शब्द (Shabd) – परिभाषा, भेद और उदाहरण | हिन्दी व्याकरण

📘 शब्द (Shabd) – परिभाषा, भेद और उदाहरण | हिन्दी व्याकरण

हिन्दी व्याकरण में शब्द विचार (Shabd Vichar) वह खंड है जिसमें शब्द की संरचना, निर्माण, भेद, प्रयोग, संधि-विच्छेद और रूपांतरण पर विचार किया जाता है।

परिभाषा:
“एक या अधिक वर्णों से बनी स्वतंत्र सार्थक ध्वनि को शब्द कहा जाता है।”

🧠 उदाहरण:

  • एक वर्ण से निर्मित: न (नहीं), व (और)

  • अनेक वर्णों से निर्मित: कुत्ता, फूल, परमात्मा, सर्वव्यापी

भारतीय संस्कृति में शब्द को “ब्रह्म” कहा गया है, जो उसके महत्व को दर्शाता है।

🧩 शब्द के भेद (Shabd ke Bhed)

हिन्दी में शब्दों को उनके उत्पत्ति, प्रयोग और अर्थ के आधार पर विभाजित किया जाता है। नीचे उनके मुख्य प्रकार दिए गए हैं:

1️⃣ व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द

यह शब्द की जड़ या मूल स्रोत के अनुसार विभाजन है।

  • तत्सम शब्द: संस्कृत से यथावत लिए गए शब्द
    👉 उदाहरण: अग्नि, विद्या, आत्मा

  • तद्भव शब्द: संस्कृत से बदले हुए रूप में आए शब्द
    👉 उदाहरण: अग्नि → आग, मातृ → माँ

  • देशज शब्द: क्षेत्रीय भाषाओं से आए
    👉 उदाहरण: कुम्हार, तम्बाकू

  • विदेशज शब्द: विदेशी भाषाओं से लिए गए
    👉 उदाहरण: रेल, टिकट, बैग

2️⃣ उत्पत्ति के आधार पर शब्द

शब्द के निर्माण के ढंग के अनुसार इसका वर्गीकरण होता है।

  • रूढ़ शब्द: जिनका अर्थ उनके हिस्सों से अलग है
    👉 उदाहरण: चापलूस, कपटी

  • योगिक शब्द: दो या अधिक शब्दों के मेल से बने
    👉 उदाहरण: लोकसभा, जलपान

  • यौगिक रूढ़ शब्द: मिश्र रूप जिनमें संधि भी होती है और अर्थ रूढ़ हो चुका होता है
    👉 उदाहरण: राजकुमार, देवदूत

3️⃣ प्रयोग के आधार पर शब्द 

प्रयोग के आधार पर शब्द को दो प्रकार में विभाजित किया जा सकता है: विकारी शब्द और अविकारी शब्द। विकारी शब्द वे हैं जो लिंग, वचन, काल और कारक के अनुसार रूप बदलते हैं, जैसे संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया। अविकारी शब्द वे हैं जो अपने रूप में परिवर्तन नहीं करते, जैसे क्रिया विशेषण, संबंधबोधक, संयोजक, और विस्मयादिबोधक।

यह शब्दों के प्रयोग की स्थिति पर आधारित है:

  • सार्वनामिक शब्द (जिसका प्रयोग किसी संज्ञा के स्थान पर होता है)

  • क्रियात्मक शब्द (जो किसी कार्य को प्रकट करें)

  • विशेषणात्मक शब्द (जो किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताएं)

4️⃣ अर्थ के आधार पर शब्द

अर्थ के आधार पर, शब्दों को दो मुख्य भागों में विभाजित किया जा सकता है: सार्थक और निरर्थक। सार्थक शब्द वे होते हैं जिनका कोई अर्थ होता है, जबकि निरर्थक शब्द वे होते हैं जिनका कोई अर्थ नहीं होता है। 

यहाँ शब्दों का वर्गीकरण उनके अर्थ और संदर्भ के अनुसार होता है:

  • पर्यायवाची (समानार्थी): जैसे जल = पानी

  • विलोम (विपरीतार्थक): जैसे अंधकार – प्रकाश

  • अनेकार्थी: जैसे ‘कला’ – विद्या भी, चाल भी

  • ऋतुशब्द, संबंधशब्द, भाववाचक शब्द आदि भी इसी श्रेणी में आते हैं।

शब्द (Shabd) – परिभाषा, भेद और उदाहरण

📌 शब्द की परिभाषा

हिंदी व्याकरण का दूसरा प्रमुख खंड “शब्द विचार” कहलाता है।
शब्द वह स्वतंत्र सार्थक ध्वनि है, जो एक या अधिक वर्णों से मिलकर बनी हो।

उदाहरण:

  • एक वर्ण से बने शब्द – न (नहीं), व (और)

  • अनेक वर्णों से बने शब्द – कुत्ता, शेर, कमल, नयन, परमात्मा आदि

भारतीय परंपरा में शब्द को “ब्रह्म” की संज्ञा दी गई है।


🧩 1. व्युत्पत्ति (बनावट) के आधार पर शब्द के भेद

📍 1. रूढ़ शब्द

जो शब्द अन्य किसी शब्द से मिलकर न बने हों और जिनके टुकड़े करने पर कोई अर्थ न निकले, वे रूढ़ शब्द कहलाते हैं।
उदाहरण: कल, पर, नमक, औरत

👉 इन शब्दों के वर्ण – क-ल, प-र – अपने आप में अर्थ नहीं रखते।


📍 2. यौगिक शब्द

जो शब्द दो या दो से अधिक सार्थक शब्दों के मेल से बने हों।
उदाहरण:

  • देव + आलय = देवालय

  • राज + पुरुष = राजपुरुष

  • हिम + आलय = हिमालय


📍 3. योगरूढ़ शब्द

ये शब्द यौगिक तो होते हैं, लेकिन सामान्य अर्थ न देकर विशेष अर्थ देते हैं।
उदाहरण:

  • पंक + ज = पंकज → सामान्य अर्थ “कीचड़ में उत्पन्न” लेकिन प्रचलित अर्थ “कमल”

  • दश + आनन = दशानन → “दस मुख वाला” → रावण


🧪 2. उत्पत्ति के आधार पर शब्द के भेद utpati ke aadhar par shabd bhed 

📍 1. तत्सम शब्द

संस्कृत से जैसे-के-तैसे हिंदी में आए शब्द
उदाहरण: अग्नि, रात्रि, सूर्य, वायु


📍 2. तद्भव शब्द

संस्कृत से रूप बदलकर हिंदी में आए शब्द
उदाहरण:

  • अग्नि → आग

  • रात्रि → रात

  • सूर्य → सूरज


📍 3. देशज शब्द

जो शब्द स्थानीय बोलियों और जनजीवन से उत्पन्न हुए हों।
उदाहरण: पगड़ी, थैला, खटखटाना, गाड़ी, झोला


📍 4. विदेशी (विदेशज) शब्द

विदेशी भाषाओं से आए वे शब्द जो अब हिंदी में स्वीकृत हैं।

🌍 विदेशी शब्दों के स्रोत:

  • अंग्रेज़ी: स्कूल, रेडियो, पेन, डॉक्टर, साइकिल

  • फारसी: नमक, दुकान, चश्मा, आदमी, दरबार

  • अरबी: औलाद, कानून, खत, गरीब

  • तुर्की: कैंची, चाकू, तोप

  • पुर्तगाली: अचार, तौलिया, साबुन, कॉफी

  • फ्रेंच: पुलिस, इंजीनियर, कार्टून

  • चीनी: चाय, पटाखा, लीची

  • जापानी: रिक्शा

  • यूनानी: टेलीफोन, ऐटम

  • डच: बम

📘 प्रयोग के आधार पर शब्द के भेद (Shabd Ke Bhed – Prayog Ke Aadhar Par)

हिंदी व्याकरण में प्रयोग के अनुसार शब्दों को आठ भागों में बाँटा गया है। ये सभी शब्द हमारे वाक्य-विन्यास और संप्रेषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

📚 1. संज्ञा (Noun)

किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, गुण या भाव का नाम बताने वाले शब्द।
उदाहरण: राम, गंगा, प्रेम, पुस्तक

👤 2. सर्वनाम (Pronoun)

संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्द।
उदाहरण: मैं, वह, तू, यह

🧾 3. विशेषण (Adjective)

संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्द।
उदाहरण: सुंदर, लंबा, छोटा, तेज

🔧 4. क्रिया (Verb)

जो किसी कार्य, अवस्था या क्रिया को प्रकट करते हैं।
उदाहरण: खाना, जाना, पढ़ना, सोना

⚡ 5. क्रिया-विशेषण (Adverb)

जो क्रिया की विशेषता बताते हैं।
उदाहरण: धीरे, जल्दी, खूब, यहीं

🔗 6. संबंधबोधक (Preposition)

संज्ञा या सर्वनाम को वाक्य के अन्य शब्दों से जोड़ने वाले शब्द।
उदाहरण: के लिए, से, में, तक

🤝 7. समुच्चयबोधक (Conjunction)

दो या दो से अधिक शब्दों, वाक्यों को जोड़ने वाले शब्द।
उदाहरण: और, लेकिन, क्योंकि, या

😲 8. विस्मयादिबोधक (Interjection)

भावनाओं को व्यक्त करने वाले शब्द।
उदाहरण: अरे! वाह! हे! ओह!

🔄 विकारी और अविकारी शब्द:- (Vikari Aur avikari Shabd)

इन आठों में से कुछ शब्द अपने रूप में परिवर्तन करते हैं, कुछ नहीं करते। इसी आधार पर इन्हें दो भागों में बाँटा जाता है:

🔄 विकारी शब्द

जिन शब्दों का रूप समय, लिंग, वचन या पुरुष के अनुसार बदलता है।
उदाहरण: लड़का → लड़के, मैं → हमें, अच्छा → अच्छे

विकारी शब्द हैं: संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया

🛑 अविकारी शब्द

जिन शब्दों का रूप कभी नहीं बदलता।
उदाहरण: और, क्योंकि, यहाँ, अरे

अविकारी शब्द हैं: क्रिया-विशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक, विस्मयादिबोधक

💡 अर्थ की दृष्टि से शब्द-भेद- (Arth ke aadhar par shabd bhed)

✔️ सार्थक शब्द

जिनका कोई निश्चित अर्थ होता है।
उदाहरण: पानी, घर, बच्चा, किताब

❌ निरर्थक शब्द

जिनका कोई निश्चित अर्थ नहीं होता, परन्तु बोलचाल में उपयोग होते हैं।
उदाहरण: रोटी-वोटी, पानी-वानी, बच्चा-कच्चा

📘 शब्दार्थ ग्रहण (Shabdarth Grahan)- shabd Viachar

शब्दार्थ ग्रहण का अर्थ है – शब्द से अर्थ ग्रहण करने की प्रक्रिया। बच्चे समाज में विभिन्न शब्दों के अर्थ को कैसे समझते हैं, इसका गहन अध्ययन भारतीय भाषा चिंतन में किया गया है। इस प्रक्रिया को “शक्ति” कहा जाता है।

📜 उद्धरण (न्यायसिद्धांत मुक्तावली)
शक्तिग्रहं व्याकरणोपमानकोशाप्तवाक्याद् व्यवहारतश्च।
वाक्यस्य शेषाद् विवृत्तेर्वदन्ति सान्निध्यतः सिद्धपदस्य वृद्धाः।।

इस श्लोक के अनुसार शब्द के अर्थ ग्रहण करने के आठ साधन माने गए हैं:

🔹 शब्दार्थ ग्रहण के 8 साधन:

  1. 📘 व्याकरण – भाषा के व्याकरणीय नियमों के आधार पर

  2. 🧠 उपमान – उपमा या तुलना के द्वारा

  3. 📖 कोश – शब्दकोश में दिए गए अर्थ से

  4. 🗣️ आप्त वाक्य – विद्वानों या प्रमाणिक व्यक्तियों के वाक्यों से

  5. 🌍 वृद्ध व्यवहार – बुज़ुर्गों या समाज में प्रचलित व्यवहार से

  6. 📑 वाक्य शेष – वाक्य में बाकी बचे हिस्से से अनुमान

  7. 🔍 विवृत्ति – विस्तार या व्याख्या से

  8. 👥 सिद्ध पद सान्निध्य – पूर्व में ज्ञात शब्दों के पास होने से

🌀 शब्द-शक्ति (Shabd Shakti) Shabd vichar

शब्द से अर्थ बोध कराने वाली शक्ति को ही शब्द-शक्ति कहते हैं। यह तीन प्रकार की होती है: शब्द शक्ति के कितने प्रकार होते हैं? 

1️⃣ अभिधा (मुख्यार्थ की शक्ति)

जो शब्द मुख्य अर्थ बताता है, वह अभिधा कहलाती है। जैसे – कमल का अर्थ एक विशेष फूल।

2️⃣ लक्षणा (परोक्ष अर्थ)

जब मुख्य अर्थ बाधित हो जाए और शब्द किसी लक्षित अर्थ की ओर संकेत करे, तो वह लक्षणा कहलाती है।
उदाहरण – वह शेर है – यहाँ “शेर” बहादुर व्यक्ति के लिए प्रयुक्त है।

3️⃣ व्यंजना (भावार्थ या गूढ़ अर्थ)

जब शब्द कोई छिपा हुआ या भावनात्मक अर्थ व्यक्त करता है तो वह व्यंजना कहलाती है।
जैसे – राधा कृष्ण की मुस्कान में रहस्य है।

🔤 वाचक शब्दों के चार भेद:

  1. जातिवाचक – जैसे: लड़का, लड़की, पेड़

  2. गुणवाचक (विशेषण) – जैसे: सुंदर, तेज, लाल

  3. क्रियावाचक – जैसे: चलना, बोलना

  4. द्रव्यवाचक – जैसे: पानी, दूध, तेल

FAQs – शब्दार्थ ग्रहण (Shabdarth Grahan)

1. शब्दार्थ ग्रहण क्या है?
जब हम किसी शब्द को सुनते या पढ़ते हैं और उसका अर्थ समझते हैं, तो इस प्रक्रिया को शब्दार्थ ग्रहण कहते हैं। यह भाषा का मूल भाव ग्रहण करने की मानसिक प्रक्रिया है।

2. शब्द से अर्थ का बोध कराने वाली शक्तियाँ कौन-कौन सी हैं?
शब्द से अर्थ जानने की तीन मुख्य शक्तियाँ होती हैं: shbd shakti k Prakar

  • अभिधा: सामान्य अर्थ

  • लक्षणा: संकेतित अर्थ

  • व्यंजना: गूढ़ या छिपा अर्थ

3. ‘शक्ति’ का क्या अर्थ है शब्दार्थ ग्रहण में?
शक्ति का अर्थ है वह योग्यता जिससे शब्द किसी अर्थ की ओर संकेत करता है। यह योग्यता ही शब्द और अर्थ को जोड़ती है।

4. शब्द का अर्थ जानने के मुख्य साधन कौन से हैं?
शब्द का अर्थ जानने के लिए आठ प्रमुख साधन माने गए हैं:
व्याकरण, उपमान, कोश, आप्त वाक्य, वृद्ध व्यवहार, वाक्य शेष, विवृत्ति और सिद्ध पद सान्निध्य।

5. अभिधा, लक्षणा और व्यंजना में क्या अंतर है?

  • अभिधा: शब्द का सामान्य और सीधा अर्थ।

  • लक्षणा: मुख्य अर्थ बाधित होने पर अर्थ का संकेत।

  • व्यंजना: शब्द का भावनात्मक या गूढ़ अर्थ।

6. वाचक, लक्षक और व्यंजक शब्द क्या होते हैं? (vachak shavd kise kehte hain)

  • वाचक शब्द: सामान्य अर्थ का बोध कराते हैं (जैसे– कमल)।

  • लक्षक शब्द: किसी संकेत द्वारा अर्थ प्रकट करते हैं (जैसे– शेर = बहादुर)।

  • व्यंजक शब्द: गहरे, अप्रकट अर्थ बताते हैं (जैसे– आँसू = पीड़ा या भावना)।

7. क्या एक ही शब्द से कई अर्थ निकल सकते हैं?
हाँ, एक ही शब्द विभिन्न संदर्भों में अभिधा, लक्षणा और व्यंजना शक्तियों के माध्यम से अलग-अलग अर्थ प्रदान कर सकता है।

shabd hindi grammare

1. ‘शब्द’ किसका समूह होता है?
A. वर्णों का
B. वाक्य का
C. संज्ञा का
D. ध्वनियों का
उत्तर: A. वर्णों का

2. ‘पंकज’ शब्द किस प्रकार का शब्द है?
A. रूढ़
B. यौगिक
C. योगरूढ़
D. तत्सम
उत्तर: C. योगरूढ़

3. ‘राजमहल’ शब्द किस प्रकार का है?
A. तत्सम
B. यौगिक
C. देशज
D. विदेशी
उत्तर: B. यौगिक

4. जो शब्द संस्कृत से बिना परिवर्तन के हिन्दी में आए हैं, उन्हें क्या कहते हैं?
A. तद्भव
B. देशज
C. तत्सम
D. विदेशी
उत्तर: C. तत्सम

5. ‘कुत्ता’, ‘कुत्ते’, ‘कुत्तों’ – ये किस श्रेणी में आते हैं?
A. अविकारी
B. क्रिया
C. विकारी
D. सर्वनाम
उत्तर: C. विकारी

6. ‘स्कूल’, ‘पुलिस’, ‘कैंची’ – ये शब्द किस श्रेणी में आते हैं?
A. तद्भव
B. तत्सम
C. विदेशी
D. यौगिक
उत्तर: C. विदेशी

7. किस शब्द-शक्ति द्वारा मुख्यार्थ से भिन्न अर्थ प्राप्त होता है?
A. अभिधा
B. व्यंजना
C. लक्षणा
D. शाब्दिक
उत्तर: C. लक्षणा

8. ‘पानी-वानी’, ‘रोटी-वोटी’ जैसे शब्द किस श्रेणी में आते हैं?
A. तद्भव
B. निरर्थक
C. यौगिक
D. देशज
उत्तर: B. निरर्थक

9. ‘चारपाई’ शब्द किस प्रकार का है?
A. यौगिक
B. रूढ़
C. योगरूढ़
D. तत्सम
उत्तर: C. योगरूढ़

10. ‘गाड़ी’, ‘थैला’, ‘पगड़ी’ शब्द किस श्रेणी में आते हैं?
A. देशज
B. तद्भव
C. विदेशी
D. तत्सम
उत्तर: A. देशज