कारक: (Karak) – परिभाषा, भेद, उदाहरण
📌 कारक क्या होता है?
हिन्दी में : (Karak In Hindi Grammar)वाक्य के संज्ञा या सर्वनाम शब्द के उस रूप को जिससे क्रिया के साथ उसका संबंध स्पष्ट होता है, कारक कहते हैं।
👉 जैसे – राम ने रावण को बाण से मारा।
इस वाक्य में “राम”, “रावण”, “बाण” आदि शब्दों से कार्य का संबंध प्रकट हो रहा है – यही रूप कारक कहलाते हैं।

कर्ता कारक – कार्य करने वाला (जैसे – राम ने)
कर्म कारक – जिस पर कार्य का प्रभाव पड़े (जैसे – रावण को)
करण कारक – जिससे कार्य किया जाए (जैसे – बाण से)
सम्प्रदान कारक – जिसके लिए कार्य हो (जैसे – श्याम को)
अपादान कारक – जिससे अलगाव हो (जैसे – पेड़ से)
संबंध कारक – संबंध दर्शाने वाला (जैसे – राम का बेटा)
अधिकरण कारक – कार्य जहां घटित हो (जैसे – मेज पर)
संबोधन कारक – जिसे पुकारा जाए (जैसे – हे राम!)
🔤 कारक चिन्ह (विभक्ति या परसर्ग)
कारक | विभक्ति / चिन्ह | अर्थ |
---|---|---|
कर्ता | ने | जो कार्य करता है |
कर्म | को | जिस पर कार्य होता है |
करण | से, द्वारा | जिससे कार्य किया जाए |
सम्प्रदान | को, के लिए | जिसके लिए किया जाए |
अपादान | से | जिससे अलग किया जाए |
संबंध | का, की, के | किसी से संबंध दर्शाना |
अधिकरण | में, पर | कार्य जहां होता है |
संबोधन | हे!, अरे!, ओ! | पुकारने के लिए |
कारकों का संक्षिप्त विवरण और उदाहरण:
1️⃣ कर्ता कारक
परिभाषा: वाक्य में जो कार्य करता है।
चिह्न: “ने” (भूतकाल में प्रयुक्त)
उदाहरण: राम ने किताब पढ़ी। लड़की स्कूल जाती है।
2️⃣ कर्म कारक
परिभाषा: जिस पर कार्य का प्रभाव पड़े।
चिह्न: “को”
उदाहरण: मोहन ने साँप को मारा। सीता फल खाती है।
3️⃣ करण कारक
परिभाषा: जिससे कार्य किया जाए।
चिह्न: “से”, “द्वारा”
उदाहरण: अर्जुन ने बाण से मारा।
4️⃣ सम्प्रदान कारक
परिभाषा: जिसके लिए कार्य हो या जिसे कुछ दिया जाए।
चिह्न: “को”, “के लिए”
उदाहरण: माँ बेटे के लिए सेब लायी।
5️⃣ अपादान कारक
परिभाषा: जिससे अलग होने का बोध हो।
चिह्न: “से”
उदाहरण: बच्चा छत से गिरा। गंगा हिमालय से निकलती है।
6️⃣ संबंध कारक
परिभाषा: दो संज्ञा या सर्वनामों के संबंध को दर्शाता है।
चिह्न: “का”, “की”, “के”
उदाहरण: यह राम का घर है।
7️⃣ अधिकरण कारक
परिभाषा: जहाँ पर क्रिया होती है।
चिह्न: “में”, “पर”
उदाहरण: फूलों पर भँवरा मँडरा रहा है। कमरा में कुर्सी रखी है।
8️⃣ संबोधन कारक
परिभाषा: जिससे किसी को पुकारा जाता है।
चिह्न: हे!, अरे!, ओ!
उदाहरण: हे मित्र! यहाँ आओ।
❓FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1: कारक किसे कहते हैं? 👉 वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम के उस रूप को जिससे क्रिया के साथ संबंध ज्ञात हो, कारक कहते हैं।
Q2: हिन्दी में कितने प्रकार के कारक होते हैं? 👉 हिन्दी में 8 प्रकार के कारक होते हैं।
Q3: संस्कृत में कितने कारक माने गए हैं? 👉 संस्कृत में 6 मुख्य कारक माने जाते हैं (संबंध और संबोधन को छोड़कर)।
Q4: “भँवरा फूलों पर मँडरा रहा है” – इसमें कौन सा कारक है? 👉 इसमें “फूलों पर” अधिकरण कारक है क्योंकि यह कार्य (मँडराना) की स्थिति को दर्शाता है।
हिंदी व्याकरण अध्याय सूची:
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🧑🏫 1. कर्ता कारक (Doer)
परिभाषा:
जिस रूप से क्रिया (कार्य) के करने वाले का बोध होता है वह कर्ता कारक कहलाता है। इसका विभक्ति-चिह्न ‘ने’ है। इस ‘ने’ चिह्न का वर्तमानकाल और भविष्यकाल में प्रयोग नहीं होता है। इसका प्रयोग सकर्मक धातुओं के साथ भूतकाल में किया जाता है।
एक अन्य परिभाषा के अनुसार:
जो वाक्य में कार्य करता है उसे कर्ता कहा जाता है। अर्थात् वाक्य के जिस रूप से क्रिया को करने वाले का पता चले, वह कर्ता होता है।
कर्ता स्वतंत्र होता है।
इस पद को संज्ञा या सर्वनाम माना जाता है।
प्रश्नवाचक शब्दों जैसे “कौन?” से कर्ता का पता लगाया जा सकता है।
संस्कृत का कर्ता ही हिंदी का कर्ता कारक होता है।
“ने” विभक्ति का प्रयोग अधिकतर पश्चिमी हिंदी में होता है।
उदाहरण:
राम ने रावण को मारा।
लड़की स्कूल जाती है।
पहले वाक्य में क्रिया का कर्ता राम है। इसमें ‘ने’ विभक्ति-चिह्न है और क्रिया ‘मारा’ भूतकाल में है।
दूसरे वाक्य में वर्तमानकाल है और ‘ने’ का प्रयोग नहीं हुआ है।
❗ विशेष:
भूतकाल में अकर्मक क्रिया के कर्ता के साथ ने नहीं लगता है।
➤ जैसे: वह हँसा।वर्तमानकाल व भविष्यतकाल की सकर्मक क्रिया के कर्ता के साथ भी ने नहीं लगता है।
➤ जैसे: वह फल खाता है।, वह फल खाएगा।कुछ वाक्यों में ‘को’ तथा ‘से’ का प्रयोग भी कर्ता के रूप में होता है।
➤ जैसे:बालक को सो जाना चाहिए।
सीता से पुस्तक पढ़ी गई।
रोगी से चला नहीं जाता।
🎯 2. कर्म कारक (Object)
परिभाषा:
क्रिया के कार्य का फल जिस पर पड़ता है, वह कर्म कारक कहलाता है। इसका विभक्ति-चिह्न ‘को’ है, लेकिन यह चिह्न हमेशा नहीं लगता।
नियम:
यदि क्रिया में जैसे: बुलाना, सुलाना, पुकारना आदि संज्ञा के साथ हों, तो ‘को’ अवश्य लगेगा।
विशेषण यदि संज्ञा की तरह प्रयोग हो तो भी ‘को’ लगता है।
उदाहरण:
मोहन ने साँप को मारा।
लड़की ने पत्र लिखा।
➤ पहले वाक्य में ‘मारने’ की क्रिया का फल साँप पर पड़ा है — अतः वह कर्म है और ‘को’ विभक्ति लगी है।
➤ दूसरे वाक्य में पत्र कर्म है, लेकिन ‘को’ नहीं लगा क्योंकि हिंदी में यह वैकल्पिक होता है।
अन्य उदाहरण:
अध्यापक छात्र को पीटता है।
सीता फल खाती है।
ममता सितार बजा रही है।
गोपाल ने राधा को बुलाया।
मेरे द्वारा यह काम हुआ।
राम को बुलाओ।
बड़ों को सम्मान दो।
माँ बच्चे को सुला रही है।
उसने पत्र लिखा।
🔧 3. करण कारक (Instrument/Means)
परिभाषा:
जिस साधन या माध्यम से कार्य संपन्न हो, वह करण कारक कहलाता है। इसके विभक्ति-चिह्न हैं – ‘से’, ‘द्वारा’।
उदाहरण:
अर्जुन ने जयद्रथ को बाण से मारा।
बालक गेंद से खेल रहे हैं।
➤ पहले वाक्य में कार्य करने का साधन बाण है — अतः यह करण कारक है।
🎁 4. संप्रदान कारक (Recipient)
परिभाषा:
जिसे कुछ दिया जाए या जिसके लिए कार्य किया जाए — उसे संप्रदान कारक कहते हैं।
इसके विभक्ति चिह्न हैं – ‘को’, ‘के लिए’।
पहचान:
किसके लिए? ➤ इस प्रश्न से संप्रदान का पता चलता है।
उदाहरण:
स्वास्थ्य के लिए सूर्य को नमस्कार करो।
गुरुजी को फल दो।
अन्य उदाहरण:
गरीबों को खाना दो।
मेरे लिए दूध लेकर आओ।
माँ बेटे के लिए सेब लायी।
अमन ने श्याम को गाड़ी दी।
मैं सूरज के लिए चाय बना रहा हूँ।
भूखे के लिए रोटी लाओ।
वे मेरे लिए उपहार लाए हैं।
🪂 5. अपादान कारक (Separation/Source)
परिभाषा:
जहाँ पर एक वस्तु किसी अन्य वस्तु से अलग हो रही हो, वहाँ अपादान कारक होता है।
विभक्ति चिह्न: ‘से’
प्रश्नवाचक पहचान: किससे?
उदाहरण:
बच्चा छत से गिर पड़ा।
संगीता घोड़े से गिर पड़ी।
➤ ‘छत से’ और ‘घोड़े से’ — दोनों में अलगाव हो रहा है — अतः अपादान कारक।
🧩 6. संबंध कारक (Relation)
परिभाषा:
किसी एक वस्तु का दूसरी से संबंध दर्शाने वाला कारक है संबंध कारक।
विभक्ति-चिह्न: का, के, की, रा, रे, री आदि।
उदाहरण:
यह राधेश्याम का बेटा है।
यह कमला की गाय है।
अन्य उदाहरण:
राम का लड़का, श्याम की लड़की, गीता के बच्चे
मेरा लड़का, मेरी लड़की, हमारे बच्चे
अपना घर, अपनी बात, अपने विचार
🏠 7. अधिकरण कारक (Location)
परिभाषा:
जहाँ पर कार्य होता है, उस स्थान को दर्शाने वाला कारक अधिकरण कारक कहलाता है।
विभक्ति-चिह्न: में, पर
पहचान:
किसमें? किस पर? कहाँ पर?
उदाहरण:
भँवरा फूलों पर मँडरा रहा है।
कमरे में टीवी रखा है।
अन्य उदाहरण:
हरी घर में है।
पुस्तक मेज पर है।
पानी में मछली रहती है।
फ्रिज में सेब रखा है।
वह सुबह गंगा किनारे जाता है।
कुरुक्षेत्र में महाभारत का युद्ध हुआ था।
📣 8. संबोधन कारक (Vocative)
परिभाषा:
जिससे किसी को पुकारा जाए या सचेत किया जाए, उसे संबोधन कारक कहते हैं।
संबोधन चिह्न: (!)
उदाहरण:
अरे भैया! क्यों रो रहे हो?
हे गोपाल! यहाँ आओ।
- क्रिया विशेषण
- संबंधबोधक
- विस्मयादिबोधक
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