तर: बलप्रदायक निपात
🔹 91. ‘शायद वह आ जाए’ — ‘शायद’ क्या है?
✅ उत्तर: अवधारणाबोधक निपात
🔹 92. ‘हट! चले जाओ यहाँ से’ — ‘हट!’ किस प्रकार का अव्यय है?
✅ उत्तर: तिरस्कारबोधक अव्यय
🔹 93. ‘तू भी चलेगा’ — ‘भी’ का प्रयोग क्यों हुआ?
✅ उत्तर: बलप्रदायक निपात के रूप में
🔹 94. ‘वह मेरे साथ गया’ — ‘साथ’ क्या है?
✅ उत्तर: सहचरसूचक संबंधबोधक
🔹 95. ‘आप ही क्यों गए?’ — ‘ही’ और ‘क्यों’ क्या हैं?
✅ उत्तर: बलप्रदायक निपात और प्रश्नवाचक अव्यय
🔹 96. ‘यहाँ कोई नहीं है’ — ‘यहाँ’ क्या है?
✅ उत्तर: स्थानवाचक क्रियाविशेषण
🔹 97. ‘हम तभी रुके जब उसने मना किया’ — ‘तभी’ और ‘जब’ क्या हैं?
✅ उत्तर: कालवाचक समुच्चयबोधक अव्यय
🔹 98. ‘बिना मेहनत के सफलता असंभव है’ — ‘बिना’ किसका उदाहरण है?
✅ उत्तर: साधनवाचक संबंधबोधक अव्यय
🔹 99. ‘ताक़ि सब सुनें’ — ‘ताक़ि’ क्या है?
✅ उत्तर: उद्देश्यवाचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक
🔹 100. ‘मैं भी तुम्हारे साथ चलूँगा’ — ‘भी’ का प्रयोग क्यों है?
✅ उत्तर: बलप्रदायक निपात
🧠 अव्यय (Avyay) पर आधारित MCQs – 1 से 100
- निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द अव्यय है?
A) राम
B) पढ़ना
C) जब
D) अच्छा
✅ उत्तर: C) जब - ‘ठीक’ शब्द किस प्रकार का अव्यय है?
A) निपात
B) विशेषण
C) क्रिया
D) कारक
✅ उत्तर: A) निपात - ‘क्यों’ किस प्रकार का अव्यय है?
A) विस्मयादिबोधक
B) समुच्चयबोधक
C) प्रश्नवाचक
D) संबंधबोधक
✅ उत्तर: C) प्रश्नवाचक - ‘और’ शब्द किस प्रकार का अव्यय है?
A) संबंधबोधक
B) समुच्चयबोधक
C) क्रिया
D) निपात
✅ उत्तर: B) समुच्चयबोधक - ‘वा’ का अर्थ है–
A) नहीं
B) या
C) और
D) पर
✅ उत्तर: B) या - ‘मत आओ’ में ‘मत’ क्या है?
A) क्रिया
B) निपात
C) विस्मयबोधक
D) विशेषण
✅ उत्तर: B) निपात - ‘ओह! यह क्या किया?’ – ‘ओह’ किस श्रेणी का अव्यय है?
A) हर्षबोधक
B) तिरस्कारबोधक
C) शोकबोधक
D) विस्मयबोधक
✅ उत्तर: D) विस्मयबोधक - ‘यदि’ का प्रयोग किसके लिए होता है?
A) संबोधन
B) चेतावनी
C) शर्त
D) निषेध
✅ उत्तर: C) शर्त - ‘क्योंकि’ किस श्रेणी का अव्यय है?
A) कारणसूचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक
B) विकल्पसूचक
C) स्थानवाचक
D) कालवाचक
✅ उत्तर: A) कारणसूचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक - ‘अहा!’ शब्द में कौन-सा भाव व्यक्त होता है?
A) शोक
B) घृणा
C) हर्ष
D) क्रोध
✅ उत्तर: C) हर्ष - ‘साथ’ किस प्रकार का अव्यय है?
A) संज्ञा
B) सहचरसूचक संबंधबोधक
C) विशेषण
D) अव्यय नहीं
✅ उत्तर: B) सहचरसूचक संबंधबोधक - ‘तो’ किस प्रकार का अव्यय है?
A) संयोजक
B) वियोजक
C) संकेतसूचक
D) निषेध
✅ उत्तर: C) संकेतसूचक - ‘हाय!’ शब्द में कौन-सा भाव है?
A) तिरस्कार
B) भय
C) शोक
D) स्वीकृति
✅ उत्तर: C) शोक - ‘तब’, ‘अब’, ‘कभी’ किस प्रकार के अव्यय हैं?
A) स्थानवाचक
B) कालवाचक
C) परिणामदर्शक
D) संज्ञा
✅ उत्तर: B) कालवाचक - ‘कि’ शब्द किस अव्यय श्रेणी में आता है?
A) निपात
B) क्रियाविशेषण
C) समुच्चयबोधक
D) संबंधबोधक
✅ उत्तर: C) समुच्चयबोधक - ‘चलो!’ किस प्रकार का अव्यय है?
A) आदरबोधक
B) प्रेरणासूचक
C) तिरस्कारबोधक
D) संबोधन
✅ उत्तर: B) प्रेरणासूचक - ‘भी’ का प्रयोग दर्शाता है–
A) निषेध
B) बल
C) शोक
D) क्रिया
✅ उत्तर: B) बल - ‘धन्य!’ किस भाव का सूचक है?
A) क्रोध
B) तिरस्कार
C) हर्ष
D) आश्चर्य
✅ उत्तर: C) हर्ष - ‘क्यों’ शब्द में भाव है–
A) समय
B) स्थान
C) कारण
D) प्रश्न
✅ उत्तर: D) प्रश्न - ‘के कारण’ क्या दर्शाता है?
A) उद्देश्य
B) कारण
C) स्थान
D) विरोध
✅ उत्तर: B) कारण - ‘ताकि’ किसका उदाहरण है?
A) उद्देश्यसूचक व्यधिकरण
B) कारणसूचक
C) संकेतसूचक
D) निषेधबोधक
✅ उत्तर: A) उद्देश्यसूचक व्यधिकरण - ‘क्या’ का प्रयोग कहाँ होता है?
A) समय के लिए
B) हर्ष के लिए
C) प्रश्न के लिए
D) विकल्प के लिए
✅ उत्तर: C) प्रश्न के लिए - ‘हे राम!’ किस प्रकार का अव्यय है?
A) शोकबोधक
B) क्रियाविशेषण
C) निपात
D) संबोधनबोधक
✅ उत्तर: A) शोकबोधक - ‘लगभग’ शब्द का प्रयोग किस अर्थ में होता है?
A) ठीक
B) निश्चित
C) अवधारणा
D) स्वीकृति
✅ उत्तर: C) अवधारणा - ‘हाँ’ किसका बोध कराता है?
A) नकार
B) निषेध
C) स्वीकृति
D) बल
✅ उत्तर: C) स्वीकृति - ‘भी’ शब्द का प्रयोग किस भाव के लिए किया जाता है?
A) निषेध
B) बल देने के लिए
C) विकल्प
D) नकार
✅ उत्तर: B) बल देने के लिए - ‘के नीचे’ किस प्रकार का अव्यय है?
A) स्थानवाचक संबंधबोधक
B) क्रियाविशेषण
C) विकल्पसूचक
D) तिरस्कारबोधक
✅ उत्तर: A) स्थानवाचक संबंधबोधक - ‘तो’ किस प्रकार का समुच्चयबोधक अव्यय है?
A) वियोजक
B) विकल्पसूचक
C) समानाधिकरण
D) कारणसूचक
✅ उत्तर: C) समानाधिकरण - ‘चुप!’ में कौन-सा भाव है?
A) तिरस्कार
B) क्रोध
C) अनुरोध
D) आदर
✅ उत्तर: A) तिरस्कार - ‘इसीलिए’ किस प्रकार का अव्यय है?
A) विरोधदर्शक
B) परिणामदर्शक
C) संकेतसूचक
D) विकल्पसूचक
✅ उत्तर: B) परिणामदर्शक - ‘जी नहीं’ किस प्रकार का निपात अव्यय है?
A) नकारबोधक
B) स्वीकृतिबोधक
C) हर्षबोधक
D) संकेतबोधक
✅ उत्तर: A) नकारबोधक - ‘उधर’ शब्द क्या दर्शाता है?
A) काल
B) कारण
C) स्थान
D) निषेध
✅ उत्तर: C) स्थान - ‘कभी’ किस प्रकार का क्रिया-विशेषण अव्यय है?
A) स्थानवाचक
B) कालवाचक
C) कारणवाचक
D) रीतिवाचक
✅ उत्तर: B) कालवाचक - ‘न’ किस प्रकार का समुच्चयबोधक अव्यय है?
A) वियोजक
B) निपात
C) विरोधसूचक
D) उपवाक्य सूचक
✅ उत्तर: A) वियोजक - ‘लगभग’ किस श्रेणी का निपात है?
A) अवधारणाबोधक
B) आदरबोधक
C) बलप्रदायक
D) स्वीकृतिबोधक
✅ उत्तर: A) अवधारणाबोधक - ‘बल्कि’ किस प्रकार का समुच्चयबोधक अव्यय है?
A) संयोजक
B) परिणामदर्शक
C) विरोधदर्शक
D) उद्देश्यवाचक
✅ उत्तर: C) विरोधदर्शक - ‘उफ़!’ शब्द किस भावना को दर्शाता है?
A) हर्ष
B) शोक
C) क्रोध या पीड़ा
D) भय
✅ उत्तर: C) क्रोध या पीड़ा - ‘सिवा’ शब्द किस अव्यय श्रेणी में आता है?
A) तिरस्कार
B) हेतुवाचक संबंधबोधक
C) कालवाचक
D) संज्ञा
✅ उत्तर: B) हेतुवाचक संबंधबोधक - ‘पर्यन्त’ शब्द किस संबंधबोधक श्रेणी में आता है?
A) सीमावाचक
B) स्थानवाचक
C) दिशा वाचक
D) साधनवाचक
✅ उत्तर: A) सीमावाचक - ‘था’ किस श्रेणी में आता है?
A) क्रिया
B) निपात
C) विस्मयबोधक
D) संज्ञा
✅ उत्तर: A) क्रिया - ‘तथा’ किस प्रकार का अव्यय है?
A) समुच्चयबोधक
B) क्रियाविशेषण
C) निपात
D) स्थानवाचक
✅ उत्तर: A) समुच्चयबोधक - ‘वत्स!’ में किस भाव का संकेत है?
A) तिरस्कार
B) शुभकामना
C) संबोधन
D) निषेध
✅ उत्तर: C) संबोधन - ‘यही’ किस प्रकार का अव्यय है?
A) निपात
B) सर्वनाम
C) विशेषण
D) अव्यय नहीं
✅ उत्तर: A) निपात - ‘ठीक’ शब्द का प्रयोग किस रूप में होता है?
A) क्रिया
B) निपात
C) विशेषण
D) संज्ञा
✅ उत्तर: B) निपात - ‘नहीं तो’ का अर्थ है–
A) निषेध
B) नकार
C) चेतावनी/विकल्प
D) हर्ष
✅ उत्तर: C) चेतावनी/विकल्प - ‘यदि…तो’ प्रयोग किसका उदाहरण है?
A) विकल्प
B) कारण
C) संकेतसूचक
D) निषेध
✅ उत्तर: C) संकेतसूचक - ‘हो!’ किसका प्रयोग है?
A) शोक
B) संबोधन
C) निपात
D) निषेध
✅ उत्तर: B) संबोधन - ‘ओह!’ शब्द से क्या भाव निकलता है?
A) तिरस्कार
B) शोक
C) विस्मय
D) आदर
✅ उत्तर: C) विस्मय - ‘दीर्घायु हो!’ किस श्रेणी का अव्यय है?
A) आदेशबोधक
B) शुभकामनाबोधक
C) आदरबोधक
D) बलप्रदायक
✅ उत्तर: B) शुभकामनाबोधक - ‘थू-थू!’ में कौन-सा भाव है?
A) शोक
B) तिरस्कार
C) हर्ष
D) श्रद्धा
✅ उत्तर: B) तिरस्कार - ‘कदाचित’ शब्द किस श्रेणी में आता है?
A) विवशताबोधक
B) कालवाचक
C) विकल्पसूचक
D) शोकबोधक
✅ उत्तर: A) विवशताबोधक - ‘सदा’ शब्द का अर्थ क्या है?
A) कभी-कभी
B) हमेशा
C) तत्काल
D) शीघ्र
✅ उत्तर: B) हमेशा - ‘अब’ किस प्रकार का अव्यय है?
A) स्थानवाचक
B) कालवाचक
C) रीतिवाचक
D) उद्देश्यवाचक
✅ उत्तर: B) कालवाचक - ‘तब’ शब्द किससे संबंधित है?
A) क्रिया
B) काल
C) स्थान
D) संबंध
✅ उत्तर: B) काल - ‘उधर’, ‘इधर’, ‘यहाँ’ – ये किस प्रकार के अव्यय हैं?
A) स्थानवाचक
B) कालवाचक
C) विरोधदर्शक
D) रीतिवाचक
✅ उत्तर: A) स्थानवाचक - ‘के साथ’ किस प्रकार का संबंधबोधक है?
A) हेतुवाचक
B) साधनवाचक
C) सहचरसूचक
D) परिणामसूचक
✅ उत्तर: C) सहचरसूचक - ‘क्या’, ‘कब’, ‘कैसे’ – ये किस प्रकार के शब्द हैं?
A) निपात
B) विस्मयबोधक
C) प्रश्नवाचक
D) निषेधबोधक
✅ उत्तर: C) प्रश्नवाचक - ‘ताकि’ शब्द क्या दर्शाता है?
A) उद्देश्य
B) संकेत
C) विरोध
D) विकल्प
✅ उत्तर: A) उद्देश्य - ‘हाय!’ शब्द में कौन-सा भाव निहित है?
A) आदर
B) भय
C) शोक
D) तिरस्कार
✅ उत्तर: C) शोक - ‘तो’ शब्द का सही प्रयोग किस वाक्य में है?
A) वह तो गया।
B) तो वह गया।
C) वह गया तो।
D) तो गया वह।
✅ उत्तर: A) वह तो गया। - ‘ठीक’ शब्द किस वर्ग में आता है?
A) अव्यय
B) विशेषण
C) क्रिया
D) संज्ञा
✅ उत्तर: A) अव्यय - ‘हट!’ किसका उदाहरण है?
A) आदेश
B) तिरस्कार
C) संबोधन
D) प्रशंसा
✅ उत्तर: B) तिरस्कार - ‘ओह!’ का प्रयोग किस भावना के लिए होता है?
A) आश्चर्य
B) गुस्सा
C) भय
D) आदर
✅ उत्तर: A) आश्चर्य - ‘प्रति’ किस प्रकार का संबंध सूचक है?
A) दिशा
B) कारण
C) साधन
D) समय
✅ उत्तर: A) दिशा - ‘और’ का प्रयोग किसलिए होता है?
A) संज्ञा जोड़ने
B) क्रिया जोड़ने
C) वाक्य जोड़ने
D) उपरोक्त सभी
✅ उत्तर: D) उपरोक्त सभी - ‘वा’ संस्कृत अव्यय का अर्थ है:
A) और
B) या
C) भी
D) नहीं
✅ उत्तर: B) या - ‘फिर’ शब्द किस अव्यय प्रकार में आता है?
A) क्रियाविशेषण
B) संबंधबोधक
C) रीतिवाचक
D) कालवाचक
✅ उत्तर: D) कालवाचक - ‘बल्कि’ किसका सूचक है?
A) परिणाम
B) विरोध
C) उद्देश्य
D) विकल्प
✅ उत्तर: B) विरोध - ‘सिर्फ’ का प्रयोग किसलिए किया जाता है?
A) बल देने
B) निषेध
C) शोक
D) संबोधन
✅ उत्तर: A) बल देने - ‘चा’ संस्कृत अव्यय का अर्थ है:
A) और
B) नहीं
C) या
D) फिर
✅ उत्तर: A) और - ‘परन्तु’ शब्द किस प्रकार का समुच्चयबोधक है?
A) संयोजक
B) विरोधदर्शक
C) वियोजक
D) कारणसूचक
✅ उत्तर: B) विरोधदर्शक - ‘तब तक’ किस प्रकार का अव्यय युग्म है?
A) कालवाचक
B) स्थानवाचक
C) विरोधदर्शक
D) विशेषण
✅ उत्तर: A) कालवाचक - ‘शाबाश!’ किस प्रकार का अव्यय है?
A) तिरस्कार
B) हर्षबोधक
C) आदरबोधक
D) शोकबोधक
✅ उत्तर: B) हर्षबोधक - ‘क्योंकि’ किस प्रकार का समुच्चयबोधक अव्यय है?
A) परिणामदर्शक
B) संकेतसूचक
C) कारणसूचक
D) उद्देश्यसूचक
✅ उत्तर: C) कारणसूचक - ‘न कि’ किस प्रकार का समुच्चयबोधक अव्यय है?
A) विरोधदर्शक
B) वियोजक
C) विकल्पसूचक
D) संकेतसूचक
✅ उत्तर: B) वियोजक - ‘जी’ किस प्रकार का निपात अव्यय है?
A) आदरबोधक
B) निषेध
C) बलप्रदायक
D) तिरस्कार
✅ उत्तर: A) आदरबोधक - ‘धीरे’ शब्द किस प्रकार का क्रिया विशेषण है?
A) कालवाचक
B) रीतिवाचक
C) स्थानवाचक
D) परिमाणवाचक
✅ उत्तर: B) रीतिवाचक - ‘के कारण’ किस प्रकार का अव्यय है?
A) साधनवाचक
B) कारणवाचक संबंधबोधक
C) उद्देश्यसूचक
D) सीमावाचक
✅ उत्तर: B) कारणवाचक संबंधबोधक - ‘चूँकि’ का उपयोग किस अर्थ में होता है?
A) निषेध
B) शोक
C) कारण
D) विकल्प
✅ उत्तर: C) कारण - ‘के लिए’ संबंधबोधक किस श्रेणी में आता है?
A) हेतुवाचक
B) उद्देश्यमूलक
C) साधनवाचक
D) दिशा सूचक
✅ उत्तर: B) उद्देश्यमूलक - ‘नमः’ का अर्थ है:
A) अवहेलना
B) दुआ
C) नमस्कार
D) आदेश
✅ उत्तर: C) नमस्कार - ‘कुत्र’ संस्कृत शब्द का अर्थ है:
A) कब
B) कहाँ
C) कैसे
D) क्यों
✅ उत्तर: B) कहाँ - ‘स्वस्ति’ का प्रयोग कब किया जाता है?
A) श्राप देने
B) हर्ष व्यक्त करने
C) शुभकामना देने
D) तिरस्कार करने
✅ उत्तर: C) शुभकामना देने - ‘शनैः’ का अर्थ है:
A) धीरे
B) तेजी से
C) पीछे
D) पास
✅ उत्तर: A) धीरे - ‘किम्’ संस्कृत शब्द का हिंदी अर्थ है:
A) कौन
B) कब
C) क्या
D) क्यों
✅ उत्तर: C) क्या - ‘ता कि’ किसका उदाहरण है?
A) व्यधिकरण समुच्चयबोधक
B) विरोधदर्शक
C) विकल्पसूचक
D) कालवाचक
✅ उत्तर: A) व्यधिकरण समुच्चयबोधक - ‘समेत’ किस प्रकार का संबंधबोधक अव्यय है?
A) साधनवाचक
B) संग्रहवाचक
C) हेतुवाचक
D) तिरस्कारबोधक
✅ उत्तर: B) संग्रहवाचक - ‘रहित’ शब्द किस संबंधबोधक श्रेणी में आता है?
A) हेतुवाचक
B) विरोधदर्शक
C) सहचरसूचक
D) विकल्पसूचक
✅ उत्तर: A) हेतुवाचक - ‘अहा!’ किसका बोधक है?
A) क्रोध
B) तिरस्कार
C) हर्ष
D) शोक
✅ उत्तर: C) हर्ष - ‘धिक्कार’ शब्द किस श्रेणी में आता है?
A) तिरस्कारबोधक
B) स्वागतबोधक
C) प्रेरणाबोधक
D) संज्ञा
✅ उत्तर: A) तिरस्कारबोधक - ‘उफ!’ में क्या भाव है?
A) क्रोध
B) शोक
C) आश्चर्य
D) प्रशंसा
✅ उत्तर: A) क्रोध - ‘फलतः’ शब्द किसका उदाहरण है?
A) रीतिवाचक
B) परिणामदर्शक
C) उद्देश्यवाचक
D) कालवाचक
✅ उत्तर: B) परिणामदर्शक - ‘था’ किसका उदाहरण है?
A) क्रिया
B) अव्यय
C) विशेषण
D) संबंधबोधक
✅ उत्तर: A) क्रिया - ‘वहाँ’ शब्द किस भाव को प्रकट करता है?
A) काल
B) स्थान
C) क्रिया
D) उद्देश्य
✅ उत्तर: B) स्थान - ‘क्योंकि’ का अंग्रेजी समानार्थी क्या है?
A) So
B) But
C) Since/Because
D) If
✅ उत्तर: C) Since/Because - ‘फिर’, ‘अभी’, ‘कभी’ – किस वर्ग में आते हैं?
A) कालवाचक क्रिया विशेषण
B) निपात
C) संज्ञा
D) संबंधबोधक
✅ उत्तर: A) कालवाचक क्रिया विशेषण - ‘अरे’ का भाव है –
A) विस्मय
B) आदेश
C) निषेध
D) सलाह
✅ उत्तर: A) विस्मय - ‘जा’ शब्द किस श्रेणी में है?
A) क्रिया
B) संकेतसूचक
C) विशेषण
D) आदेश
✅ उत्तर: B) संकेतसूचक - ‘अथवा’ का प्रयोग किस लिए होता है?
A) संयोजन
B) विकल्प
C) निषेध
D) आदेश
✅ उत्तर: B) विकल्प - ‘सर्वत्र’ संस्कृत अव्यय का अर्थ है –
A) कहीं नहीं
B) सब कुछ
C) सब जगह
D) हर समय
✅ उत्तर: C) सब जगह
हिंदी व्याकरण अध्याय सूची:
भाषा, हिन्दी भाषा, वर्ण, शब्द, पद, काल, वाक्य, विराम चिन्ह, संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रिया विशेषण, विस्मयादि बोधक, संबंध बोधक, निपात , वचन, लिंग, कारक, उपसर्ग, प्रत्यय, संधि, छन्द, समास, अलंकार, रस, विलोम शब्द, तत्सम–तद्भव शब्द, पर्यायवाची शब्द, अनेक शब्दों के लिए एक शब्द, एकार्थक शब्द, शब्द युग्म, शुद्ध और अशुद्ध शब्द, मुहावरे, लोकोक्तियाँ, पद्य रचनाएँ, गद्य रचनाएँ, जीवन परिचय।